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Wednesday 15 May 2013 09:41:30 AM
नई दिल्ली। विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी कार्यक्रम (पीएटीएच), भारत बॉयोटेक (बीबीआईएल) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) को भारत में रोटावायरस टीके के सफल विकास के लिए बधाई दी। रेड्डी ने नई दिल्ली में दुनिया भर के वैज्ञानिकों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि रोटावायरस संक्रमण के खिलाफ, यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सफलता है, जो कि सबसे गंभीर और घातक संक्रमण में से एक है और भारत में हर साल 100,000 छोटे बच्चों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार है। नैदानिक परिणाम दर्शाते हैं कि इस टीके से हमारे देश में हर साल संभवत: हजारों बच्चों को बचाया जा सकता है। जयपाल रेड्डी ने यह भी कहा कि इसे वे भारत और अमरीका के बीच सफल वैश्विक साझेदारी का सही मॉडल मानते हैं।
उन्होंने खुशी जताई कि इस प्रयास से रोटावेक का उत्पादन एक डॉलर प्रति खुराक की सस्ती लागत पर होगा, जो कि वर्तमान समय में यह दवा बहुराष्ट्रीय कंपनियां 45 डॉलर प्रति खुराक के हिसाब से उपलब्ध करा रही हैं। भारत में टीका अनुसंधान एवं विकास में नवाचार से देश के समक्ष भोजन, पोषण, जलवायु तथा पर्यावरण, ऊर्जा, किफायती आवास जैसी कई अन्य बड़ी चुनौतियों से भी निपटने में मदद मिलेगी।