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Saturday 30 November 2024 05:52:28 PM
नई दिल्ली। देश में बागवानी फसल किसानों की प्रमाणित रोगमुक्त रोपण सामग्री तक पहुंच में सुधार, फसलों की उपज, गुणवत्ता और जलवायु प्रभावों केप्रति जागरुकता बढ़ाने, भारत के स्वच्छ संयंत्र निर्माण कार्यक्रम के उद्देश्य से भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 98 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ऋण समझौते पर वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी की ओर से एडीबी के भारत में मिशन प्रभारी अधिकारी काई वेई येओ ने हस्ताक्षर किए। समझौते पर हस्ताक्षर केबाद जूही मुखर्जी ने कहाकि एडीबी के वित्तपोषण से पौधों के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा, जो किसानों की उत्पादकता में सुधार केलिए महत्वपूर्ण और आवश्यक है।
एडीबी भारत मिशन के प्रभारी अधिकारी काई वेई येओ ने कहाकि यह परियोजना भारत सरकार के आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम (सीपीपी) का समर्थन करती है, जो पौधों के स्वास्थ्य प्रबंधन को बेहतर बनाता है, यह भारत में बागवानी केलिए सीपीपी को प्रभावी ढंग से लागू करने केलिए विनियामक ढांचे और संस्थागत प्रणालियों को विकसित करने में मदद करेगा। उन्होंने बतायाकि इस परियोजना में निजी नर्सरियों, शोधकर्ताओं, राज्य सरकारों और उत्पादकों के संघों केसाथ गहन परामर्श शामिल होगा, ताकि इसकी सफलता और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। परियोजना के माध्यम से बढ़ावा दिया गया पौध स्वास्थ्य प्रबंधन से किसानों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि बढ़ते तापमान से न केवल कठोर मौसम की घटनाएं होती हैं, बल्कि कीट और रोग व्यवहार पर भी असर पड़ता है।
इस लक्ष्य को पूरा करने केलिए समर्पित स्वच्छ संयंत्र केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जो रोग-मुक्त फाउंडेशन सामग्री को बनाए रखने केलिए समर्पित होंगे। स्वच्छ संयंत्र केंद्रों में अत्याधुनिक नैदानिक परीक्षण विधियों से सुसज्जित प्रयोगशालाएं होंगी और इनमें ऐसे विशेषज्ञ होंगे जो स्वच्छ संयंत्र केंद्र संचालन प्रक्रियाओं और नैदानिक परीक्षण प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित होंगे। इस परियोजना के तहत स्वच्छ पौध प्रमाणन योजना शुरू की जाएगी, निजी नर्सरियों को मान्यता दी जाएगी और उनकी रोपण सामग्री का परीक्षण और प्रमाणन किया जाएगा। इसे राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय लागू करेगा।