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Tuesday 12 November 2024 11:10:21 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के 57वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल माध्यम से अपने प्रेरणादायक संदेश में स्नातकों को नए व्यापार समझौतों के बारेमें जानकार बनने केलिए प्रेरित किया और कहाकि इसका उपयोग नए व्यापार अवसर उत्पन्न करने एवं नए बाजारों तक पहुंच प्राप्त केलिए होना चाहिए। उन्होंने कहाकि यह ज्ञान 2 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार लक्ष्य की प्राप्ति सहित 'विकसित भारत' के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगा। उन्होंने दूरसंचार, अर्धचालक, गहरे समुद्र में अन्वेषण एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर प्रकाश डाला और स्नातकों से आगे बढ़ने की सोच केसाथ इन क्षेत्रों में योगदान देने का आग्रह किया। पीयूष गोयल ने उनसे समाज केप्रति जिम्मेदार पेशेवरों के रूपमें काम करने का भी आग्रह किया। उन्होंने नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के महत्व पर कहाकि वर्तमान समय में संगठनों से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सिद्धांतों का पालन करने की उम्मीद की जाती है।
वाणिज्य मंत्री ने स्नातकों को अपने प्रबंधन प्रथाओं में सामाजिक मुद्दों को एकीकृत करने, समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने हेतु कॉर्पोरेट लक्ष्यों को सामुदायिक कल्याण केसाथ संरेखित करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने स्नातकों को नवाचार के जरिए सफलता प्राप्त करने की सलाह दी, विशेष रूपसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों केसाथ जुड़कर। पीयूष गोयल ने आईआईएफटी को अकादमिक उत्कृष्टता का केंद्र बनाने केलिए कुलाधिपति, कुलपति, संकाय सदस्यों और छात्रों की सराहना की। उन्होंने दुबई में आईआईएफटी के पहले विदेशी परिसर का भी उल्लेख किया, जिसने देश-विदेश व्यापार समुदाय एवं शिक्षा में अपनी पैठ बनाई है। गौरतलब हैकि आईआईएफटी ने नई दिल्ली में भव्यता केसाथ अपने 57वें दीक्षांत समारोह की मेजबानी की, जो संस्थान की समृद्ध विरासत को उजागर करती है। समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, आईआईएफटी के कुलाधिपति और वाणिज्य विभाग के सचिव सुनील बर्थवाल ने की। समारोह में गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (अमूल) के प्रबंध निदेशक डॉ जयन मेहता ने भी स्नातकों को प्रेरक दीक्षांत भाषण दिया।
आईआईएफटी के दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों से 650 से अधिक स्नातकों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें फ्लैगशिप एमबीए (अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय), अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वित्त में विशेषज्ञता केसाथ एमए अर्थशास्त्र, प्रबंधन एवं अर्थशास्त्र में पीएचडी और कार्यकारी कार्यक्रम शामिल हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय, अर्थशास्त्र और व्यापार के क्षेत्रोंमें छात्रों को प्रशिक्षित करने केलिए आईआईएफटी की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। कुलाधिपति सुनील बर्थवाल ने स्नातकों के दृढ़ संकल्प व कड़ी मेहनत की सराहना की और उन्हें अपने पेशेवर करियर में आईआईएफटी से मिली सीख को समाहित करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अनुसंधान एवं परामर्श में आईआईएफटी की हाल में प्राप्त कीगई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहाकि संस्थान ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वातावरण का विश्लेषण करने तथा कंपनियों केलिए कार्यनीति समाधान का निर्माण करने में पर्याप्त विशेषज्ञता प्राप्त की है। आईआईएफटी के कुलाधिपति ने शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क में आईआईएफटी के शानदार प्रदर्शन की सराहना की, जहां पर यह भारत के शीर्ष 15 बिजनेस स्कूलों में शामिल है। उन्होंने दुबई में आईआईएफटी परिसर का भी जिक्र किया, जिससे संयुक्त अरब अमीरात में भारतीयों और बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा आईआईएफटी की अनूठी शैक्षिक पेशकश से लाभ उठाने की उम्मीद है, इससे गहरे वैश्विक संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
आईआईएफटी के कुलाधिपति सुनील बर्थवाल ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में कुशल व्यापारियों की आवश्यकता पर बल देते हुए आईआईएफटी में अंतर्राष्ट्रीय वार्ता केलिए नवस्थापित केंद्र के बारेमें विस्तार से जानकारी दी, जोकि छात्रों, सरकारी अधिकारियों और कार्पोरेट वार्ताकारों को एकदूसरे की विशेषज्ञता से सीखने केलिए मंच प्रदान करेगा। उन्होंने भविष्य की पहल आईआईएफटी केस सेंटर की स्थापना के बारेमें भी बात की। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि केस सेंटर उच्चगुणवत्ता, भारत केंद्रित व्यावसायिक मामलों को विकसित करके तथा वैश्विक व्यवसायिक चुनौतियों के संदर्भ में वास्तविक वैश्विक समस्याओं का समाधान करने केलिए छात्रों के अनुभव को समृद्ध बनाएगा। डॉ जयन मेहता ने स्नातकों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और व्यापार में सर्वोत्तम करियर की तलाश करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नए वैश्विक बाजारों तक पहुंच प्राप्त करने में भारतीय कंपनियों की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और बतायाकि किस प्रकार से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञता छात्रों को भारत के बढ़ते वैश्विक कद में सबसे आगे रहने में मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने अंतर्दृष्टि साझा कियाकि कैसे अमूल और अन्य प्रमुख भारतीय ब्रांड वैश्विक रूपसे भारत की उपस्थिति को मजबूती प्रदान कर रहे हैं तथा व्यापार और वाणिज्य में प्रतिभाशाली पेशेवरों केलिए अवसर उत्पन्न कर रहे हैं।
डॉ जयन मेहता ने भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों को सशक्त बनाने में सहकारी समितियों के महत्व को रेखांकित किया एवं जमीनी स्तरपर आर्थिक लचीलापन को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्नातकों से मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने और पेशेवर जीवन में मजबूत नैतिक सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों को अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं कल्याण पर भी ध्यान देने केलिए कहा, क्योंकि दीर्घकालिक सफलता और पूर्ण संतुष्टि केलिए एक संतुलित एवं स्वस्थ जीवनशैली बहुत जरूरी है। प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी कुलपति आईआईएफटी ने स्नातकों को बधाई दी और उन्हें कड़ी मेहनत करने एवं समकालीन प्रबंधकीय कौशल को कॉर्पोरेट जीवन में सफलता प्राप्त करने केलिए महत्वपूर्ण कारकों के रूपमें आत्मसात करने की सलाह दी। प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी ने अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने में संकाय सदस्यों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की, जिन्होंने आईआईएफटी को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शिक्षा में एक लीडर के रूपमें स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
आईआईएफटी के कुलपति ने कहाकि रोज़गार में चुनौतियां होने के बावजूद आईआईएफटी ने अपने स्नातकों केलिए 100 प्रतिशत प्लेसमेंट प्राप्त किया है, जो कौशल केसाथ उद्योग जगत की मांगों को पूरा करने वाले पेशेवरों को तैयार करने केलिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने उद्योग और सरकार केसाथ मिलकर काम करने के महत्व पर बल दिया, जिसने संस्थान को अत्याधुनिक अनुसंधान एवं नीतिगत इनपुट में योगदान देने में सहायता प्रदान की। प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी ने अमेरिका और यूरोप के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों केसाथ आईआईएफटी के हालिया सहयोग कोभी स्वीकार किया, जिससे इसकी वैश्विक भागीदारी और ज्यादा मजबूत हुई है एवं छात्रों को भी मूल्यवान अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त हो रहा है। उन्होंने आईआईएफटी की अनुसंधान पहलों की सराहना की, जिसने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरपर उच्च रैंकिंग प्राप्त करने में योगदान दिया और व्यापार एवं वाणिज्य शिक्षा के भविष्य को आकार देने में इसकी भूमिका का विस्तार किया।