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Saturday 7 January 2017 12:27:48 AM
गुवाहाटी। पूर्वोत्तर राज्योंके श्रम मंत्रियों और प्रधान श्रम सचिवों का क्षेत्रीय सम्मेलन गुवाहाटी में श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय की मौजूदगी में हुआ, जिसका असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उद्घाटन किया। भारत सरकार में श्रम एवं रोज़गार सचिव सत्यवती और पूर्वोत्तर के सभी सातों राज्यों के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। असम के मुख्यमंत्री ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बेलटोला में ईएसआईसी मॉडल अस्पताल को उन्नत कर इसमें बिस्तरों की संख्या को मौजूदा 50 से बढ़ाकर 150 बिस्तर करने का आग्रह किया।
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नोटबंदी के दौरान लोगों को हुई कठिनाइयों को कम करने के लिए असम सरकार के प्रयासों के तहत उठाए गए कदमों पर रोशनी डाली। बंडारू दत्तात्रेय ने लागू किए गए विभिन्न श्रम सुधारों, कामगारों की रोज़गार सुरक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों और राष्ट्रीय करियर सेवा परियोजना के क्रियांवयन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत में स्थापित किए जाने वाले 100 मॉडल करियर केंद्रों में से 18 केंद्र पूर्वोत्तर राज्यों में ही स्थापित किए जाएंगे। बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वर्तमान सरकार की एक पहल ‘श्रम सुविधा पोर्टल’ से और ज्यादा पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित हुई है, जिससे श्रम कानूनों को बेहतर ढंग से लागू करना संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि 43 श्रम कानूनों का सरलीकरण करके उन्हें 4 प्रमुख श्रम संहिताओं में तब्दील करने की प्रक्रिया जारी है, पारिश्रमिक पर संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के रूप में संहिता और सुरक्षा एवं कार्य के माहौल पर संहिता इन 4 प्रमुख श्रम संहिताओं में शामिल हैं।
रोज़गार राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने पूर्वोत्तर राज्यों में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे की बेहतरी के लिए सरकार के उठाए गए कदमों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री के अनुरोध के अनुसार ही असम के बेलटोला में 50 बिस्तरों वाले मौजूदा अस्पताल का उन्नयन चरणबद्ध ढंग से 150 बिस्तरों वाले अस्पताल के रूप में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेषकर अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत कामगारों को पारिश्रमिक की कैशलेश अदायगी सुनिश्चित करने के लिए श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय ने बैंक खाते खोलने हेतु अथक प्रयास किए हैं, लगभग 25.68 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं और शेष कामगारों को भी इस दायरे में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।