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गंगा सफाई कार्य योजना

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नई दिल्ली। पर्यावरण एवं वन राज्‍य मंत्री जयंती नटराजन ने मंगलवार को राज्‍य सभा में जानकारी दी कि‍ मल जल के अवरोधन और वि‍पथन, मल जल शोधन संयंत्रों की स्‍थापना, नि‍म्‍न लागत स्‍वच्‍छता नि‍र्माण कार्यों आदि‍ जैसी स्‍कीमों के क्रि‍यान्‍वयन के माध्‍यम से गंगा नदी में प्रदूषण उपशमन गति‍वि‍धि‍यां प्रारंभ करने के लि‍ए वर्ष 1985 से जो गंगा कार्य योजना क्रि‍यान्‍वि‍त की जा रही है उसके अंतर्गत अभी तक 896.05 करोड़ रूपये व्‍यय कि‍ए जा चुके हैं और 1064 एमएलडी की मल जल शोधन क्षमता सृजि‍त की गई है।

फरवरी 2009 में केंद्र सरकार ने समग्र नदी बेसि‍न दृष्‍टि‍कोण को अंगीकार कर गंगा नदी के प्रदूषण का प्रभावी उपशमन और गंगा नदी के संरक्षण को सुनि‍श्‍चि‍त करने के उद्देश्‍य से एक अधि‍कार संपंन आयोजना, वि‍त्त-प्रबंधन, मॉनीटरन और समन्‍वयन प्राधि‍करण के रूप में राष्‍ट्रीय गंगा नदी बेसि‍न प्राधि‍करण (एनजीआरबीए) का गठन कि‍या। इस प्राधि‍करण ने नि‍र्णय लि‍या कि‍ मि‍शन स्‍वच्‍छ गंगा के अंतर्गत यह सुनि‍श्‍चि‍त कि‍या जाएगा कि ‍वर्ष 2020 तक कोई भी अशोधि‍त नगरीय मल जल और औद्योगि‍क बहि‍:स्राव, गंगा में न बहाया जाए और आवश्‍यक शोधन और मल-नि‍र्यास अवसंरचना सृजि‍त करने के लि‍ए अपेक्षि‍त नि‍वेश, केंद्र और राज्‍य सरकारों के बीच समुचि‍त रूप से सहभाजि‍त कि‍ये जाएंगे।

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