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कुष्‍ठ रोग सामाजिक अभिशाप नहीं-राष्‍ट्रपति

डॉ धर्मशक्‍तु व कुष्‍ठ रोग मिशन ट्रस्‍ट को गांधी सम्मान

'कुष्ठ नियंत्रण गतिविधियों में सतर्कता भी जरूरी है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 February 2020 01:20:01 PM

president ram nath kovind addressing

नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में कुष्‍ठ रोग के उन्मूलन की दिशा में जनजागरुकता ‌अभियान, स्वास्‍थ्य सेवाओं एवं पीड़ित रोगियों के सहायतार्थ प्रयासों के लिए व्‍यक्तिगत श्रेणी में डॉ एनएस धर्मशक्‍तु को और संस्‍थागत श्रेणी में कुष्‍ठ रोग मिशन ट्रस्‍ट को अंतर्राष्‍ट्रीय गांधी सम्मान प्रदान किया है। राष्‍ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि हमने पिछले वर्षों में कुष्‍ठ रोग के बारे में चलाए गए जनजागरुकता अभियान में काफी कुछ हांसिल किया है।
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कुष्ठ रोग के खिलाफ पूर्वाग्रह तथा उसे एक सामाजिक अभिशाप के रूपमें देखने का चलन, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, संगठनों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं की निरंतर जागरुकता व स्वास्‍थ्य सुविधाओं की बदौलत काफी कम हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हम इस रोग के खिलाफ अपनी सतर्कता कम नहीं कर सकते, क्‍योंकि इसके नए मामले प्रकाश में आते रहते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि कुष्ठ नियंत्रण गतिविधियों में प्रमुख चुनौती नियंत्रण गतिविधियों पर ध्‍यान केंद्रित रखना तथा इसमें सतर्कता बनाए रखना है।
राष्‍ट्रपति ने कहा कि हमें कुष्ठ रोगों के मामलों के शीघ्र पता लगाने की दिशा में अपने प्रयासों को तेज करने के साथ ही इसके उपचार के लिए आसान पहुंच सुनिश्चित करना तथा ऐसे क्षेत्रों में एकीकृत कुष्‍ठ रोग संबंधी स्वास्‍थ्य सेवाएं प्रदान करना है, जिन क्षेत्रों में इस रोग को लेकर ज्‍यादा ध्‍यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा स्थिति से अधिक इस बीमारी से सामाजिक अभिशाप का मामला ज्‍यादा जुड़ा है, जो चिंता का कारण है, ऐसे में इस रोग के विभिन्न आयामों के बारे में हमें खुद जागरुक होना पड़ेगा और लोगों को इसके बारे में शिक्षित करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमें सूचनाओं के प्रसार के माध्यम से उन लोगों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है, जिनके साथ कुष्‍ठ रोग के कारण भेदभाव किया गया है।

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