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Friday 10 May 2019 03:34:41 PM
हनोई/ नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू वियतनाम की अपनी चार दिवसीय सरकारी यात्रा पर वियतनाम की राजधानी हनोई में हैं, जहां उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया। भारत और वियतनाम के संबंधों को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है। उन्होंने कहा कि दो हजार वर्ष से भी ज्यादा पहले भारतीय बौद्ध भिक्षु और व्यापारी अपने साथ भगवान बुद्ध के शांति और करुणा के संदेश लेकर वियतनाम आए थे। वेंकैया नायडू ने कहा कि हो ची मिन्ह और महात्मा गांधी से लेकर वर्तमान नेताओं तक की पीढ़ी ने भारत-वियतनाम के बीच बेहतर संबंधों को इसी विश्वास और सद्भावना के आधार पर बनाए रखा है। उपराष्ट्रपति ने भारत-वियतनाम के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत, वियतनाम के साथ विविध क्षेत्रों में अपने सहयोगपूर्ण संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वेंकैया नायडू ने कहा कि वियतनाम की कृषि क्रांति और खाद्य सुरक्षा में योगदान देकर भारत ने एक विकास भागीदार की भूमिका निभाई है और वियतनाम की उल्लेखनीय प्रगति में कृषि की अहम भूमिका है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वियतनाम में बसे भारतीयों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन उन्होंने यहां कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसके लिए उनका सम्मान किया गया है। उन्होंने कहा कि वियतनाम में रहने वाले भारतीय और कारोबारी दोनों देशों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था एवं समाज के लिए अवसर पैदा करने का माध्यम बने हैं। उपराष्ट्रपति ने अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार के 2016 के 7.8 अरब डॉलर से पिछले साल दोगुना होकर करीब 14 अरब डॉलर पहुंच जाने पर संतोष व्यक्त किया
उपराष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को गर्व और समान उद्देश्यों के साथ आगे कदम बढ़ाते हुए विकास और समृद्धि के लिए एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। भारत की विकास यात्रा का उल्लेख करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि एक महत्वाकांक्षी और बड़े बदलाव लाने की सोच ने आज दुनिया में भारत को निवेश का सबसे आकर्षक स्थान बना दिया है, दुनिया में आज भारत सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने कहा 2030 तक हम 5 हजार अरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत 21वीं सदी की एक समावेशी अर्थव्यवस्था में परिवर्तित होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, मांग और मानव संसाधन लाभ भारत की विकास गाथा की पटकथा लिख रहे हैं। उन्होंने भारतीय समुदाय का देश की इस विकास यात्रा में भागीदार बनने और योगदान करने का आह्वान किया।
वेंकैया नायडू ने विदेशों में बसे भारतीयों को देश का सांस्कृतिक दूत बताते हुए कहा कि उन्हें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोय रखने के साथ ही वियतनाम की सामाजिक और आर्थिक तरक्की में भी पूरा सहयोग देना चाहिए। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू वियतनाम यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति डांग थी न्गोक थिन्ह, प्रधानमंत्री गुयेन शुआन फुक और वियतनाम की नेशनली असेम्बली की अध्यक्ष गुयेन थी किम नगन से भी मुलाकात करेंगे। बारह मई को उपराष्ट्रपति वियतनाम के हा नाम प्रांत में ताम चुक पैगोडा में वेसाक के 16वें संयुक्त राष्ट्र दिवस के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे और मुख्य भाषण देंगे। उपराष्ट्रपति के साथ हनोई में उनके सचिव डॉ आईवी सुब्बाराव, विदेश मंत्रालय में पूर्वी देशों के मामलों के सचिव विजय ठाकुर सिंह और वियतनाम में भारत के राजदूत पी हरीश और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।