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Friday 8 February 2019 02:31:49 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग और नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने दिल्ली में भारत-अफ्रीका रणनीतिक आर्थिक सहयोग पर संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा है कि भारत का सदियों से अफ्रीका के साथ मजबूत संबंध रहा है और हाल के समय में भारत और अफ्रीकी देशों के बीच विकास और आर्थिक साझेदारी काफी मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीकी देश समावेशी विकास, व्यापार, निवेश और मजबूत आर्थिक साझेदारी में समान हित साझा करते हैं।
वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत-अफ्रीका के बीच व्यापार में शानदार वृद्धि हुई है, जिसका कारण अफ्रीकी तथा भारतीय कॉरपोरेट का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, भारत सरकार का 2002 में अफ्रीका-भारत के बीच व्यापार एवं निवेश को प्रोत्साहन, वर्ष 2008 में भारत सरकार की अति पिछड़े देशों के लिए ड्यूटी फ्री शुल्क वरीयता योजना है, जिससे 34 अफ्रीकी देशों को लाभ मिला है और ऐसे अनेक रणनीतिक कदमों विशेषकर 'फोकस अफ्रीका' से भारत-अफ्रीकी देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक संबंधों में प्रगाढ़ता आई है। सुरेश प्रभु ने कहा कि हाल के भारत-अफ्रीका व्यापार संबंधों से भारत और अफ्रीका के बीच तालमेल दिखता है, अफ्रीका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि हुई है, यह 2001 में 7 बिलियन डॉलर था, जो 2014 में 78 बिलियन डॉलर हो गया।
सुरेश प्रभु ने कहा कि ये कदम द्विपक्षीय व्यापार के लिए अच्छे रहे हैं, लेकिन अभी और भी मजबूत व्यापारिक संभावनाएं हैं, इसी प्रकार एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया तथा एफ्रेजिम बैंक के संयुक्त अध्ययन के अनुसार भारत और अफ्रीका के बीच 42 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार की संभावना है और इस विशाल क्षमता के दोहन के लिए चौतरफा रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार की कोई भी रणनीति विभिन्न विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्रों में मूल्य श्रृंखला के एकीकरण की संभावना पर निर्भर करेगी। वाणिज्य मंत्री ने आशा व्यक्त की कि बढ़ते अफ्रीका और उभरते भारत दक्षिण-दक्षिण सहयोग को नया आयाम देंगे। उन्होंने अफ्रीका में सही निवेश की आवश्यकता पर बल दिया।
वाणिज्य सचिव डॉ अनूप वधावन भी इस अवसर पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अफ्रीका और भारत के आर्थिक संबंध मजबूत हुए हैं और यह साझेदारी नए युग में प्रवेश की है, जो मजबूत आर्थिक संबंधों और परस्पर विश्वास पर आधारित विकास साझेदारी को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि महाद्वीप में भारत महत्वपूर्ण विकास साझेदार के रूपमें उभरा है और विकास सहायता में कई गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि भारत सरकार के संचालन ऋण में अफ्रीकी देशों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। वाणिज्य सचिव ने कहा कि भारतीय विकास सहायता में यह वृद्धि उस समय हो रही है, जब अनेक विकसित देशों की विदेशी सहायता में गिरावट आ रही है।