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Wednesday 24 March 2021 01:14:15 PM
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने शहीद दिवस पर भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के महानायक और राष्ट्रीय प्रतीक-शहीद भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु के शहादत के 90 वर्ष पूरे होने पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षामंत्री ने शहीद भगत सिंह स्मारक का भी उद्घाटन किया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय नायकों के बलिदानों का सम्मान करने और उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए भारत सरकार ने 23 मार्च को 'शहीद दिवस' घोषित किया है।दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा कि इतिहास मानवसमाज को महत्वपूर्ण सबक देता है और इस तरह के आयोजन हमें आजादी के लिए दिए गए हमारे पूर्वजों के बलिदानों की याद दिलाते हैं, इसके मूल्यों को समझकर हम लोगों के बीच स्वतंत्रता की लौ को प्रज्वलित रख सकते हैं। उन्होंने युवाओं में प्रेरणा और गौरव पैदा करने वाली घटनाओं को याद रखने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि उन मूल्यों को आत्मसात किया जा सके, जो हमारे राष्ट्रीय नायकों ने स्वतंत्र भारत को वास्तविकता बनाने में शहादत दी है। शिक्षामंत्री ने भगत सिंह स्मारक में स्वतंत्रता सेनानियों की पुस्तकों के मौजूदा संग्रह को शहीद स्मृति पुस्तकालय में परिवर्तित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय का कुलपति कार्यालय वही ऐतिहासिक जगह है, जहां भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ट्रायल के दौरान बंदी रखा गया था और शहीद दिवस पर इस पवित्र स्थान को भगत सिंह स्मारक के रूपमें विधिवत उद्घाटन करके सभी के लिए खोल दिया गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के संगीत संकाय के छात्रों और संकाय सदस्यों के प्रस्तुत देशभक्ति गीतों से शहीद भगत सिंह और उनके साथियों को श्रद्धांजलि दी गई। विश्वविद्यालय के वाइसरीगल लॉज के तहखाने के चैंबर में शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई, जहां उन्हें कैद किया गया था। विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों में विभिन्न प्रतियोगिताओं-कविता, गीत, नारा और निबंध लेखन का आयोजन किया। इन प्रतियोगिताओं के विषय शहीद दिवस से संबंधित थे। विजेता छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी ने सम्मानित किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के उप-कुलपति ने घोषणा की कि भगत सिंह स्मारक छात्रों और विश्वविद्यालय कम्यूनिटी के लिए स्वतंत्रता और बलिदान के मूल्यों को बनाए रखने के लिए खुला रहेगा।