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सांप्रदायिक घटनाओं में डीएम, एसपी नपेंगे

सांप्रदायिक तत्वों पर रासुका तक लगाई जाए-मुख्य सचिव

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 18 March 2013 06:17:53 AM

javed usmani

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने कहा है कि जनपद में किसी भी सांप्रदायिक घटना की स्थिति में उस जनपद के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में उन्हें, प्रदेश के मंडलायुक्तों, जोनल पुलिस महानिरीक्षकों एवं परिक्षेत्र पुलिस उप महानिरीक्षकों को भेजे गए परिपत्र में मुख्य सचिव ने कहा है कि डीएम, एसपी की यह पूरी जिम्मेदारी होगी कि वे प्रत्येक दशा में अपने-अपने जनपदों में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली छोटी से छोटी घटनाओं पर भी निगाह रखें, ताकि ये घटनाएं बड़ी घटनाओं का कारण न बन सकें।
जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए कि सांप्रदायिक दंगों में शामिल और दंगों को भड़काने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, गैगस्टर एक्ट, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण अधिनियम) जैसे कठोर कानूनों का प्रयोग किया जाए। इस बार पर भी ध्यान देना आवश्यक है कि घटना के फलस्वरूप निर्दोष व्यक्तियों को झूठे मुकदमों में न फंसाया जाए और दहशतगर्दी की आड़ में निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने की प्रवृत्ति पर भी प्रभावी अंकुश लगाया जाए। सांप्रदायिक घटनाओं के आरोपियों के शस्त्र लाईसेंसों को भी तत्काल निलंबित और निरस्त करने पर विचार किया जाए। दंगा नियंत्रण योजना को जिलास्तर पर अद्यावधिक करते हुए उनका समय-समय पर रिहर्सल भी किया जाए, ताकि सांप्रदायिक तत्वों का मनोबल गिरा रहे।
मुख्य सचिव ने कहा है कि जनपदों में सांप्रदायिक दृष्टिकोण से चिन्हांकित छोटे से छोटे विवादों का भी निस्तारण संबंधित अधीनस्थ अधिकारी समयबद्ध एवं योजनाबद्ध तरीके से करें, सांप्रदायिक विवादों से संबंधित विगत तीन वर्षों की लंबित विवेचनाएं पूर्ण कराईं जाएं तथा प्रभावशाली पैरवी करते हुए इनमें संलिप्त अपराधियों को सजा दिलाई जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सांप्रदायिक तत्वों और समस्या उत्पन्न करने वाले अपराधियों को चिन्हांकित कर सूची अद्यतन की जाए और उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाए। ऐसे चिन्हांकित व्यक्तियों के ऊपर सर्विलांस के माध्यम से नज़र रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर इलेक्ट्रानिक सर्विलांस का भी प्रयोग किया जाए।
जावेद उस्मानी ने जुलूस, त्यौहार, मेले आदि के अवसर पर प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था दूर-दृष्टि के साथ सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि किसी स्थान पर यदि कोई सांप्रदायिक घटना होती है, तो उसे तत्काल नियंत्रित करते हुए रोका जाना चाहिए, यदि परिस्थितियों को तत्काल नियंत्रित करने में अधीनस्थ अधिकारी असफल रहते हैं, तो उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने कहा है कि प्रदेश की जनता को एक सुरक्षित परिवेश प्रदान करने के क्रम में सुदृढ़ सांप्रदायिक सौहार्द कायम करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसमें किसी भी प्रकार की चूक को अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा।

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