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कृषिमंत्री का सुपारी किसानों से संवाद

देश में सुपारी इम्पोर्ट पर 100 प्रतिशत लगेगा इम्पोर्ट शुल्क

गांव-गांव तक कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप क्रांति-शिवराज सिंह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 19 January 2025 04:57:45 PM

agriculture minister's dialogue with betel nut farmers

शिमोगा (कर्नाटक)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिमोगा में अन्वेषणा मलनाड स्टार्टअप समिट-2025 को संबोधित करते हुए कहा हैकि हमारे युवा ऊर्जा से भरे हैं, उनके पास विजन और अपार क्षमता है। उन्होंने कहाकि आज गांव-गांव में स्टार्टअप क्रांति हो रही है, एग्रीटेक स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या यह बताती हैकि हमारे किसान नई तकनीक, नवाचार और उद्यमिता से जुड़ रहे हैं। कृषिमंत्री शिमोगा में सुपारी किसानों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने उनके सुझावों एवं समस्याओं को सुना। उन्होंने उल्लेख कियाकि मध्यप्रदेश में हर घरमें सुपारी होती है, गांव में मेहमानों को सबसे पहले सुपारी दी जाती है, पूजा में बैठते हैं तो सुपारी को ही गणेशजी बनाया जाता है, हर धार्मिक काम में सुपारी का प्रयोग होता है। उन्होंने कहाकि शिमोगा अद्भुत जिला है, जहां सुपारी का भरपूर उत्पादन होता है।
कृषिमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा सुपारी उत्पादक देश है, कुल सुपारी उत्पादन में 63 प्रतिशत भागीदारी भारत की है, लगभग 58 हजार 664 करोड़ रूपए की सुपारी का पिछले साल उत्पादन हुआ था और लगभग 60 लाख किसान सुपारी उत्पादन के काम में लगे हुए हैं। उन्होंने कहाकि किसानों को अच्छे दाम मिल पाए, हम इसके लिए कटिबद्ध हैं, हमने तय किया हैकि देशमें अगर कोई सुपारी इम्पोर्ट करेगा तो 100 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी, ताकि बाहर से आनेवाली सुपारी महंगी आए। उन्होंने कहाकि अवैध सुपारी भी यहां बड़ी चुनौती है, जिसकी क्वालिटी भी ठीक नहीं होती है। शिवराज सिंह चौहान ने सुपारी किसानों को आश्वस्त कियाकि वे सीमा शुल्क बोर्ड केसाथ मिलकर अवैध सुपारी लाने वालों पर कठोर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहाकि भारी वर्षा के कारण सुपारी को बहुत नुकसान हुआ है, कई तरह की नई बीमारियां आ गई हैं, वैसे आईसीएआर फसलों में बीमारियों को दूर करने केलिए लगातार शोध कररहा है, आगे जितनीभी रिसर्च की जरूरत होगी, वो की जाएगी उसके लिए हम पर्याप्त संसाधन की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने यह भी कहाकि कर्नाटक में तुअर, उड़द, मसूर जैसी फसलों की पूरी खरीदी एमएसपी पर करेंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति ने एलएसडी और व्हायएलडी जैसी बीमारियों को रोकने केलिए उपाय सुझाए हैं, जो सिफारिशें की हैं, योजना बनी हैं, उसमें केंद्र का हिस्सा 67 करोड़ रूपए हम इसी बजट में प्रावधान करके लागू करेंगे। कृषिमंत्री ने कहाकि खेती को लाभ का धंधा बनाने केलिए हमारी छह सूत्रीय रणनीति है, पहला-उत्पादन बढ़ाना, दूसरा-उत्पादन की लागत घटाना, तीसरा-फसल के ठीक दाम देना, चौथा-नुकसान हो जाए तो भरपाई करना, पांचवां-खेती का विविधीकरण और छटवा-धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ना। उन्होंने कहाकि एक तरफ हम देखते हैंकि किसान जहां फसल पैदा करता है, वहां उसके दाम कम मिलते हैं, लेकिन किसान की पैदा की हुई फल, सब्जी और दूसरे उत्पाद जब बड़े शहरों में जाते हैं तो महंगे बिकते हैं। उन्होंने कहाकि मेरे मन में ये वेदना हैकि इससे उपभोक्ता को महंगा मिलता है, किसान का सस्ता बिकता है, इस बीचके अंतर को कैसे कम करके किसान को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, इसके लिए अनेकों उपाय पर हम काम कर रहे हैं। शिवराज सिंह ने कहाकि ऐसी योजना भी हमारे दिमाग में हैकि अगर शिमोगा में कोई चीज पैदा हुई है और उसे दिल्ली में अच्छी कीमत मिलती है तो उसे फार्मर, FPO's या किसी राज्य की संस्था के माध्यम से वहाँ ले जाएं और ट्रांसपोर्ट का खर्च आधा केंद्र सरकार और आधा राज्य सरकार उठाए, ताकि किसानों को ठीक दाम मिल सके।
कृषिमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि किसानों को अच्छे दाम देने केलिए वैल्यू एडिशन जरूरी है, कुछ एफपीओ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, एक एफपीओ का टर्नओवर तो 60 करोड़ रूपए से ज्यादा है, ये एफपीओ नई कृषि क्रांति कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि अकेला किसान नहीं, एफपीओ ब्रांडिंग, मार्केटिंग वैल्यू एडिशन करें और इसे करने केलिए हमारे स्टार्टअप्स तैयार खड़े हैं। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार कृषि के विकास और किसानों के कल्याण केलिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है एवं कृषि के आधुनिकीकरण केलिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने केसाथ ही उन्हें आवश्यक सहयोग और संसाधन भी उपलब्ध करा रहा है।

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