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Thursday 6 June 2019 04:44:42 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योगजगत के प्रतिनिधियों और निर्यात संगठनों से सब्सिडी की बैसाखी और केंद्र सरकार से मिलने वाली रियायतों पर निर्भरता खत्म करके उद्योग को और भी अधिक प्रतिस्पर्धी एवं आत्मनिर्भर बनाने की अपील की है। पीयूष गोयल ने यह बात आज नई दिल्ली में व्यापार बोर्ड तथा व्यापार विकास और संवर्धन परिषद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जब भी सब्सिडी खत्म की गई कारोबार में वृद्धि दर्ज हुई है। उन्होंने इस संदर्भ में एलईडी बल्ब का उदाहरण देते हुए कहा कि बड़े पैमाने पर उत्पादन के कारण आज बाज़ार में यह बल्ब किफायती कीमतों पर उपलब्ध है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जब बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है तो घरेलू विनिर्माण गतिविधियों और कारोबार में बढ़ोतरी होती है, जिससे आयातित उत्पादों के स्थान पर घरेलू उत्पादों का विकल्प बनता है साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। पीयूष गोयल ने राज्य सरकारों, निर्यात संवर्धन परिषदों और औद्योगिक संगठनों से कहा कि वे दुनिया से मजबूती से जुड़ने के लिए हरसंभव प्रयास करें, क्योंकि दुनिया का हर देश आज भारत में निवेश का इच्छुक है और ये देश भारत के बड़े बाज़ार का लाभ लेना चाहते हैं। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि व्यापार में वृद्धि का लक्ष्य हासिल करना अब बीते दिनों की बात हो चुकी है, आज के समय में भारत को दुनिया में अपनी जगह बनाने के लिए लंबी छलांग लगानी होगी, लेकिन इस क्रम में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि इन चीजों का फायदा समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों तक भी पहुंचे। उन्होंने सभी हितधारकों का आह्वान करते हुए कहा कि वह देश के विकास के लिए एक टीम की तरह काम करें। केंद्रीय मंत्री ने पूर्ववर्ती वाणिज्य और उद्योग मंत्रियों निर्मला सीतारमण और सुरेश प्रभु के पांच वर्ष के दौरान कारोबार और उद्योगों को प्रोत्साहित करनेतथा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और दुनिया व्यापार बाधाओं और कमजोर आर्थिक विकास के कारण चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रही है, इसलिए विश्व व्यापार में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए केंद्रित प्रयासों की अधिक आवश्यकता है। पीयूष गोयल ने कहा कि यह मंच सभी हितधारकों के बीच तालमेल के साथ काम करने का अवसर प्रदान करता है, ताकि आंतरिक व्यापार के लिए ढांचागत सुधार, निगरानी प्रक्रिया, औद्योगिक विकास और निर्यात में सुधार लाया जा सके। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए सभी मंत्रालयों, भारत सरकार के विभागों और सभी राज्य सरकारों को अपनी व्यवस्थाओं को अधिक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का प्रयास करना होगा। बैठक का आयोजन वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय तथा विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से किया गया था।
बैठक में नागरिक उड्डयन, आवास और शहरी मामले तथा वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वाणिज्य, राजस्व, जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नागरिक उड्डयन उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विकास, कृषि, सूचना और प्रौद्योगिकी, कपड़ा, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम मंत्रालय के अलावा केंद्र सरकार के कई अन्य मंत्रालयों और विभागों के सचिव राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, औद्योगिक समूहों के प्रमुख तथा निर्यात संवर्धन परिषद के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। गौरतलब है कि व्यापार बोर्ड व्यापार वृद्धि के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विदेश व्यापार नीति से जुड़े नीतिगत उपायों पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को सुझाव देता है। व्यापार विकास और संवर्धन परिषद देश के निर्यात को बढ़ाने में राज्यों और संघशासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र के साथ बातचीत की प्रक्रिया जारी रखने में मदद करता है।