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लखनऊ। स्मारकों और उद्यानों के शहर लखनऊ की सड़कों पर शनिवार की सुबह सात बजे पुराने जमाने की बेशक़ीमती कारें जब एक साथ निकलीं तो एक देखने वाला लाजवाब माहौल था क्या पुरानी आन-बान और शान थी! यह अपने ढंग का अनूठा विंटेज रन था, जिसका शुभारंभ गोमती नगर में पर्यटन भवन से सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन अवनीश अवस्थी ने फ्लैग ऑफ करके किया। इस अवसर पर विंटेज कार एवं मोटर साइकिल क्लब, लखनऊ के अध्यक्ष राजा डीएन सिंह, सचिव संदीप दास, वरिष्ठ शोध अधिकारी पर्यटन आरएस यादव, व्रतशील शर्मा आदि उपस्थित थे। अवनीश अवस्थी ने बताया कि 'प्रोटेक्ट वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्ट द टाइगर' के उद्देश्य से यह लखनऊ से कतरनियाघाट राष्ट्रीय उद्यान के मध्य 12 से 14 मार्च तक अपने ढंग का अनूठा 'कतरनियाघाट विंटेज रन' है। पर्यटन विभाग वन्य जीव विहारों के प्रचार-प्रसार के लिये विशेष रूप से बल प्रदान कर रहा है, ताकि देश-विदेश के पर्यटक यह जान सकें कि उत्तर प्रदेश वाइल्ड लाइफ की दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध प्रदेश है।
विंटेज एवं क्लासिक वाहन, आयोजन का प्रमुख आकर्षण थे। इस अभियान में अब्बास आगा की 1957 की विलिस जीप, आशुतोष चौहान की 1947 की शेवरलेट, कैप्टन चौहान की 1942 की विलिस जीप, डॉ तरूण सहगल की 1947 की एमजीपीसी, शम्मी नंदा की 1954 की फौक्स वैगन, पीपी सिंह की 1947 की फोर्ट परफेक्ट, पीएनडी सिंह 1942 की जीप, अखिलेश अग्रवाल की 1957 की स्टैंडर्ड-10, कैलाश श्रीवास्तव की 1947 की मौरिस-8 शामिल थीं। प्रतिभागियों के अतिरिक्त इस अभियान से प्रेरित होकर इंग्लैण्ड के कोलिन भी इस यात्रा के सहयात्री बने। उन्होंने विशेष रूप से विंटेज रन में भाग लिया। यह विंटेज रन लखनऊ से प्रारंभ होकर सिधौली, सीतापुर, लखीमपुर, बाईपास होते हुये कतरनियाघाट पहुंचेगा जोकि लगभग 250 किलोमीटर का है। दोपहर में इस विंटेज रन के प्रतिभागी सीतापुर में विश्राम के लिये भी रूके। यहां उनका स्वागत छात्रों एवं नागरिकों ने किया। तदुपरांत रन आगे की यात्रा के लिये प्रस्थान कर गया।