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Sunday 18 August 2013 11:01:17 AM
नीमराना-राजस्थान। वर्तमान में निकटतम कार्गो पोर्ट दिल्ली और ड्राई-पोर्ट रेवाड़ी (हरियाणा) में होने से उद्यमियों को हो रही असुविधा को दूर करने के लिए नीमराना के निकट एक कार्गो एयरपोर्ट बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। यह हवाई अड्डा अजरका और कोटकासिम के मध्य बनाना प्रस्तावित है। इससे नीमराना-शाहजहांपुर-भिवाड़ी और बहरोड़ में स्थापित उद्योगों के उत्पादों को कार्गो परिवहन की सुविधा मिलेगी और उन्हें बहुत ही कम समय में देश-विदेश के गंतव्य स्थानों एवं बाजारों तक पहुंचाया जा सकेगा। इस कार्गो हवाई अड्डे को नीमराना से जोड़ने के लिए नीमराना-टपूकड़ा के मध्य छह लेन का एक समर्पित रोड बनाया जाना भी प्रस्तावित है, जिसकी लंबाई मात्रा 50 किलोमीटर होगी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत बनने वाले तीन उप महानगरों में भी नीमराना-शाहजहांपुर और बहरोड़ को शामिल किया जाना प्रस्तावित है। डीएमआरसी के निवेश क्षेत्र के अंतर्गत नीमराना और खुशखेड़ा को पहले चरण में शामिल कर यहां नोएडा-गुड़गांव-फरीदाबाद जैसी औद्योगिक टाऊनशिप विकसित करने की भी योजना है, जिससें भविष्य में पूरे क्षेत्र का संर्वागीण विकास होगा। नीमराना को आने वाले कल का भविष्य मानने वाले राजस्थान के उद्योग मंत्री राजेंद्र पारीक बताते हैं कि जापान में पिछले वर्षो में आए जर्बदस्त झंझावतों के बावजूद वे नीमराना में निवेश के प्रति जबर्दस्त रूझान बनाए हुए हैं। प्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्यमी आधारभूत सुविधाओं और विदेशी निवेशकों के प्रति राज्य सरकार के उदार दृष्टिकोण से प्रभावित होकर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। इसी के फलस्वरूप हीरो होंडा, अशोक लिलेंड, मारूति, आईसर, सेन-गॉबिन,जैसी कंपनियां प्रदेश में अपने उद्योगों की स्थापना कर रही हैं।
रीको के अध्यक्ष एवं राज्य के प्रमुख उद्योग सचिव सुनील अरोड़ा भिवाड़ी से शाहजहांपुर नीमराना और बहरोड़ तक के क्षेत्र को देश के एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होने की उम्मीद रखते हैं, साथ ही इस क्षेत्र में प्रस्तावित दिल्ली-मुंबई फ्रेट कोरीडोर, बड़े आवासीय परिसरों के निर्माण, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपमहानगरों के बसावट आदि योजनाओं और यहां बड़े उद्योगों के सहायक कुटीर उद्योगों के पनपने और शैक्षणिक संस्थाओं होटल्स, वाणिज्यिक संस्थाओं आदि के आगमन के साथ ही अलवर, सरिस्का वन अभ्यारण्य, नीमराणा दुर्ग सहित मौजूदा पर्यटन केंद्रों के पर्यटन की दृष्टि से और अधिक विकास की संभावनाओं को प्रदेश के चहुंमुखी विकास में मील का एक और पत्थर लगने के समान मानते हैं।
इसी प्रकार नीमराना और तीजारा फोर्ट, तीजारा का जैन मंदिर तथा सरिस्का टाईगर डेन और अलवर के सुरम्य पर्यटन स्थलों से नजदीक होने से नीमराना में औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यटन विकास की संभावनाओं को भी बल मिलने की उम्मीद है।