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आईएचबीटी के वैज्ञानिकों ने बनाया सेनेटाइजर

पेराबेंस ट्राईक्लोस्म सिंथेटिक खुशबू थेलेटेस जैसे रसायन नहीं

कोरोना वायरस के कारण बाज़ार में सेनेटाइजर की मांग बढ़ी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 18 March 2020 12:32:25 PM

technical transfer to ihbt and ab scientific solutions

शिमला। देश-दुनिया में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के खिलाफ निवारक उपाय और बाज़ार में बेची जा रही कई नकली सामग्रियों की खबरों के बीच सेनेटाइजर जैसे उत्पादों की मांग काफी ज्यादा और तेजी से बढ़ी है। इसे देखते हुए हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के वैज्ञानिकों ने एक नया हैंड सेनेटाइजर विकसित किया है। आईएचबीटी के निदेशक डॉ संजय कुमार ने बताया है कि इस हैंड सेनेटाइजर में प्राकृतिक गंध, सक्रिय चाय घटक और अल्कोहल की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुसार उपयोग की गई है। उन्होंने बताया कि इसकी एक खास बात है कि इस उत्पाद में पेराबेंस, ट्राईक्लोस्म, सिंथेटिक खुशबू और थेलेटेस जैसे रसायनों का उपयोग नहीं किया गया है।
हैंड सेनेटाइजर के व्यावसायिक उत्पादन केलिए आईएचबीटी ने पालमपुर की कंपनी एबी साइंटिफिक सॉल्यूशंस के साथ एक समझौता भी किया, जिसके अनुसार आईएचबीटी हैंड सेनेटाइजर के उत्पादन की अपनी तकनीक इस कंपनी को हस्तांतरित कर रहा है। एबी साइंटिफिक सॉल्यूशंस के पास अपना एक मजबूत मार्केटिंग नेटवर्क है, यह कंपनी इस हैंड सेनेटाइजर के व्यावसायिक उत्पादन के लिए पालमपुर में एक केंद्र स्थापित करेगी और देशभर के सभी प्रमुख शहरों में सेनेटाइजर और अन्य कीटाणुनाशकों का विपणन करेगी। डॉ संजय कुमार का कहना है कि बाज़ार में अचानक सेनेटाइजर की मांग बढ़ने से इसके मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं और सही उत्पाद की मांग में मौजूदा वृद्धि को देखते हुए इस हैंड सेनेटाइजर का विकास समय पर किया गया है।

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