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'परमाणु सुरक्षा राष्ट्रीय प्राथमिकता मानी जाए'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति से वार्ता

'विश्व के कई देशों का सहयोग नहीं मिल रहा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 1 April 2016 03:09:54 AM

pm narendra modi and president barack obama

वॉशिंगटन/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परमाणु सुरक्षा का मुद्दा उठाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सराहना करते हुए उनके सामने परमाणु सुरक्षा के खतरों पर प्रमुखता से अपनी भी बात रखी। प्रधानमंत्री ने व्हाइट हाउस में रात्रिभोज के दौरान बराक ओबामा से कहा कि उन्होंने ऐसा करके वैश्विक सुरक्षा के लिए महान सेवा की है। ब्रसेल्स में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों का उल्लेख करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रसेल्स हमले से परमाणु सुरक्षा को आतंकवाद से पैदा हुए वास्तविक और तात्कालिक खतरों का पता चलता है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के सामने विश्वस्तर पर हाल की आतंकवादी घटनाओं और उनमें इस्तेमाल होते देखे गए तरीकों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसपर फौरन ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है, क्योंक‌ि यह वैश्विक सुरक्षा के लिए अनियंत्रित खतरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के तीन समकालिक लक्षणों पर ध्यान देने का आह्वान किया-पहला, आज का आतंकवाद थिएटर की तरह अति हिंसा का इस्तेमाल करता है। दूसरा, हम आज गुफा में छिपे एक आदमी को तलाश नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम एक शहर में एक आतंकवादी की खोज कर रहे हैं, जिसके पास कंप्यूटर और स्मार्टफोन है। तीसरा, कई देशों की सरकारें परमाणु तस्करों और आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, जिससे सबसे बड़ा खतरा पैदा हुआ है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मौजूदा दौर में आतंकवाद 21वीं सदी की तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का नेटवर्क पूरी दुनिया में है, लेकिन हम इस चुनौती से सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की पहुंच और आपूर्ति चेन वैश्विक है, लेकिन देशों के बीच वास्तविक सहयोग बिल्कुल नहीं है।
नरेंद्र मोदी ने बराक ओबामा से कहा कि आतंकवाद के कृत्यों की रोकथाम और कार्रवाई के बिना परमाणु आतंकवाद को रोका नहीं जा सकता। उन्होंने हर किसी से इस धारणा को त्यागने की अपील की कि आतंकवाद किसी और की समस्या है और ‘उसका’ आतंकवाद ‘मेरा’ आतंकवाद नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परमाणु सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता माना जाना चाहिए और सभी देशों को अपनी अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं का पालन करना चाहिए। ज्ञातव्य है कि नरेंद्र मोदी बहुत पहले से कहते आ रहे हैं कि विश्व पर परमाणु आतंकवाद का खतरा मंडरा रहा है और इस मुद्दे पर कुछ देश चुप हैं। उन्होंने पाकिस्तान का भी नाम लेकर आशंका जाहिर की है कि आतंकवादी पाक के परमाणु ठिकानों पर कब्जा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह धारणा तो साबित ही हो चुकी है कि विभिन्न देशों में परमाणु सुरक्षा खतरे में है।

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