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Saturday 29 March 2025 01:29:18 PM
नई दिल्ली। भारत और जापान का वर्ष 1958 से द्विपक्षीय विकास सहयोग का एक दीर्घकालिक और फलीभूत इतिहास है। भारत-जापान संबंधों के एक प्रमुख स्तंभ के रूपमें आर्थिक सहयोग में पिछले कुछ वर्षों से तेज प्रगति देखी जा रही है, जो भारत-जापान केबीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत एवं और सुदृढ़ करती है। इसी साझेदारी के तहत भारत ने जापान के आधिकारिक विकास सहायता के अंतर्गत वन प्रबंधन, जल आपूर्ति, शहरी परिवहन, जलकृषि, जैव विविधता संरक्षण और निवेश संवर्धन के क्षेत्रोंमें छह परियोजनाओं केलिए 191.736 बिलियन जापानी येन के ऋण समझौते किए हैं।
भारत सरकार और जापानी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी केबीच कल नई दिल्ली में द्विपक्षीय विकास सहयोग के ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, इनमें प्रमुख हैं-तमिलनाडु निवेश संवर्धन कार्यक्रम (चरण 3) (टीएनआईपीपी-III) (36.114 बिलियन जेपीवाई), प्रभावी वन प्रबंधन की क्षमता वृद्धि केलिए परियोजना (8.280 बिलियन जेपीवाई), चेन्नई समुद्री जल विलवणीकरण संयंत्र (II) के निर्माण की परियोजना (52.556 बिलियन जेपीवाई), दिल्ली जन सामूहिक तीव्र परिवहन प्रणाली परियोजना (चरण 4 अतिरिक्त गलियारे) (I) (79.726 बिलियन जेपीवाई), असम राज्य जलीय कृषि संवर्धन और आजीविका सुधार परियोजना (3.580 बिलियन जेपीवाई) और पंजाब जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण परियोजना (11.480 बिलियन जेपीवाई)।
तमिलनाडु निवेश संवर्धन कार्यक्रम-III का उद्देश्य समावेशी और टिकाऊ स्वरूप से विदेशी निवेश, उभरते क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने और उन्नत विनिर्माण कौशल में लोगों को प्रशिक्षित करने सहित राज्य में अधिक निवेश आकर्षित करके युवाओं को गुणवत्तापूर्ण रोज़गार प्रदान करना है। चेन्नई विलवणीकरण संयंत्र परियोजना समुद्री जल विलवणीकरण संयंत्र और इससे संबंधित जल आपूर्ति केंद्रों का निर्माण करके सुरक्षित और विश्वसनीय जल आपूर्ति उपलब्ध कराएगी, जिससे चेन्नै महानगर क्षेत्र में संबंधित क्षेत्रों में निवेश वातावरण केसाथ-साथ ग़रीब लोगों सहित नागरिकों की जीवन स्थितियों में सुधार होगा। प्रभावी वन प्रबंधन केलिए क्षमता संवर्धन परियोजना का उद्देश्य अनुसंधान और विकास, प्रायोगिक परियोजनाओं के कार्यांवयन, प्रशिक्षण प्रणालियों में सुधार एवं वन, जैव विविधता संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रमें संस्थागत सुदृढ़ीकरण के माध्यम से वन नीतियों के कार्यांवयन केलिए वन कर्मियों की कार्यक्षमता में वृद्धि करना है।
जापान की आधिकारिक विकास सहायता से दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना बड़े पैमाने पर त्वरित परिवहन प्रणाली का विस्तार करेगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देगी, अंततः यातायात की भीड़ और वाहन प्रदूषण में कमी के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को कम करेगी। असम में जलीय कृषि संवर्धन परियोजना से जलीय कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और जलीय कृषि को प्रोत्साहन देकर मत्स्य आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ाने और मत्स्य विभाग के संस्थागत सुदृढ़ीकरण में सहयोग करके मत्स्य पालन हितधारकों की ग्रामीण आजीविका में सुधार होगा। पंजाब में जैव विविधता परियोजना इकोसिस्टम सेवाओं को बढ़ाएगी और जंगल के बाहर पेड़ों की संख्या में वृद्धि, जैव विविधता संरक्षण, एकीकृत आर्द्रभूमि प्रबंधन, आजीविका सुधार और संस्थागत मजबूती के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करेगी।