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Thursday 7 November 2024 01:47:07 PM
नई दिल्ली। देशभर में मेधावी विद्यार्थियों केलिए बिना किसी वित्तीय बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त करने की एक उल्लेखनीय पहल करते हुए नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ योजना को मंजूरी दे दी है। पीएम विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत की गई एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक और निजी, दोनों प्रकार के उच्च शिक्षण संस्थानों में विभिन्न उपायों के माध्यम से मेधावी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा केलिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना प्रमुख है। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना केतहत उच्च शिक्षा संस्थान में प्रवेश लेने वाला कोईभी विद्यार्थी ट्यूशन फीस की पूरी धनराशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों को कवर करने हेतु बैंकों और वित्तीय संस्थानों से गिरवी मुक्त एवं गारंटर मुक्त ऋण प्राप्त करने का पात्र होगा। यह योजना एक सरल, पारदर्शी एवं विद्यार्थी अनुकूल प्रणाली के जरिए संचालित की जाएगी, जो अंतर संचालनीय और पूरी तरहसे डिजिटल होगी।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना एनआईआरएफ रैंकिंग के निर्धारित देशके शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगी। इसमें एनआईआरएफ के समग्र श्रेणी विशिष्ट और डोमेन विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 में स्थान रखने वाले सभी एचईआई, सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग में 101-200 में स्थान रखने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित सभी संस्थानों को इसमें शामिल किया गया है। इस सूची को एनआईआरएफ के नवीनतम रैंकिंग का उपयोग करके हरवर्ष अद्यतन किया जाएगा और शुरुआत 860 योग्य क्यूएचईआई से होगी, जिसमें 22 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे, जो अपनी इच्छानुसार संभावित रूपसे पीएम विद्यालक्ष्मी का लाभ उठा सकेंगे। कुल 7.5 लाख रुपये तककी ऋण धनराशि केलिए विद्यार्थी बकाया डिफॉल्ट के 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी के भी पात्र होंगे। इससे बैंकों को इस योजना केतहत विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। जिन विद्यार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और वे किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजनाओं केतहत लाभ केपात्र नहीं हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तकके ऋण पर अधिस्थगन अवधि के दौरान 3 प्रतिशत की ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी।
हर वर्ष एक लाख विद्यार्थियों को ब्याज छूट सहायता दी जाएगी एवं उन विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो सरकारी संस्थानों में अध्ययनरत हैं और जिन्होंने तकनीकी या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का विकल्प चुना है। वर्ष 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3600 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया गया है और इस अवधि के दौरान 7 लाख नए छात्रों को इस ब्याज छूट का लाभ मिलने की उम्मीद है। गौरतलब हैकि उच्च शिक्षा विभाग के एकीकृत पोर्टल पीएम विद्यालक्ष्मी उपलब्ध होगा, जिसपर विद्यार्थी सभी बैंकों द्वारा उपयोग की जानेवाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण केसाथ-साथ ब्याज छूट केलिए आवेदन कर सकते हैं। ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा। पीएम विद्यालक्ष्मी देश के युवाओं केलिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को अधिकतम सुलभ बनाने हेतु शिक्षा एवं वित्तीय समावेशन के क्षेत्रमें केंद्र सरकार की विभिन्न पहलों के दायरे और सुलभता को आगे बढ़ाएगी।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना का कार्यांवयन उच्च शिक्षा विभाग कर रहा है, पीएम-यूएसपी की दो घटक योजनाओं केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी और शिक्षा ऋण केलिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना की पूरक होगी। पीएम-यूएसपी सीएसआईएस केतहत 4.5 लाख रुपये तककी वार्षिक पारिवारिक आय वाले और स्वीकृत संस्थानों में तकनीकी या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को 10 लाख रुपये तकके शिक्षा ऋण केलिए अधिस्थगन अवधि के दौरान पूर्ण ब्याज छूट मिलती है। इस प्रकार पीएम विद्यालक्ष्मी और पीएम-यूएसपी योजना सभी योग्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एचईआई में उच्च शिक्षा और स्वीकृत एचईआई में तकनीकी या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने केलिए समग्र सहायता प्रदान करेंगी।