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Saturday 25 November 2017 03:50:53 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोल्डन ब्लॉसम रिज़ॉर्ट्स में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के 1967 बैच के एमबीबीएस छात्रों के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए और चिकित्सकों को उनके मूलभूत कर्तव्यों के प्रति जागरुक किया। उन्होंने कहा है कि केजीएमयू अपनी रैंकिंग में सुधार की दिशा में प्रयास करे, ताकि देश का यह अग्रणी चिकित्सा संस्थान बन सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सक धरती पर भगवान है, जिसपर मरीज बहुत भरोसा करता है कि वह जीवनदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि डॉक्टर मरीजों के साथ सहानुभूति और सेवाभाव से चिकित्सा कार्य करें। उन्होंने कहा कि डॉक्टर को अपने मन में परमार्थ की भावना रखनी चाहिए और इसके लिए सक्रिय कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि चिकित्सा के क्षेत्र में 50 वर्ष की सफलतम चिकित्सा सेवा के फलस्वरूप देश और विदेश के छात्र केजीएमयू पहुंचते हैं, यह केजीएमयू के लिए एक गौरवशाली बात है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केजीएमयू के छात्र आज देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं, यहां के छात्रों ने चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देकर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि अमेरिका तथा इंग्लैंड से 1967 बैच के 11 छात्र भी अपनी स्वर्ण जयंती में आए हैं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू के पास 100 वर्ष से अधिक की विरासत है, इसके पास 4000 बेड से अधिक का हॉस्पिटल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों की समाज तथा देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है, राष्ट्र निर्माण में चिकित्सकों के दायित्व से सभी अवगत हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों को कोशिश करनी चाहिए कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का उपयोग और लाभ प्रदेश के दूरवर्ती गांवों के रोगियों की चिकित्सा के लिए भी हो सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति से निरंतर अवगत रहना चाहिए और नवीनतम उपचारात्मक प्रौद्योगिकियों को अपनाना चाहिए, साथ ही अपने पाठ्यक्रम को लगातार अद्यतन भी करते रहना चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हम लेजर सर्जरी के युग में प्रवेश कर चुके हैं तथा रोबोटिक सर्जरी काफी चर्चा में है। उन्होंने कहा कि बॉयोटेक्नोलॉजी में स्टेम सेल अनुसंधान के क्षेत्र में अन्वेषण तथा खोज की बहुत संभावनाएं हैं, इसी प्रकार ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जिनके बारे में हमें अभी जानकारी भी नहीं है, जिनकी वैज्ञानिकों को खोज करनी है। उन्होंने कहा कि हमें उच्च चिकित्सा शिक्षा के केंद्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहन देना होगा, चिकित्सा विश्वविद्यालयों में नए अन्वेषण के प्रति लगाव का वातावरण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ियों की सफलता नवीन अनुसंधान पर निर्भर करेगी और हमारा लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधानों और नव अन्वेषणों का होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रभाव तब दिखाई देता है, जब यह आम आदमी के जीवन में बदलाव लाती है, प्रदेश एवं देश में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं, जिन्हें उच्चकोटि की चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश और प्रदेश की जनसंख्या को देखते हुए सभीके लिए स्वास्थ्य के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हमें अभी बहुत प्रयास करने होंगे, इसके लिए और अधिक चिकित्सकों, पैरा मेडिकल स्टाफ, अधिक चिकित्सा शिक्षा संस्थानों और अधिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं अस्पतालों की आवश्यकता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश एवं प्रदेश की बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ ही विभिन्न बीमारियों एवं विभिन्न चिकित्सालयों में बढ़ती हुई भीड़ इस बात का संकेत है कि बीमारियों का सामना करने के लिए हमें उसी अनुपात में विशिष्ट चिकित्सक भी तैयार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने 1967 बैच के डॉक्टरों का आह्वान किया कि वे चिकित्सा के क्षेत्र में 50 वर्ष का अनुभव रखते हैं, जो एक तरह की बौद्धिक संपदा है, वे इसका उपयोग इस संस्थान को आगे बढ़ाने और सामान्य लोगों की सेवा के लिए करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों तथा शोध की जितनी जानकारी उनके पास है, वह अभी नए लोगों के पास नहीं है, ऐसे में वे इसका उपयोग मरीज के उत्थान के लिए करें। योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि इस बैच के छात्र केजीएमयू को आगे बढ़ाने के विषय में अवश्य सोचेंगे और इसमें अपना योगदान भी देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इसमें हर प्रकार की सहायता देगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित करके किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत पुष्प और तुलसी का गमला भेंटकर किया गया। उन्हें एक शॉल भी भेंट की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 1967 बैच से संबंधित एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में केजीएमयू के कुलपति डॉ एमएल भट्ट, डॉ अवधेश अग्रवाल, 1967 बैच के 110 छात्र तथा उनके परिजन और बड़ी संख्या में चिकित्सक मौजूद थे।