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Saturday 27 August 2016 03:26:24 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चौदहवें वार्तालाप की अध्यक्षता करते हुए स्कूल शिक्षा और साक्षरता से संबंधित शिकायतों के संचालन और समाधान की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अब लोगों के बीच एक उम्मीद है कि सरकार इन शिकायतों को हल करने में सक्षम हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से संबंधित अधिकारियों से छात्रों की शिकायतों का समाधान करने के लिए उनके द्वारा अपनाए जा रहे साधनों को व्यवस्थित करने को कहा। उन्होंने स्कूली बच्चों को असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए सभी उपलब्ध तकनीकी उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित करने के उन्हें निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उदाहरण के तौर पर सभी मंत्रालयों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग के लिए अपने पहले दिए निर्देशों को याद किया। उन्होंने कहा कि ये छात्रों के लिए परीक्षा केंद्रों के सटीक जगह पहुंचने में आनी वाली दिक्कतों को कम करने में मदद कर सकता है। सुगम्य भारत अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री को स्कूलों, सार्वजनिक भवनों और रेलवे स्टेशनों आदि की सुगम्यता में हुए सुधार की प्रगति से अवगत कराया गया। उन्होंने इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की दिखाई गई संवेदनशीलता की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि आधार नामांकन की प्रगति के मूल्यांकन के दौरान यह पाया गया है कि समग्र नामांकन अब 105 करोड़ के करीब है और उत्तर-पूर्वी राज्य, जो इस संबंध में पीछे रहे हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
नरेंद्र मोदी ने राज्यों से 5 से 18 साल की आयुवर्ग के बच्चों के बीच नामांकन में तेजी लाने का आग्रह किया है, ताकि उनके लिए छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षिक लाभ और अधिक सुलभ हो जाएं। उन्होंने सड़क, रेलवे और बिजली क्षेत्र में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में फैली हुई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। समीक्षा की गई परियोजनाओं में नांगल बांध-तलवाड़ा रेल लाइन है, जिसे पहली बार 1981-82 में मंजूर किया गया था और तब से ये लंबित पड़ी है। प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मुख्य सचिवों पर जमीनी स्तर पर काम आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि इस परियोजना में आगे देरी से बचा जा सके। प्रगति-प्रो-एक्टिव प्रशासन और समय पर क्रियांवन के लिए आईसीटी-आधारित मल्टी-मॉडल प्लेटफॉर्म है।