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नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। यह समिति विभिन्न वर्गों से प्राप्त टिप्पणियों और सुझावों की विस्तृत जांच करेगी और राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक के मसौदे के अनुरूप समुचित सुझाव देगी।
मंत्रालय ने 22 फरवरी 2011 को अपनी वेबसाइट पर प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक पर प्रारंभिक जानकारी का मसौदा प्रकाशित किया था और खेल निकायों, खिलाड़ियों और आम जनता सहित सभी स्टेक होल्डरों से इस मसौदे पर अपनी टिप्पणियां और सुझाव 30 दिन के भीतर प्रस्तुत करने के लिए आंतत्रित किये थे। इस प्रारंभिक जानकारी समौदे पर बड़ी संख्या में उत्तर प्राप्त हुए हैं।समिति के अन्य सदस्यों में प्रकाश पादुकोन, विख्यात सेवानिवृत्त एथलीट अश्विनी नाचप्पा, विख्यात एथलीट झंजा त्रिपाठी, सचिव और कार्यकारी निदेशक रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड, भारतीय ओलंपिक संघ के प्रतिनिधि (अध्यक्ष, आईओए से नामित), संयुक्त सचिव (खेल), खेल विभाग, युवा मामले और खेल मंत्रालय शामिल होंगे।
समिति के विचारार्थ विषय होंगे- खेल प्रशासन और कानूनी दोनों दृष्टिकोणों से प्राप्त टिप्पणियों और सुझावों की जांच करना। खेल प्रशासन, खेल विकास और खिलाड़ियों के कल्याण के विशिष्ट संदर्भ में प्रत्येक टिप्पणी/ सुझाव पर विशिष्ट सिफारिश करना। सरकार, राष्ट्रीय ओलंपिक समिति, राष्ट्रीय खेल परिसंघ, भारतीय खेल प्राधिकरण और अन्यों के बीच भूमिका निर्धारण पर विशिष्ट टिप्पणियां देना। खेल मध्यस्थता तंत्र पर विशिष्ट टिप्पणियां करना। खेलों में बेहतर प्रशासन को प्रोत्साहनात्मक बनाने पर विशिष्ट सिफारिशें करना। अन्य सिफारिशें जो समिति देना चाहे। इस समिति को दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें देने के लिए कहा गया है।