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Saturday 29 February 2020 01:17:11 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वैज्ञानिक उद्यम की गुणवत्ता और प्रासंगिकता बढ़ाने पर जोर दिया है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि हमारे विज्ञान को देश के लोगों के विकास और भलाई में योगदान देकर जनता के लिए काम करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं में सभी उपकरणों, ज्ञान, मानवशक्ति और बुनियादी ढांचे के साथ विज्ञान और वास्तव में समाज के सभी हितधारकों तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी की तर्ज पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भी वैज्ञानिक सामाजिक जिम्मेदारी की अवधारणा को विकसित कर रहा है, इसे नीति में शामिल कर रहा है यह जानकर खुशी हुई।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विज्ञान के महत्व के संदेश का प्रचार करना है इसके दो पहलू हैं-अपने आप में विज्ञान, शुद्ध ज्ञान की खोज के रूपमें और समाज में विज्ञान, जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक उपकरण के रूपमें, वास्तव में दोनों ही पहलू आपस में जुड़े हुए हैं, क्योंकि इन दोनों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एक ही है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही हम पर्यावरण, स्वास्थ्य देखभाल, उचित आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा, भोजन एवं जल सुरक्षा तथा संचार आदि की चुनौतियों का प्रभावी रूपसे समाधान कर सकते हैं। रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज हमारे सामने अनेक प्रकार की जटिल समस्याएं हैं, विभिन्न संसाधनों की मांग और आपूर्ति के बढ़ते हुए असंतुलन से भविष्य में टकराव की संभावना है, हम सभी को इन चुनौतियों के स्थायी समाधान की अपनी तलाश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहना होगा। उन्होंने कहा कि इस नीति में वैज्ञानिक बुनियादी ढांचा साझा करने कॉलेज के संकाय को परामर्श देना, अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देना और शीर्ष प्रयोगशालाओं में युवा छात्रों की यात्राओं का आयोजन करना शामिल है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे विज्ञान को लोगों के विकास और भलाई के लिए काम करना चाहिए। राष्ट्रपति ने शिक्षा तथा अनुसंधान संस्थानों में लैंगिक विकास और समानता के लिए तीन प्रमुख कार्यक्रमों की घोषणा की। राष्ट्रपति ने विज्ञान संचार और लोकप्रियता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इन पुरस्कारों में मेधावी महिला वैज्ञानिकों के लिए महिला उत्कृष्टता पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कारों में राष्ट्रीय विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी पुरस्कार, स्पष्ट अनुसंधान के लिए लेखन कौशल को सशक्त बनाने का पुरस्कार, केसीआरबी महिला उत्कृष्टता पुरस्कार और सामाजिक लाभ के लिए टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन के माध्यम से उत्कृष्टता प्रदर्शन के लिए महिला पुरस्कार शामिल हैं। इस वर्ष के राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का विषय है-विज्ञान में महिलाएं। विज्ञान ज्योति कार्यक्रम हाईस्कूल में पढ़ने वाली मेधावी लड़कियों को उच्चशिक्षा में विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा गणित (एसटीईएम) की पढ़ाई जारी रखने में बराबरी का अवसर प्रदान करेगा। संस्थानों को बदलने के लिए लैंगिक विकास से विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा गणित में लैंगिक समानता के मूल्यांकन के लिए विस्तृत चार्टर और रूपरेखा विकसित करेगा।
महिलाओं के लिए विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी समाधानों का ऑनलाइन पोर्टल महिला विशेष सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों, फेलोशिप तथा केरियर काउंसलिंग से संबंधित ई-संसाधन उपलब्ध कराएगा, इसमें साइंस टेक्नोलॉजी में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों का विवरण होगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने विज्ञान दिवस के विषय-विज्ञान में महिलाएं की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय विज्ञान में लैंगिक समानता की संस्कृति बनाने के लिए हमें सांकेतिक प्रयासों से संपूर्णता की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेशनल साइंस फाउंडेशन अमेरिका की हाल की रिपोर्ट के अनुसार भारत विज्ञान और इंजीनियरिंग प्रकाशनों में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इस्टीट्यूट फरीदाबाद के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर गगनदीप कांग ने विशेष व्याख्यान दिया। वे भारत की प्रथम महिला एफआरएस हैं। इस अवसर पर सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन, डीबीटी की सचिव डॉ रेणू स्वरूप, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर मांदे उपस्थित थे।