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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टीने कहा है कि वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुमत न मिलने पर विपक्ष में बैठेगी। उत्तरप्रदेश के भावी राजनीतिक घटनाक्रम को अच्छी तरह भांप चुकी भाजपा ने यूं तो साफ कर दिया है कि वह सरकार बनानेके लिए बसपा या सपाके साथ नहीं खड़ीहोगी, मगर वास्तवमें उसने अपनी परंपरागत मित्र बहुजनसमाज पार्टी को यह संदेश दियाहै कि वह इस मुगालते में न रहे कि इस बार भी भाजपा उसका साथ दे सकती है। भाजपा मानतीहै कि राज्य में चुनाव मेंकिसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने जा रहा है, उसकी स्थिति में भी किसी ज्यादा बड़े सुधार कीआशा नहीं है, किंतु इस बार सरकार बनाने की चाभी उसकेपास होगी। भाजपा काविपक्ष में बैठने का चुनाव पूर्वबयान खासतौर से बसपा के लिए काफी महत्व रखता है।
बसपा दो ही प्रकार सेसत्ता में लौट सकती है, या तो वह पूर्व की भांति अपने बूते बहुमत हासिल करे या फिर उसकी सरकार बनवानेके लिए पर्याप्त संख्या बल के साथ कोई उसके साथ आए। मौजूदा राजनीतिक हालात देखते हुए सपा और कांग्रेस के बसपाके साथ जाने की कोई संभावना नहीं दिखती, केवल भाजपा याराष्ट्रीय लोकदल ही बसपा केसाथ खड़े हो सकते हैं, लेकिन इसबार भाजपा, नई सरकारके गठन में बसपा को समर्थन नहीं ही देगी, इसका ऐलान भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी कर चुके हैं। इस ऐलान में यह गुंजाईश मौजूदहै कि यदि मायावती को सपा, कांग्रेस और लोकदल के संभावित गठबंधन से बचना है तो बसपा भाजपा की सरकार बनवाएअन्यथा वह सपा, कांग्रेस, लोकदल गठबंधन की सरकार का सामना करने के लिएतैयार रहे। सपा फिलहाल कांग्रेस या रालोद के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ रही है किंतुइस बात की प्रबल संभावना है कि सपा चुनाव बाद कांग्रेस-रालोद गठबंधन में शामिल होगी।
बसपा के लिए यही सबसेख़तरनाक स्थिति होगी। भाजपा भी नहीं चाहेगी कि राज्य में सपा-कांग्रेस-रालोद गठबंधन सरकार मेंआए। भाजपा यह भी नहीं चाहती कि वह बसपा को किसी भी प्रकार का समर्थन दे भले ही उसेविपक्ष में बैठना मंजूर है। बसपा की स्थिति एक मछली की तरह है जो पानी के बाहर जिंदा नहीं रह सकती। बसपा भीजानती है कि उसके लिए भाजपा में भी कोई सहानुभूति रखने वाला निर्णायक नेता नहीं है। अटल बिहारी बाजपेयीअब शैय्या परहैं, लालकृष्णआडवाणी से मायावती को कोई आशा नहीं, भाजपा का नेतृत्व नितिनगडकरी के हाथ में है, जो अपनी शर्तोंपर बसपा से समर्थनतो ले सकते हैं, लेकिन बसपाको समर्थन नहीं देंगे, उन्हें विपक्ष में बैठना मंजूरहै। इस स्थिति में बसपा का भाजपा के सामने समर्पण कोई आश्चर्य नहीं होगा। भाजपा कादृष्टि पत्र जारी करते हुए गडकरी ने साफ कर ही दिया है कि भाजपा किसी को समर्थन नहींदेगी। जाहिर है, यह स्पष्ट इशारा बसपा के लिए है, इसलिए उत्तरप्रदेश में भाजपा केशिविर में सत्ता में न आने की चिंता भी दिखाई नहीं देती है। उसके नेता समझ रहे हैंकि इस बार भाजपा का कमल खिलेगा भले ही उसका कोई और तरीका हो।
भारतीय जनता पार्टी केराष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भाजपा के दृष्टि पत्र का समारोहपूर्वकविमोचन किया। नितिन गडकरीने पिछले साल अगस्त मेंलखनऊ में भाजपा की राष्ट्रीयकार्यसमिति की बैठक में घोषणा की थी कि पार्टी, उत्तर प्रदेश के स्वर्णिमभविष्य और समग्र विकास के लिए एक दृष्टि पत्र तैयार करेगी, सोमवार को उन्होंने ‘हमारे सपनों का उत्तर प्रदेश’ ‘नया उत्तर प्रदेश’ ‘सर्वोत्तम उत्तर प्रदेश’ जारी किया।दृष्टि पत्र को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी के नेतृत्व में 24 सदस्यों की एक समिति ने बनाया है। भाजपा के अनुसार इस दृष्टि पत्र के सार को इन शब्दों में व्यक्तकिया जा सकता है-‘संतुलित विकासकी एक परिकल्पना, जिसमें सबकोसुरक्षा, सबकी संपंनताव सामाजिक असंतुलन रहित प्रदेश के पुनरोत्थान, कला, संस्कृति और आध्यात्मकी गौरवशाली ऐतिहासिक धरोहर की पुनः प्राप्ति होगी, भाजपा का लक्ष्य उत्तरप्रदेश को सुशासन, विकास व सामाजिकसमरसता के रास्ते देश के अग्रिम पंक्ति के राज्यों स्थापित करना है।’
दृष्टि पत्र में भाजपाने दावा किया है कि उसकी प्रतिबद्धतान उगाही, न गुंडई, न महंगाई न भ्रष्टाचार, न शोषण नकुपोषण, पारदर्शिता, दूरदर्शिताहोगी साकार, हम देंगेसाफ-सुथरी सरकार।दृष्टि पत्र में भाजपा ने कहा है कि विकास और सुशासन के बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है, सामाजिक न्यायके बिना विकास अधूरा और असंतुलित रहेगा तथा लोकतांत्रिक शासन कमजोर होगा। उत्तर प्रदेश में पिछले दशकके शासनकर्ताओं ने सामाजिक न्याय के नारे तो खूब लगाये, परंतु विकास और सुशासनको तिलांजलि दे दी। भाजपा विकास, सामाजिक न्यायऔर साफ-सुथरा शासन, इन तीनो आदर्शोके लिए समान और समग्र रूप से प्रतिबद्ध है।
भाजपा ने दृष्टि पत्र में कहा हैकि उत्तर प्रदेशबीमार प्रदेश नहीं, जुझारू प्रदेशहै, सर्वोत्तमप्रदेश बनने की सभी संभावनाएं इसमें निहित हैं। उत्तर प्रदेश का गौरवशाली अतीत है, यह देश का मर्मस्थल है, भारत और दक्षिण एशियाका दीपक है, आध्यात्ममें प्रबल, भक्ति आंदोलनऔर स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी, कला और संस्कृति का संगम, गंगा जमुनी तहज़ीब की पहचान, राष्ट्रीय एकता की श्रद्धाभूमि है, फिर भी आज उत्तर प्रदेश कंगाल बना हुआ है। उत्तरप्रदेश का कुरूपवर्तमान, बिजली कासंकट अत्यंत दयनीय है, किसान त्रस्तहै, छात्र त्रस्तहै, लखनऊ छोड़हर यूपी वासी त्रस्तहै। गांवों में अभी तक पक्की सड़क नहीं है, बाल मृत्युदर, मातृ मृत्युदर, ग्रामीण स्वच्छता, अंधापन औरशारीरिक विकलांगता के आकड़े निम्न स्तर पर हैं, किसान और बुनकर आत्महत्या कर रहे हैं, रोजगार केलिए यूपी वासी प्रदेशछोड़ के जा रहेहैं, प्रदेश प्रतिभाकी दृष्टि से बंजर होता जा रहा है।
दृष्टि पत्र के अनुसार भाजपा के सपनो के उत्तरप्रदेश में स्वयं के महिमामंडन की प्रवृति का कोई स्थान नहीं है, मायावती केबनाए तमाम स्मारकों और पार्को में संत कबीर, संत रविदास, ऊदा देवी, बिजली पासी, झलकारी बाईजैसी सभी जाति-समाज की महानविभूतियों की प्रतिमाओं को स्थापित करने का कार्य भाजपा करेगी, सरकारी संस्थान एवं योजनाएंबसपाईयों की निजी संपत्ति नहीं हो सकती है, प्रशासन जनता की सेवा के लिए और जनता प्रशासनकी मालिक है। गाजियाबादसे गाज़ीपुर, बांदा सेबहराइच तक फैले मायावती के हजारो करोड़ रुपये के भ्रष्टाचारी साम्राज्य का उन्मूलन, गुजरात कीतर्ज़ पर विकास, भ्रष्टाचारमुक्त शासन, भ्रष्टाचारियोंकी संपत्ति ज़प्त करना, सिटीजन चार्टरलागू करना, नागरिक समस्याओंका समयबद्ध समाधान, हर हाथ कोकाम, हर खेत कोपानी, हर जाति काविकास, हर गांव नगरमें खुशहाली, विरासत औरआधुनिकता का संगम, हर मोर्चेपर उत्तर प्रदेश की हो जय हो।
सामाजिक समरसता के साथसामाजिक न्याय, सब जाति समान, सब जाति महान, दलित, अति दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, वनवासी तथासमाज के सभी वर्गों के लिए सत्ता, संपत्ति और सम्मान, अल्पसंख्यकवाद का विरोध, मुस्लिमों के लिए न्याय और सुरक्षा की गारंटी, कांग्रेस, सपा और बसपा अपने छुद्रलाभ के लिए मुस्लिम भाइयों को भाजपा के प्रति झूठा डर दिखा कर समाज को विभाजित कर रहेंहैं। दृष्टि विजन को साकारकरने के लिए भाजपा का मिशन है।