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Monday 24 June 2019 01:06:56 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून के मौसम से पहले देशभर में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में सभी सरपंचों को पत्र लिखे और उनसे ग्रामीण भारत में वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण गतिविधियों को शुरु करने का अनुरोध किया। देशभर में ग्राम सभाएं बुलाई गईं और गांववासियों के समक्ष प्रधानमंत्री के पत्र को सार्वजनिक रूपसे पढ़ा गया। ग्राम सभाओं की बैठकों के बाद जल संरक्षण के लिए श्रमदान किया गया, जिसका प्रधानमंत्री के पत्र में उल्लेख किया गया था। गतिविधियों में वर्षा जल भंडारण के लिए छोटे तालाबों का निर्माण और सफाई करना, वृक्षारोपण अभियान, वर्षा जल के संचयन के लिए भंडारण, टैंक का निर्माण और वनीकरण शामिल है।
केंद्रीय जलमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के जोधपुर में जल संरक्षण श्रमदान का शुभारंभ किया और स्वच्छता के लिए काम करने वाले ग्रामीणों एवं स्वच्छ भारत ग्रीष्म प्रशिक्षुओं के साथ जनसंवाद का आयोजन किया। उन्होंने नरवा गांव में वर्षा जल संचयन इकाई का भी उद्घाटन किया और जिले में शौचालयों के निर्माण और कम्पोस्ट गड्ढों के निर्माण के लिए श्रमदान किया। आसपास के पंचायतों के सरपंचों और ग्रामीणों की सभा को संबोधित करते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री के संदेश को दोहराते हुए जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने देश के सभी घरों में पेयजल उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य में स्वच्छ भारत ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप-2019 का शुभारंभ किया, जो जल शक्ति मंत्रालय की युवा मामले एवं खेल मंत्रालय और एनसीसी के सहयोग से युवाओं के लिए 10 जून से 31 जुलाई तक 50 घंटे की स्वच्छता प्रतिबद्धता पहल है। यह पहल राष्ट्रीय सेवा योजना नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय कैडेट कोर के युवाओं को स्वच्छता से संबंधित कार्यों के लिए अपने कौशल और अभिविंयास को विकसित करने और स्वच्छ भारत आंदोलन का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करेगी। एसबीएसआई को लगातार दूसरे वर्ष स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बनाया गया है। उन्होंने युवाओं से देश को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और गांव की स्वच्छता पर इंटर्नशिप के माध्यम से अपनी ऊर्जा को केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने सभी को स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद दिया, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण स्वच्छता 39 प्रतिशत से बढ़कर 99 प्रतिशत हो गई है और 9.6 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं।