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Wednesday 3 April 2019 05:23:56 PM
नई दिल्ली। भारतीय सेना में एयर मार्शल डी चौधरी ने पश्चिमी वायु कमान के वरिष्ठ एयर स्टाफ ऑफिसर के रूपमें पदभार संभाल लिया है। एयर मार्शल डी चौधरी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रहे हैं और 22 दिसम्बर 1983 को कमीशंड अधिकारी बने थे। एयर ऑफिसर डी चौधरी एक फाइटर कॉम्बेट लीडर और इंस्ट्रूमेंट रेटिंग इंस्ट्रक्टर और परीक्षक भी हैं। वे रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज यूके के भी छात्र रहे हैं। डी चौधरी किंग्स कॉलेज लंदन से स्ट्रेटेजी एंड इंटरनेशनल सिक्युरिटी में स्नातकोत्तर हैं और डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज़ विषय में एमफिल हैं। उन्होंने मिग-21, मिग-27, मिग-29 और एसयू-30 जैसे युद्धक विमानों में 5,000 से अधिक उड़ानें भरी हैं।
एयर मार्शल डी चौधरी ने 15 एसक्यूएन, टेक्टिक्स और एयर कॉम्बेट स्टैबिलिशमेंट एवं 02 फ्रंटलाइन बेसों का एओसी के रूपमें नेतृत्व किया है। उन्होंने टीएसीडीई में पहले एक इंस्ट्रक्टर के रूपमें और फिर कमांडेंट के रूपमें दो कार्यकाल तक सेवा की है। उन्हें वायुसेना मुख्यालय में वायुसेना निरीक्षणनिदेशक, ऑपरेशंस ज्वाइंट प्लानिंग निदेशक और ऑपरेशनल प्लानिंग तथा एसेसमेंट ग्रुप निदेशक के पद पर भी नियुक्त किया जा चुका है। उन्होंने मुख्यालय पश्चिमी वायुसेना कमान के एयर-1 मुख्यालय मध्य वायुसेना कमान और मुख्यालय दक्षिण-पश्चिम वायुसेना कमान के एयर डिफेंस कमांडर, कोबरा ग्रुप के एओसी और वायुसेना मुख्यालय में वायुसेना (निरीक्षण) के सहायक प्रमुख के रूपमें काम किया है।
डी चौधरी के पास क्षेत्रीय संचालनात्मक और रणनीतिक स्तरों पर युद्धक संचालन और आयोजना के बारे में पर्याप्त और अच्छा अनुभव है। उन्होंने रेड फ्लैग, डेजर्ट ईगल और गरूड़ नाम से तीन अंतर्राष्ट्रीय अभ्यासों का नेतृत्व किया है। उन्होंने संचालनात्मक विषयों, वायुशक्ति एवं नेतृत्व पर आधारित बहुत से शोधपत्र लिखे हैं। वे अगस्त 1992 में सीएएस प्रशस्त, जनवरी 2007 में विशिष्ट सेवामेडल, जनवरी 2011 में वायुसेना मेडल और जनवरी 2018 में अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित हुए थे।