स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 12 November 2024 11:38:33 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के प्रतिनिधिमंडल केसाथ बैठक की, इसमें बोर्ड समूह के दौरे केलिए भारत आए 9 विभिन्न क्षेत्रों के एआईआईबी के निदेशक मंडल के 11 अधिकारी, एआईआईबी प्रबंधन के वरिष्ठ प्रतिनिधि और एआईआईबी कर्मचारी शामिल थे। एआईआईबी बोर्ड की भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य निदेशक मंडल को एआईआईबी के अपने सदस्य देशों में चल रहे और प्रस्तावित निवेशों के बारेमें समग्र जानकारी प्रदान करना और सरकार, निजी क्षेत्र एवं अन्य हितधारकों केसाथ जुड़ने का अवसर उपलब्ध कराना है। बीते नौ वर्ष में एआईआईबी की उल्लेखनीय प्रगति की सराहना करते हुए वित्तमंत्री ने भारत की मजबूत एवं वृहद आर्थिक बुनियाद और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की शक्ति के सृजन एवं दोहन में प्रदर्शित इसके नेतृत्व के बारेमें बताया।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एआईआईबी बोर्ड की गवर्नर भी हैं। उन्होंने कहाकि एआईआईबी को जलवायु अनुकूलन और लचीलापन, बुनियादी ढांचे के विकास, ऊर्जा सुरक्षा, शहरी विकास के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अपने निवेश को व्यापक बनाना चाहिए और भारत की अगली पीढ़ी के सुधारों केलिए समर्थन देना चाहिए। उन्होंने एआईआईबी की परियोजनाओं को आकार देने और कार्यांवयन में वित्त प्लस और बजट प्लस तत्वों को लगातार शामिल करने के महत्व पर जोर दिया। निर्मला सीतारमण ने कहाकि डिजिटल परिवर्तन के संबंध में भारत का अनुभव समावेशी विकास केलिए डिजिटल समाधानों का लाभ उठाने के इच्छुक अन्य देशों केलिए एक मॉडल के रूपमें काम कर सकता है और आपदा प्रबंधन के क्षेत्रमें भारत का समृद्ध अनुभव इसका उल्लेखनीय उदाहरण है, जो कई कमजोर अर्थव्यवस्थाओं केलिए उपयोगी हो सकता है। वित्तमंत्री ने कहाकि भारत केपास क्षेत्रीय सर्वोत्तम तौरतरीकों के संदर्भ में बहुत कुछ देने को है और एआईआईबी को भारत से अन्य समान स्थिति वाले देशों को ज्ञान और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा केलिए एक संस्थागत तंत्र विकसित करना चाहिए।
निर्मला सीतारमण ने सुझाव दियाकि एआईआईबी को नवीन वित्तीय साधनों और मॉडलों के अधिक प्रावधान केलिए प्रयास करना चाहिए और निजी पूंजी जुटाने केलिए प्रयासों को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने एआईआईबी को इस संबंध में भारत के पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया और कहाकि भारत एआईआईबी केलिए नवीन वित्तपोषण मॉडल और प्रौद्योगिकियों के संचालन केलिए एक सहायक के रूपमें कार्य कर सकता है। वित्तमंत्री ने एआईआईबी को भारत की जी-20 अध्यक्षता केतहत स्थापित स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों के अनुरूप एमडीबी को मजबूत बनाने और सुधारने केलिए चल रहे कार्य में भाग लेना जारी रखने केलिए प्रोत्साहित किया, जिसमें एमडीबी के अधिक प्रभाव और व्यापक स्तरपर एक प्रणाली के रूपमें मिलकर काम करने का आह्वान भी शामिल है। निर्मला सीतारमण ने बतायाकि भारत एमडीबी में प्रशासनिक सुधारों केलिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि एमडीबी समकालीन चुनौतियों का समाधान करने केलिए ‘उद्देश्य के अनुकूल’ हों, साथही विशेषकर निम्न आय वाले देशों (एलआईसी) सहित सभी सदस्यों की जरूरतों केप्रति समावेशी और उत्तरदायी बने रहें।
वित्तमंत्री और एआईआईबी प्रतिनिधियों की बैठक से पहले एआईआईबी प्रतिनिधिमंडल ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी), एआईआईबी और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की वित्तपोषित क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल बेंगलुरु में अन्य परियोजना स्थलों का भी दौरा करेगा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी प्रतिनिधियों केसाथ बातचीत करेगा। प्रतिनिधिमंडल ने भारत की अन्य बहुपक्षीय और द्विपक्षीय एजेंसियों एवं परियोजना कार्यांवयन एजेंसियों केसाथ एक गोलमेज चर्चा में भी भाग लिया, ताकि भारत की विकास प्राथमिकताओं, निवेश परिदृश्य और परिचालन चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सूचनाओं और अनुभवों के मजबूत आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाया जा सके और साथही सहयोग और निवेश केलिए आगे के अवसरों की खोज की जा सके।