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नई दिल्ली। आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) शुरू करने की परिकल्पना की है। बारहवीं पंचवर्षीय योजना के आरंभ होने पर, यह मौजूदा स्वर्ण शहरी रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाई) का स्थान लेगी। एनयूएलएम का विशेष ध्यान कौशल उन्नयन, उद्यमशीलता विकास तथा रोज़गार सृजन जैसे शहरी गरीबी से संबंधित प्राथमिक मुद्दों पर रहेगा। यह, मिशन दृष्टिकोण अपनाएगा। एनयूएलएम के तहत सेवा केंद्र या आधार केंद्र की स्थापना की जाएगी जो अनौपचारिक क्षेत्र से सेवाएं तलाशने वालों के साथ-साथ शहरी गरीबों के लिए उनकी सेवाओं और उत्पादों को बढ़ावा देने एवं रोज़गार और प्रशिक्षण से संबंधित जानकारी के लिए ‘एक जगह पर सब कुछ’ की अवधारणा पर कार्य करेगा।
आधार केंद्र सूचना, सुविधा, परामर्श केंद्र के रूप में भी कार्य कर सकते हैं, जहां गरीब व्यक्ति बाज़ार की मांग, नौकरी के अवसरों तथा वैतनिक रोज़गार सुरक्षित करने के लिए आईआईटी, एनआईटी, उद्योग संघ, इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रतिष्ठान, प्रबंधन संस्थान सहित प्रतिष्ठित संस्थानों और सरकार, निजी, स्वैच्छिक संगठन की अन्य प्रसिद्ध एजेंसियों से प्रस्तावित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संबंधी जानकारी हासिल कर सकते हैं। जो व्यक्ति स्वरोज़गार उद्यम स्थापित करना तथा उसे बरकरार रखना चाहते हैं, वह भी आधार केंद्र से आवश्यक दिशा-निर्देश और परामर्श ले सकते हैं। आधार केंद्र के साथ पंजीकृत लाभार्थियों को शहरी स्थानीय निकाय, पंजीकरण के समय एक पहचान पत्र जारी करेगा।
एक शहर में आधार केंद्रों की संख्या उसकी मांग पर निर्भर करेगी। एनयूएलएम में परिकल्पना की गई है कि लगभग 100,000 की जनसंख्या में क्षेत्र, शहरी स्तर पर एक आधार केंद्र बनाया जाएगा। प्रत्येक केंद्र के लिए सहयोग राशि 5 लाख रूपए तक सीमित होगी, बशर्ते राज्य, शहरी स्थानीय निकाय उसके लिए भवन उपलब्ध कराए।