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यूनेस्को गांधी पदक के लिए फिल्मों में प्रतिस्पर्धा

उच्च कलात्मक और सिनेमाई मानक पूरा करने वाली फिल्मों का सम्मान

आईएफएफआई के 55वें संस्करण में जूरी करेगी अद्वितीय फिल्मों में चयन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 13 November 2024 01:55:10 PM

unesco gandhi medal at 55th edition of iffi

पणजी। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 55वें संस्करण में प्रतिष्ठित आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक केलिए नामांकित फिल्मों की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। यह वैश्विक पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय फिल्म, टेलीविजन और दृश्य-श्रव्य संचार परिषद (आईसीएफटी) पेरिस और संयुक्तराष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के सहयोग से प्रदान किया जाता है। यह सम्मान उन फिल्मों को दिया जाता है, जो अंतर सांस्कृतिक संवाद और शांति को बढ़ावा देती हैं और महात्मा गांधी के आदर्श विशेषकर अहिंसा, सहिष्णुता और सामाजिक सद्भाव की भावना से परिपूर्ण होती हैं। इस वर्ष दस अनूठी फ़िल्मों को इस सम्मान सूची में रखा गया है, इनमें से प्रत्येक फ़िल्म अलग-अलग क्षेत्रों, संस्कृतियों और शैलियों का प्रतिनिधित्व करती है, परंतु गांधीवादी सिद्धांतों केप्रति अपनी प्रतिबद्धता से जुड़ी हुई हैं।
यूनेस्को गांधी पदक केलिए फिल्म का चयन एक प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल करेगा, जिसमें इसाबेल डैनेल (एफआईपीआरईएससीआई-इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ फ़िल्म क्रिटिक्स की मानद अध्यक्ष), सर्ज मिशेल (सीआईसीटी-आईसीएफटी के उपाध्यक्ष), मारिया क्रिस्टीना इग्लेसियस (यूनेस्को के सांस्कृतिक क्षेत्र कार्यक्रम की पूर्व प्रमुख), डॉ अहमद बेडजौई (अल्जीयर्स इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल के कला निदेशक) और ज़ुएयान हुन (सृजनात्मकता और नवाचार केलिए मंच, सीआईसीटी-आईसीएफटी युवा शाखा से संबंधित) जैसी प्रमुख हस्तियां शामिल हैं। निर्णायक मंडल फ़िल्मों का मूल्यांकन उनकी नैतिक गहराई, कलात्मक उत्कृष्टता और दर्शक विशेष रूपसे युवाओं को आकर्षित करने और शिक्षित करने की क्षमता के आधार पर करेगा। आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पदक 2024 केलिए नामांकित फिल्में हैं-क्रॉसिंग: फिल्म एंड देन वी डांस्ड (2019) के प्रसिद्ध स्वीडिश निर्देशक लेवान एकिन की यह फिल्म में इस्तांबुल के ट्रांसजेंडर समुदाय की स्थिति से संबंधित एक मार्मिक प्रस्तुति है। यह फिल्म एक सेवानिवृत्त शिक्षिका लिया की अपनी भतीजी टेक्ला की तलाश की यात्रा के माध्यम से वर्ग, लिंग और यौनिकता के विषयों को सामने लाती है। रक्त संबंध और परिवर्तन पर जोर देने वाली इस फिल्म ने बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव-2024 में टेडी जूरी पुरस्कार जीता है।
फॉर राना: ईरानी फिल्म निर्माता इमान यज़्दी की इस पहली फिल्म का प्रीमियर बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव-2024 में हुआ। यह एक ऐसे जोड़े की हृदय विदारक कहानी है, जो अपनी बेटी का हृदय प्रत्यारोपण सुनिश्चित करने केलिए संघर्ष कर रहे हैं। यह फिल्म प्रेम, क्षति और चिकित्सा से जुड़ी नैतिकता जैसे गंभीर प्रश्न उठाती है। लेशंस लर्न्ड (फेकेट पोन्ट): हंगरी के निर्देशक बैलिंट स्ज़िमलर की यह पहली ही फिल्म बेहद दमदार है। लेसन लर्न्ड ने एक परेशान बच्चे की नज़र से हंगरी के शैक्षिक संकट की आलोचना की है। अपनी तीखी सामाजिक टिप्पणी केलिए चर्चित यह फ़िल्म लोकार्नो इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल-2024 में काफी सराही गई। मीटिंग विद पोल पोट: कम्बोडियाई फ़िल्म निर्माता रिथी पान की यह फिल्म कल्पना और यथार्थ का अनूठा चित्रण है। यह फिल्म एलिज़ाबेथ बेकर की व्हेन द वॉर वाज़ ओवर से प्रेरित है। यह फ़िल्म 1978 के कम्बोडिया में पोल पोट के भयावह शासन का सामना करने वाले तीन फ़्रांसीसी पत्रकारों पर आधारित है। इसे 2024 में कान्स में प्रदर्शित किया गया था। भावनात्मक गहराई और ऐतिहासिक यथार्थ के चित्रण के लिए इसे आलोचकों की प्रशंसा मिली थी।
साटु-खरगोश का वर्ष: यह रेनडांस फिल्म फेस्टिवल 2024 में पुरस्कार विजेता जोशुआ ट्रिग की पहली फिल्म है, जिसे लाओस में फिल्माया गया था। अपनी माँ की तलाश कर रहे एक लावारिस बच्चे की यह मार्मिक कहानी अस्तित्व, मित्रता और जीवन जीने की सामर्थ्य से जुड़े विषयों के इर्द-गिर्द घूमती है। ट्रांसअमेजोनिया: दक्षिण अफ़्रीकी फ़िल्म निर्माता पिया माराइज़ ने ब्राज़ील के अमेज़न में फिल्माई गई इस कृति में वहां के माहौल को जीवंत किया है। यह फ़िल्म एक चिकित्सक की कहानी है, जो अपने मूल निवासी समुदाय को लकड़ी का अवैध व्यापार करनेवालों से बचाने केलिए संघर्ष करती है। यह फिल्म पर्यावरण से संबंधित गतिविधियों और सामाजिक न्याय केबीच के अंतर को दर्शाती है। इसे लोकार्नो और टोरंटो फ़िल्म फ़ेस्टिवल-2024 में प्रदर्शित किया गया था। अनसिंकेबल (सिंकेफ्री): क्रिश्चियन एंडरसन द्वारा निर्देशित यह एक रोमांचक डेनिश फिल्म है, जो 1981 की आरएफ-2 त्रासदी पर आधारित है। अनसिंकेबल में हेनरिक द्वारा अपने पिता की इस आपदा में संलिप्तता की जांच की गई है। इसमें दुख, अपराधबोध और पारिवारिक उधेड़बुन की मनोरंजक प्रस्तुति की गई है।
आमार बॉस: यह नंदिता रॉय और शिबोप्रसाद मुखर्जी की दिल को छू लेने वाली बंगाली फिल्म है, इसमें 20 वर्ष केबाद दिग्गज अभिनेत्री राखी गुलज़ार की वापसी हुई है। यह फिल्म आर्थिक तंगी से जूझ रही एक माँ और बेटे की मार्मिक कहानी प्रस्तुत करती है और परिवार तथा महत्वाकांक्षा की जटिलताओं को उजागर करती है। जूईफूल: असमिया फिल्म निर्माता और अभिनेता जादुमोनी दत्ता की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता यह फीचर फिल्म पूर्वोत्तर भारत में हिंसक सीमा संघर्षों केबीच दो माताओं केबीच गहरे लगाव को दर्शाती है। यह फिल्म संघर्ष, करुणा और मातृत्व के व्यक्तिगत और सामाजिक आयामों की पड़ताल करती है। श्रीकांत: तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बनी जीवनी पर आधारित इस फिल्म में राजकुमार राव और अलाया एफ मुख्य भूमिका में हैं। यह दृष्टिबाधित उद्यमी श्रीकांत बोल्ला की प्रेरणादायक सच्ची कहानी है, जिन्होंने एमआईटी में दाखिला लेने और व्यापार जगत में सफलता पाने केलिए सभी बाधाओं को पार किया और सफलता हासिल की।
यूनेस्को गांधी पदक 46वें आईएफएफआई के दौरान शुरू किया गया था, इसके माध्यम से उन फिल्मों को सम्मानित किया जाता है, जो न केवल उच्च कलात्मक और सिनेमा संबंधी मानकों पर खरी उतरती हैं, बल्कि समाज के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर नैतिक चिंतन को भी प्रोत्साहित करती हैं। यह पुरस्कार समाज में बदलाव लाने में सिनेमा की शक्ति के माध्यम से मानवता के साझा मूल्यों की गहरी समझ को बढ़ावा देने केलिए स्थापित किया गया था। यूनेस्को गांधी पदक एक पुरस्कार से कहीं अधिक है, यह प्रेरणा, शिक्षा और एकजुटता केलिए फिल्म की ताकत को दी जानेवाली सराहना है। आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक के विजेता की घोषणा गोवा में आईएफएफआई 2024 के समापन समारोह में की जाएगी। पुरस्कार विजेता को एक प्रमाणपत्र और प्रतिष्ठित गांधी पदक से सम्मानित किया जाएगा।

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