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Sunday 03 February 2013 04:49:34 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि प्रदूषण फैलाने के कारण प्रदेश की बंद कराई गई 201 उद्योग इकाइयों को कुंभ मेला के दौरान किसी भी स्थिति में कतई नहीं चलने दिया जाए। उन्होंने कहा कि गंगा नदी की अविरलता एवं निर्मलता बनाए रखने के लिए प्रदूषित पानी, गंगा में कतई नहीं पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की ढेला एवं कोसी नदियों के माध्यम से आने वाले प्रदूषित पानी को रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार से अनुरोध कर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इलाहाबाद में प्रतिदिन दो बार गंगा एवं यमुना नदी के जल की गुणवत्ता का अनुश्रवण कर विस्तृत रिपोर्ट समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाए, ताकि जनमानस को भी जल की गुणवत्ता की जानकारी हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कुंभ मेला के दौरान संगम में स्नानार्थियों के लिए पर्याप्त जल अवश्य उपलब्ध रहे, किंतु सिंचाई विभाग यह सुनिश्चित करे कि अधिक जलापूर्ति के कारण घाटों एवं पेंटून ब्रिज को कोई क्षति भी न होने पाए।
मुख्य सचिव ने शनिवार को शास्त्री भवन में कुंभ मेला-2013 के दौरान गंगा नदी की अविरलता एवं निर्मलता बनाए रखने के लिए औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण हेतु आयोजित बैठक में कहा कि बंदी आदेश के बावजूद संचालित पाए गए 29 बंद टेनरी उद्योगों को विद्युत संयोजन पोल से विच्छेदित कर उनके विरूद्ध विशेष न्यायालय में मुकदमा दायर करा दिया गया है। उन्होंने बैठक में एमडी केस्को के उपस्थित न होने पर तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण प्राप्त कर उत्तर संतोषजनक न होने पर प्रतिकूल प्रविष्टि देने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कानपुर नगर की भांति उन्नाव के समस्त टेनरी उद्योगों को कुंभ मेला अवधि तक प्रत्येक दशा में स्वेच्छा से बंद कराना जिलाधिकारी सुनिश्चित करें। यदि किसी भी स्तर पर टेनरी व अन्य प्रदूषणकारी उद्योगों के चलने की सूचना प्राप्त हुई तो संबंधित अधिकारियों की ख़ैर नहीं।उस्मानी ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर, वृंदावन, मथुरा, आगरा में स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को पूर्ण क्षमता पर न चलाए जाने के संबंध में जल निगम के किसी अधिकारी से जांच कराकर आख्या प्रमुख सचिव, पर्यावरण को प्रस्तुत की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रमुख स्नान पर्वों की तिथि को जनपदों से आने वाले पानी के समय की गणना कर संबंधित जनपद अपने जनपदों के उद्योगों को स्वेच्छा से दो दिन तक अवश्य बंद कराए रखें, ताकि उनके जनपद के उद्योगों से किसी भी स्थिति में प्रदूषित पानी गंगा नदी तक न पहुंचने पाए। मुख्य सचिव ने गंगा नदी में शासन एवं प्रशासन के प्रयासों से स्नानार्थियों को इलाहाबाद में मिल रहे स्वच्छ जल पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी स्नान पर्वों में भी पूर्व की भांति स्वच्छ जल स्नानार्थियों को उपलब्ध कराने हेतु निरंतर अनुश्रवण कराया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव पर्यावरण वीएन गर्ग, सचिव सिंचाई एसपी गोयल, आबकारी आयुक्त महेश गुप्ता, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जेएस यादव सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी भी उपस्थित थे।