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इफ्फी में गोल्डन पीकॉक के लिए प्रतिस्पर्धा

बारह अंतर्राष्ट्रीय और तीन भारतीय फिल्मों का समृद्ध मिश्रण

अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव के शीर्ष सम्मानों में है गोल्डन पीकॉक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 14 November 2024 12:42:57 PM

competition for golden peacock at iffi

पणजी। गोवा में 20 नवंबर से शुरू होने जारहे 55वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2024 में फिल्मों के माध्यम से दुनियाभर की सशक्त कहानियों को प्रदर्शित करने वाली 15 फिल्में प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक केलिए प्रतिस्पर्धा केलिए तैयार हैं। प्रतिस्पर्धा में 12 अंतर्राष्ट्रीय और 3 भारतीय फिल्मों का समृद्ध मिश्रण है, इनमें से प्रत्येक को अपनी अनूठे परिप्रेक्ष्य, आवाज़ और कलात्मकता केलिए चुना गया है। सर्वश्रेष्ठ वैश्विक और भारतीय सिनेमा प्रस्तुत करने वाली इनमें से प्रत्येक फिल्म मानवीय मूल्यों, संस्कृति और कहानी कहने की कला का अद्वितीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इस वर्ष प्रशंसित भारतीय फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारीकर के नेतृत्व में प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक जूरी में पुरस्कार विजेता सिंगापुर के निर्देशक एंथनी चेन, ब्रिटिश-अमेरिकी निर्माता एलिजाबेथ कार्लसन, स्पेनिश निर्माता फ्रैन बोर्गिया और प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई फिल्म संपादक जिल बिलकॉक शामिल हैं। यह जूरी सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष), सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला) और विशेष जूरी पुरस्कार सहित श्रेणियों में विजेताओं का निर्धारण भी करेगी। विजेता फिल्म को महोत्सव के शीर्ष सम्मानों में से एकके साथ 40 लाख रुपए का पुरस्कार मिलेगा।
अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इस वर्ष की फिल्‍में विभिन्न विषयों और शैलियों की हैं, जिसमें ऐसी फिल्में हैं, जो हमें अज्ञात क्षेत्रों में ले जाती हैं, धारणाओं को चुनौती देती हैं और नई आवाज़ों को बढ़ाती हैं। ये फिल्‍में हैं-फीयर एंड ट्रेम्‍बलिंग (ईरान) में ईरान की दो सबसे प्रतिष्ठित महिला फिल्म निर्माता मनीजेह हेकमत और फ़ैज़ अज़ीज़खानी तेजीसे बदलती दुनियामें डर और अकेलेपन से जूझ रही वृद्ध महिला मंजर के बारेमें एक मार्मिक कहानी प्रस्तुत करती हैं। ईरानी फिल्म का आईएफएफआई में वर्ल्ड प्रीमियर है, यह सामाजिक बदलावों केबीच व्यक्तिगत परिवर्तन और आधुनिक ईरान में महिलाओं के सामने आनेवाली चुनौतियों को दर्शाती है। तुर्किये के लेखक व निर्देशक बेल्किस बराक ने अपनी पहली फीचर फिल्म गुलिज़ार में एक युवा महिला के जीवन पर प्रकाश डाला है, जो स्वतंत्रता की तलाश में आघात और सामाजिक अपेक्षाओं से जूझ रही है। फेस्टिवल सर्किट में ध्यान आकर्षित करते हुए फिल्म का प्रीमियर पहले ही टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-2024 और सैन सेबेस्टियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-2024 में किया जा चुका है।
होली काउ फ्रांसीसी फिल्म निर्माता लुईस कौरवोइसियर की पहली फिल्म मनोरंजक कॉमेडी ड्रामा है। यह 18 वर्षीय टोटोन पर आधारित है, जिसका लापरवाह जीवन उतार-चढ़ावभरा है, क्योंकि वह अपनी छोटी बहन की जिम्मेदारी लेता है। फिल्म ने कान्स फिल्म फेस्टिवल-2024 में प्रतिष्ठित यूथ अवार्ड जीता है। पश्चिमी फ्रांसीसी आल्प्स में जुका के पहाड़ी क्षेत्रपर फिल्माई गई यह आकर्षक फिल्म मुख्य नायक के बड़े होनेकी उथल-पुथल और वयस्कता की जिम्मेदारियों को दर्शाती है। आई एम नेवेंका हूं (स्पेन) गोया पुरस्कार विजेता निर्देशक इसियार बोलैन की अपने तरीके से समाज के अन्याय से लड़ने की एक महिला की साहसिक कहानी है। फिल्म ने 2024 में सैन सेबेस्टियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में यूस्कैडी बास्क कंट्री 2030 एजेंडा अवार्ड जीता है। यह फिल्म पोनफेराडा सिटी काउंसिल की सदस्य नेवेंका फर्नांडीज के मामले का नाटकीय चित्रण है, वह 2001 में उच्च पदस्थ राजनेता पर चला यौन उत्पीड़न का अदालती मामला जीतने वाली स्पेन की पहली महिला बनीं। सच्ची घटनाओं से प्रेरित यह फिल्म न्याय केलिए लड़ाई का वर्णन है। यह स्पेन में उत्पीड़न और लैंगिक समानता के बड़े सामाजिक और सांस्कृतिक निहितार्थों की पड़ताल करती है।
पैनोप्टीकॉन (जॉर्जिया-यूएसए) में जॉर्जियाई-अमेरिकी निर्देशक जॉर्ज सिकरहुलिद्ज़े की मनोरंजक पहली विशेषता एक युवा जॉर्जियाई किशोर है, जो अपने जीवन में पहचान, नैतिकता और स्वयं के सवालों का सामना करता है। फिल्म ने कार्लोवी वेरी 2024 में एक्युमेनिकल जूरी स्पेशल मेंशन जीता है। नए जमाने की कहानी यह फिल्म समकालीन सोवियत उपरांत जॉर्जियाई समाज में बड़े होने की चुनौतियों की जांच करती है। पियर्स (सिंगापुर) पूर्व नेशनल फ़ेंसर और सिंगापुर के उभरते फ़िल्म निर्माता नेलिसिया लो की फिल्म को इस साल कार्लोवी वेरी इंटरनेशनल फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला है। यह मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फिल्म परिवार और भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता की जटिलताओं को उजागर करती है। प्रतिस्पर्धी तलवारबाजी की उच्च जोखिम वाली दुनिया पर आधारित यह फिल्म दो भाइयों का अनुसरण करती है, क्योंकि वे अपनी महत्वाकांक्षा को संतुलित करने केलिए संघर्ष करते हैं। रेड पथ सफल ट्यूनीशियाई थिएटर और सिनेमा निर्देशक और निर्माता लोटफी अचौर की नवीनतम फीचर फिल्म एक युवा चरवाहे अचरफ की कहानी बताती है, वह एक बेहद खूबसूरत परिदृश्य में आघात, परंपरा और व्यक्तिगत नुकसान से गुजरता है। फिल्म का प्रीमियर 2024 में प्रतिष्ठित लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ था।
शेफर्ड्स (कनाडा-फ्रांस) नए क्यूबेक सिनेमा की प्रमुख शख्सियतों में से एक सोफी डेरास्पिया की आत्म पुनर्निर्माण और ग्रामीण जीवन की कठोर वास्तविकताओं पर बनी आश्चर्यजनक फिल्म है। यह उनकी नवीनतम फीचर फिल्म है, जिसने टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव-2024 में सर्वश्रेष्ठ कनाडाई फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता। यह फिल्म एक कनाडाई कॉपीराइटर पर आधारित है, जो सांत्वना और नई शुरुआत की तलाश में चरवाहे के रूपमें जीवन जीने केलिए फ्रांसीसी आल्प्स में चला जाता है, लेकिन जैसेही वह अपने नए जीवन में अलगाव और कठिनाई का सामना करता है, उसे अपने अतीत से जूझना पड़ता है। डेरास्पे का उत्कृष्ट निर्देशन दर्शकों को मानवीय लचीलेपन और चरित्र की ताकत के विचारों का पता लगाने केलिए मजबूर करता है। द न्यू ईयर दैट नेवर केम (रोमानिया) पुरस्कार विजेता रोमानियाई लेखक और निर्देशक बोगदान मुरेसानु की फिल्म दर्शकों को रोमानिया की 1989 की क्रांति के दौरान छह व्यक्तियों के जीवन से रूबरू कराती है। इस फिल्म ने वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-2024 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म केलिए ओरिजोंटी अवॉर्ड और स्पेशल मेंशन: ऑथर्स अंडर 40 अवॉर्ड जीता। यह गहरी व्यक्तिगत कहानी केसाथ ऐतिहासिक नाटक है। मुरेसानु की यह फिल्म राजनीतिक उथल-पुथल और प्रतिरोध, हानि और आशा की मानवीय कहानियों को एकसाथ बुनती है। टॉक्सिक पहली फीचर फिल्म में लिथुआनियाई फिल्म निर्माता और पटकथा लेखक सौले ब्लुवेटे विषाक्तता केबीच दोस्ती की कच्ची और भयावह कहानी प्रस्तुत करते हैं। टॉक्सिक किशोरावस्था, दोस्ती और आत्म विनाश की जटिलताओं की पड़ताल करती है।
टॉक्सिक फिल्म ने 77वें लोकार्नो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-2024 में गोल्डन लेपर्ड, स्वैच फर्स्ट फीचर अवार्ड और एक्युमेनिकल जूरी पुरस्कार जीता है। वेव्स चेक अभिनेता, पटकथा लेखक और निर्देशक जिरी मैडल की तीसरी फीचर फिल्म है। इसे 97वें अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म केलिए चेक गणराज्य की आधिकारिक प्रविष्टि के रूपमें चुना गया है। यह फिल्म 1968 में चेकोस्लोवाकिया पर सोवियत आक्रमण के दौरान स्थापित शक्तिशाली ऐतिहासिक ड्रामा है। फिल्म पत्रकारों के एक समूह के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सच्चाई की रिपोर्ट करने केलिए अपना सबकुछ जोखिम में डाल रहे हैं, क्योंकि उनके देश की आजादी खतरे में है। हू डू आई बिलॉन्ग टू प्रसिद्ध ट्यूनीशियाई-कनाडाई फिल्म निर्माता मेरियम जोबेउर की पहली फिल्म है। यह एक टूटे हुए परिवार के बारेमें एक हाई-ऑक्टेन लेकिन मार्मिक नाटक है। फिल्म एक ट्यूनीशियाई महिला की कहानी बताती है। वह तब अपने मातृ प्रेम और सच्चाई की खोज केबीच फंस जाती है, जब उसका बेटा युद्ध से घर लौटता है और पूरे गांव में अंधेरा फैला देता है। इस फिल्म का प्रीमियर बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-2024 में हुआ था। यह फिल्म मातृ प्रेम और व्यक्तिगत बलिदान की जटिल कथा बुनती है। जोबेउर के काम को पहले ही अपनी भावनात्मक गहराई और मजबूत प्रदर्शन केलिए प्रशंसा मिल चुकी है। द गोट लाइफ (भारत) में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मलयालम फिल्म निर्देशक ब्लेसी सऊदी अरब के कठोर रेगिस्तान में जीवित रहने केलिए संघर्ष कररहे भारतीय प्रवासी श्रमिक की सच्ची कहानी बताते हैं। यह फिल्म लेखक बेन्यामिन के सबसे ज्यादा बिकने वाले मलयालम उपन्यास आदुजीविथम का रूपांतरण है, जो खाड़ी में मलयाली आप्रवासी मजदूर नजीब की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है।
आर्टिकल 370 (भारत) राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता आदित्य सुहास जंभाले की निर्देशित भारत के अशांत संवैधानिक परिवर्तनों की पृष्ठभूमि पर आधारित तनावपूर्ण राजनीतिक थ्रिलर है। यह कहानी अनुच्छेद 370 की जटिलताओं को गहराई से उजागर करती है, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष स्वायत्तता प्रदान की। यह फिल्म क्षेत्र के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य को उत्कृष्टता से चित्रित करती है। निर्देशक ने फिल्म में सत्ता के संघर्ष और व्यक्तिगत बलिदान की कहानी कुशलता से बुनी है। रावसाहब (भारत) राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता निखिल महाजन की निर्देशित बहुप्रतीक्षित मराठी क्राइम थ्रिलर फिल्म है। इस साल के आईएफएफआई में इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर है। निखिल महाजन की क्राइम थ्रिलर आदिवासी भूमि में मानव-पशु संघर्ष और न्याय की तलाश पर केंद्रित है। यह फिल्म भारत की आदिवासी भूमि पर आधारित मनोरंजक कहानी है। उल्लेखनीय हैकि इसवर्ष का नामांकन महिला फिल्म निर्माताओं केलिए श्रद्धांजलि भी है, क्योंकि संयोग से 15 में से 9 फिल्में प्रतिभाशाली महिला फिल्म निर्माताओं की निर्देशित हैं। आईएफएफआई में प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक केलिए प्रतिस्पर्धा करती इन शानदार सिनेमाई कृतियों को देखने केलिए तैयार रहें।

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