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Thursday 19 October 2023 05:21:41 PM
मोतिहारी (बिहार)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज बिहार के पूर्वी चंपारन में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया और इसे संबोधित किया। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि वे महात्मा गांधी के भारत में किए गए पहले सत्याग्रह की स्मृति में स्थापित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हैं, इस नाते वे एक अमूल्य विरासत से जुड़े हुए हैं, जिसका सम्मान पूरी दुनिया में किया जाता है। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से गांधीजी की विरासत को समझने और अपनाने को कहा। उन्होंने कहाकि गांधीजी की विरासत को समझने एवं आत्मसात करने केलिए सादगी और सच्चाई के अच्छे परिणामों को समझना होगा, सादगी और सच्चाई का मार्ग ही वास्तविक सुख, शांति और प्रसिद्धि का मार्ग है। उन्होंने विद्यार्थियों से बापू की शिक्षाओं के अनुसार मन, वाणी और कर्म से सदैव सत्य के मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि गांधीजी ने अहिंसा, करुणा, नैतिकता और नि:स्वार्थ सेवा के आदर्शों से लोगों का विश्वास बढ़ाया, उन्होंने हमारे समाज, राजनीति और अध्यात्म को भारतीयता केसाथ बहुत गहराई से जोड़ा और आजभी विश्व समुदाय गांधीजी में भारत का मूर्तरूप देखता है। राष्ट्रपति ने बतायाकि ऐतिहासिक चंपारण सत्याग्रह का समाज के ताने-बाने पर भी गहरा प्रभाव पड़ा, उस आंदोलन के दौरान सभी लोग जातिगत भेदभाव को किनारे रखकर एक-दूसरे केसाथ खाना बनाने और खाने लगे। उन्होंने कहाकि करीब 106 साल पहले गांधीजी के कहने पर चंपारण के लोगों ने सामाजिक समानता और एकता का मार्ग अपनाया और अंग्रेजी हुकूमत को झुकने पर मजबूर कर दिया। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आजभी सामाजिक समानता और एकता का वही मार्ग हमें आधुनिक और विकसित भारत के पथ पर आगे ले जाएगा। राष्ट्रपति ने उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और कहाकि उन्हें बताया गया हैकि विश्वविद्यालय के विभिन्न शिक्षण कार्यक्रमों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या लगभग 60 प्रतिशत है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इस शानदार उपलब्धि केलिए छात्राओं को साधुवाद दिया और कहाकि ऐसी होनहार छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन और बढ़ते हुए आत्मविश्वास में उन्हें भविष्य के विकसित भारत का स्वरूप दिखाई देता है। राष्ट्रपति ने कहाकि महात्मा गांधी मानते थेकि छात्र-छात्राओं को शिक्षा के समान अवसर मिलने चाहिएं, वे कहते थेकि यदि आवश्यकता पड़े तो छात्राओं की शिक्षा हेतु विशेष सुविधाएं प्रदान करनी चाहिएं। बापू ने यहभी कहा थाकि विश्वविद्यालय की शिक्षा का उद्देश्य ऐसे सच्चे जनसेवकों को तैयार करना है, जो देश केलिए जिएं। राष्ट्रपति ने कहाकि गांधीजी के इस विचार को विश्वविद्यालय से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को सदैव ध्यान में रखना चाहिए। राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि ऐतिहासिक चंपारन सत्याग्रह के दौरान इस क्षेत्र में गांधीजी बहुत लंबे समय तक रहे थे, उनके साथ माँ कस्तूरबा, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, ब्रजकिशोर प्रसाद, बाबू अनुग्रह नारायण सिंह, आचार्य कृपलानी तथा अनेक महत्वपूर्ण लोग चंपारन सत्याग्रह से जुड़े रहे, उस दौरान दीनबंधु एंडरूज भी यहां आए थे। चंपारन के ग़रीब और शोषित किसानों की सत्याग्रही सेना के बल पर महात्मा गांधी ने एक अनोखा आंदोलन चलाया और विश्व इतिहास के सबसे मजबूत और विशाल साम्राज्य को झुकने पर मजबूर कर दिया।
राष्ट्रपति ने कहाकि यह क्षेत्र भगवान बुद्ध के अवशेषों से समृद्ध है, इस क्षेत्र में सम्राट अशोक के समय के स्तम्भ मौजूद हैं, पश्चिमी चंपारन में सम्राट अशोक के स्थापित स्तम्भ के सबसे ऊपर का हिस्सा राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल के प्रवेश द्वार पर स्थापित है, रामपुरवा बुल के नामसे प्रसिद्ध वह ऐतिहासिक कलाकृति राष्ट्रपति भवन में आगंतुकों को चंपारन क्षेत्र से परिचित कराती है। पश्चिमी चंपारन में ही बिहार का एक मात्र बाघ अभयारण्य भी है, जो वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि इतिहास और वन संपदा से समृद्ध इस क्षेत्र में पर्यटन की प्रचुर संभावनाएं हैं, इस क्षेत्र की स्वादिष्ट लीची का निर्यात बड़े पैमाने पर होता है। उन्होंने कहाकि वे इन बातों का उल्लेख इसलिए कर रही हैंकि ऐसी क्षेत्रीय विशेषताओं पर आधारित रोज़गार और स्व-रोज़गार के अवसरों का युवा पीढ़ी उपयोग कर सकती है, इससे युवाओं की व्यक्तिगत उन्नति होगी और इस क्षेत्र का भी विकास होगा। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि इस विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के सहयोग से शोध और अध्ययन की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, यहां नई ऊर्जा केसाथ कई क्षेत्रों में पहल की जा रही हैं। राष्ट्रपति ने ऐसे प्रयासों केलिए विश्वविद्यालय के कुलपति और उनकी टीम की भी सराहना की।