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Wednesday 11 September 2013 08:40:19 AM
नई दिल्ली। स्ट्रीट वेंडर्स (जीविका सुरक्षा तथा स्ट्रीट वेंडिंग विनियम) विधेयक 2012 के बारे में पूछा जा रहा है कि यह विधेयक क्यों आवश्यक है, जिसे लोकसभा ने हाल ही संपन्न सत्र में पारित किया है। इस सवाल पर सरकार ने कहा है कि स्ट्रीट वेंडर्स शहरी अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग हैं। स्ट्रीट वेंडिंग न केवल शहरों और कस्बों में गरीबों के वास्ते स्व-रोज़गार का जरिया है, बल्कि ज्यादातर शहरी आबादी, विशेषकर आम आदमी को किफायती और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करने का साधन भी है। स्ट्रीट वेंडर्स अक्सर वे लोग होते हैं, जो औपचारिक क्षेत्र में नियमित काम पाने में सक्षम नहीं हो पाते और वे अपनी जीविका की समस्या मामूली वित्तीय संसाधन और परिश्रम से दूर करने की कोशिश करते हैं। शहरी समाज में रेहड़ी-पटरी वालों के महत्वपूर्ण योगदान विशेषकर, तुलनात्मक रूप से समाज के गरीब वर्गों के प्रति योगदान पर गौर करते हुए तथा काम का सम्मानजनक माहौल बना कर उनको सम्मानित ढंग से आजीविका कमाने में समर्थ बनाने के लिए भारत सरकार ने इस विधेयक की पेशकश की, जो देश में स्ट्रीट वेंडर्स के जीविका के अधिकार की रक्षा और उनकी सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान प्रस्तुत करता है।
विधेयक के मुख्य प्रावधान इस प्रकार हैं-विधेयक में सभी वर्तमान स्ट्रीट वेंडरों के सर्वेक्षण और उसके बाद प्रत्येक पांच वर्ष में कम से कम एक बार पुनर्सर्वेक्षण का प्रावधान है और विधेयक में यह व्यवस्था है कि सर्वे पूरा होने तथा स्ट्रीट वेंडरों को प्रमाण पत्र जारी होने तक किसी भी स्ट्रीट वेंडर को उस स्थान से हटाया या पुनर्स्थापित नहीं किया जाएगा। विधेयक में स्ट्रीट वेंडर्स को प्रताड़ना से बचाने तथा उनकी जीविका को बढ़ावा देने का उपाय कर सबको शामिल किया गया है। यह विधेयक स्ट्रीट वेंडर्स को पुलिस और नगर प्रशासन की प्रताड़ना से संरक्षण प्रदान करता है। विधेयक में स्ट्रीट वेंडर्स को पुलिस और अन्य विभागों की प्रताड़ना से बचाने के लिए विशेष अनुच्छेद का प्रावधान किया गया है। विधेयक का एक खंड विशेष रूप से प्रावधान करता है-“किसी अन्य कानून के लागू होने के बावजूद अपने वेंडिंग प्रमाण-पत्र में दी गई शर्तों के अनुरूप स्ट्रीट वेंडिंग की गतिविधियां चलाने वाले किसी भी स्ट्रीट वेंडर को, किसी व्यक्ति अथवा पुलिस अथवा किसी अन्य विभाग द्वारा उस समय लागू किसी अन्य कानून के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए उसकी गतिविधियां चलाने के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकेगा।”
इसमें कार्यान्वयन प्राधिकरण टाउन वेंडिंग कमेटी का प्रावधान है। टाउन वेंडिंग कमेटी के फैसलों पर दाखिल की जाने वाली अपीलों की सुनवाई के लिए शिकायत निवारण तंत्र है, मिसाल के तौर पर अगर किसी स्ट्रीट वेंडर को वेंडिंग का प्रमाण-पत्र देने से इंकार कर दिया जाए तो वह कहां गुहार लगाएगा। यह विधेयक गैर-न्यायिक शिकायत निवारण तंत्र का प्रावधान करता है। टाउन वेंडिंग कमेटी के किसी स्ट्रीट वेंडर को वेंडिंग का प्रमाण-पत्र जारी करने से इंकार करने अथवा कानून के प्रावधानों के तहत प्रमाण-पत्र रद्द या निलंबित करने के फैसले के विरूद्ध पीड़ित स्थानीय प्राधिकरण को अपील कर सकता है। यह विधेयक समाज के प्रति स्ट्रीट वेंडर्स के दायित्वों का प्रावधान करता है। स्ट्रीट वेंडर्स को अपने वेंडिंग क्षेत्र में तथा उसके आस-पास की जगह साफ सफाई और सार्वजनिक स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए, ताकि उसके वेंडिंग जोन की नागरिक सुविधाएं और सार्वजनिक संपत्ति अच्छी हालत में रहे और उन्हें किसी तरह का नुकसान और हानि न पहुंचे, वे रख-रखाव संबंधी शुल्क का भुगतान करें, नो-वेंडिंग जोन में वेंडिंग गतिविधियां न करें आदि। ये विधेयक स्ट्रीट वेंडर्स की जीविका के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ लोगों का बिना किसी रूकावट के सड़कों पर आसानी से चलने का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए भी उचित नियोजन उपायों का प्रावधान करता है।
विधेयक स्ट्रीट वेंडर्स के साजो-सामान और वस्तुओं को नुकसान से बचाता है, क्योंकि अक्सर ऐसा देखा गया है कि अधिकारी उनका सामान जब्त कर लेते हैं और स्ट्रीट वेंडर्स को उसे छुड़ाने के लिए एक जगह से दूसरी जगह भागना पड़ता है। खराब होने वाली वस्तुओं के मामलें में, अगर वे समय पर न लौटाई जाएं तो वे बरबाद हो जाती हैं और स्ट्रीट वेंडर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय स्ट्रीट वेंडर्स को होने वाली इस परेशानी से अवगत है। दरअसल इस बारे में स्ट्रीट वेंडिंग समुदाय से मंत्रालय को कई ज्ञापन मिले हैं, जिसमें उन्होंने वस्तुओं के जब्त होने और उन्हें छुड़ाने से संबंधित विशिष्ट प्रावधानों की जरूरत उजागर की है। वस्तुओं को जब्त किए जाने को आखिरी कार्रवाई बनाने, इतना ही नहीं स्थानीय अधिकारियों की ओर से स्ट्रीट वेंडर को 30 दिन का नोटिस भेजे जाने के बाद ही ऐसा करने का प्रावधान किया गया है। विधेयक में विशेषतौर पर इस बात का प्रावधान किया गया है कि अगर वस्तुओं को जब्त किया जाए, तो उन वस्तुओं की सूची तैयार की जानी चाहिए और वस्तुओं को जब्त करने के लिए अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर वाली उसकी एक प्रति स्ट्रीट वेंडर को जारी की जानी चाहिए।
इस प्रकार स्ट्रीट वेंडर को उचित जुर्माना चुकाने के बाद उन वस्तुओं को वापस पाने का अधिकार है। इस विधेयक में खराब न होने वाली वस्तुओं के लिए भी यह प्रावधान है कि स्थानीय अधिकारी को स्ट्रीट वेंडर का दावा पेश किए जाने के 2 कार्य दिवसों के भीतर उन वस्तुओं को छोड़ना होगा। खराब होने वाली वस्तुओं के मामले में स्थानीय अधिकारी को स्ट्रीट वेंडर का दावा किए जाने वाले दिन ही वस्तुओं को छोड़ना होगा। इस प्रकार यह विधेयक वस्तुओं के जब्त होने के मामले में स्ट्रीट वेंडर्स को उचित संरक्षण प्रदान करता है।