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Thursday 20 February 2014 02:56:17 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय उपभोक्ताओं और उत्पादकों के हित में मानकों को लेकर कई नयी योजनाएं शुरू कर रहा है। इनमें कम जोखिम वाले उत्पादों के निर्माताओं का अपने उत्पादों के संबंध में भारतीय मानकों और सुरक्षा मानकों की स्वयं घोषणा किया जाना, तत्काल योजना के तहत 30 दिन के भीतर लाइसेंस दिया जाना, ज्वैलरी की हॉलमार्क वाली प्रत्येक वस्तु को विशिष्ट पहचान नंबर दिया जाना तथा छोटे ज्वैलरों की लाइसेंस फीस में कटौती शामिल है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रोफेसर केवी थॉमस ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि कम जोखिम वाली वस्तुओं के निर्माताओं को अपने उत्पादकों के सुरक्षा मानकों और भारतीय मानकों की स्वयं घोषणा करने का अधिकार दे दिए जाने से बीआईएस के अधिकारी उन उत्पादों की जांच के लिए फैक्ट्री में नहीं जाएंगे। तत्काल योजना के अंतर्गत 30 दिन के भीतर लाइसेंस दिए जाने की प्रक्रिया के तहत लाइसेंसों को तीन वर्गों-स्टार लाइसेंस, सामान्य लाइसेंस और सीमांत लाइसेंस में विभाजित कर दिया गया है। ज्वैलरी की हॉलमार्क वाली वस्तुओं के बारे में शीघ्र जानकारी हासिल कर लिए जाने के ध्येय से ऐसी प्रत्येक वस्तु को विशिष्ट पहचान दिए जाने की योजना शुरू की जा रही है। ज्वैलरों की लाइसेंस की फीस को भी न्याय संगत बनाया जा रहा है।
प्रोफेसर केवी थॉमस ने बताया कि 3 से 10 लाख की जनसंख्या वाले कस्बों के ज्वैलरों से तीन वर्ष के लिए 5,000 रूपए लाइसेंस फीस के रूप में लिए जाएंगे, जबकि तीन लाख से कम आबादी वाले कस्बों के ज्वैलरों को इसी अवधि के लाइसेंस के लिए 2500 रूपए देने होंगे। बीआईएस उपभोक्ताओं के हित में विभिन्न वस्तुओं की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सुरक्षा के संबंध में प्रमाणपत्र देने की योजनाओं के अंतर्गत 40 हजार से अधिक लाइसेंस दे चुका है। उनमें उत्पादों, ज्वैलरी और प्रबंधन व्यवस्था के लाइसेंस शामिल हैं।