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चिकित्सा सेवाएं सभी को सुलभ हों-स्वास्थ्य मंत्री

दिल्ली विवि के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज का दीक्षांत

चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियों केलिए मेधावी पुरस्कृत

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Friday 25 October 2024 05:43:28 PM

convocation of the institute of medicine university college of medical sciences

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक घटक चिकित्सा संस्थान यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) के 53वें स्थापना दिवस और दीक्षांत समारोह में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े पेशेवरों के समाज केलिए अनुकरणीय योगदान पर प्रकाश डाला और उत्तीर्ण नए चिकित्सा पेशेवरों से करुणा, ईमानदारी और समर्पण केसाथ चिकित्सा सेवा करने का आग्रह किया। उन्होंने भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और समृद्ध एवं मजबूत करने तथा यह सुनिश्चित करने केलिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराईकि चिकित्सा सेवाएं सभी केलिए सुलभ हों। उन्होंने नए डॉक्टरों से कहाकि उनके प्रयास 'विकसित भारत' के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को आकार देने पर केंद्रित होने चाहिएं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहाकि बुनियादी शिक्षा हर किसीका जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन व्यावसायिक शिक्षा एक विशेषाधिकार है, जो समाज केवल कुछ लोगों कोही प्रदान करता है। उन्होंने कहाकि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र पर 30-35 लाख रुपये खर्च करती है। उन्होंने नए चिकित्सा पेशेवरों से आग्रह कियाकि वे अपने पेशेवर करियर की शुरुआत करते समय अधिक जिम्मेदारियां निभाएं। जेपी नड्डा ने वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के बदलावों की जानकारी दी, जिसके तहत स्वास्थ्य सेवा को केवल उपचारात्मक दृष्टिकोण से देखने के बजाय समग्र दृष्टिकोण से देखा जाता है, जो निवारक, एकीकृत और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रमें हासिल की गईं उपलब्धियों का उल्लेख किया, जिसमें 22 एम्स, नए मेडिकल, नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना, एमबीबीएस और एमडी सीटों में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि आदि शामिल हैं।
जगत प्रकाश नड्डा ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच वर्ष में 75000 मेडिकल सीटें जोड़ने का वादा किया था और हम इसे पूरा करने जा रहे हैं। जेपी नड्डा ने दीक्षांत समारोह में 146 एमबीबीएस छात्रों, 145 एमडी/ एमएस छात्रों, 17 बीएससी (एमटी) रेडियोलॉजी छात्रों और 4 एमएससी (आरएंडएमआईटी) छात्रों को डिग्री प्रदान कीं, मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (एमएलटी) में 4 प्रमाणपत्र प्रदान किए और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्रमें असाधारण उपलब्धियों केलिए मेधावी छात्रों को पुरस्कृत भी किया। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी दीक्षांत समारोह में उपस्थित थे। उन्होंने नए चिकित्सा पेशेवरों को उनके भविष्य के प्रयासों केलिए बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहाकि सक्षम एवे दयालु स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को विकसित करने केलिए यूसीएमएस की अटूट प्रतिबद्धता सराहनीय है और देश की मौजूदा जटिल स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि यह दीक्षांत समारोह यूसीएमएस की अथक विरासत की मान्यता है।
यूसीएमएस के दीक्षांत समारोह में एक विशेष स्मारिका जारी की गई, जिसमें पिछले वर्ष यूसीएमएस की शैक्षणिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है। दीक्षांत समारोह स्नातकों, संकाय सदस्यों और परिजनों केलिए गौरवपूर्ण क्षण था, नए चिकित्सा पेशेवर भारत के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों में से एकसे प्राप्त ज्ञान और कौशल से लैस होकर अपने करियर की शुरुआत करने केलिए तैयार हैं। समारोह में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजेज प्रोफेसर बलराम पाणि, यूसीएमएस के शासी निकाय के अध्यक्ष और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर महेश वर्मा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सचिव और उप महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा प्रोफेसर बी श्रीनिवास, दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ गिरीश त्यागी, यूसीएमएस की प्रिंसिपल डॉ अमिता सुनेजा और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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