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भारत दुनिया का एक शांति वार्ताकार-हरिवंश

दुनिया में भारत ने जादूगरों व सपेरों की भूमि की छवि को तोड़ा

आकाशवाणी का प्रतिष्ठित डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 30 November 2024 12:33:34 PM

prestigious dr. rajendra prasad memorial lecture of all india radio

नई दिल्ली। भारतीय संसद में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने ‘वैश्विक क्षितिज पर भारत की बढ़ती भूमिका’ विषय पर आकाशवाणी का प्रतिष्ठित डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान-2024 दिया। आकाशवाणी के रंग भवन सभागार में हुआ यह व्याख्यान वर्ष 1969 से आकाशवाणी के कार्यक्रमों के कैलेंडर में एक वार्षिक आयोजन है, जो देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती 3 दिसंबर को पड़ता है। यह व्याख्यान आकाशवाणी के राष्ट्रीय हुकअप पर प्रसारित होता है। उपसभापति हरिवंश ने पिछले एक दशक में भारत के अहम विषयों पर प्रकाश डाला, जिससे वैश्विक समुदाय में उसकी स्थिति सुदृढ़ हुई है। उन्होंने उभरती वैश्विक व्यवस्था में भारत के बढ़ते प्रभाव विशेष रूपसे महाद्वीपों में तेजीसे फैल रही भारत की सॉफ्ट पावर के प्रभाव का उल्लेख किया।
उपसभापति हरिवंश ने भविष्य केलिए विजन पर विचार किया और कहाकि राष्ट्र 2047 तक 'विकसित भारत' बनने की अपनी यात्रा पर है। उन्होंने कहाकि दुनिया भारत को एक शांति वार्ताकार के रूपमें देखती है और उसकी राय न केवल सुनी जाती है, बल्कि कई विजन दस्तावेजों में प्रमुखता से शामिल की जाती है। हरिवंश ने विशेष रूपसे इस बात पर प्रकाश डालाकि भारत ने औपनिवेशिक शासकों के चित्रित जादूगरों और सपेरों की भूमि की छवि को तोड़ दिया है और 5वीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है। उन्होंने कहाकि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हरिवंश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की प्रशंसा की, जिसने वैश्विक मंच पर भारत की छवि को पूरी तरह बदल दिया है, लोकप्रिय बना दिया है। उन्होंने कहाकि भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजीसे वृद्धि वैश्विक समुदाय में भारत की स्थिति को निर्धारित करने जा रही है। हरिवंश ने कहाकि भारत के यूपीआई लेनदेन ने दुनिया बहुत प्रभावित है, जो भारत की तकनीकी ताक़त को प्रदर्शित करता है। उन्होंने बतायाकि योग ने दुनिया को संगठित किया है। उन्होंने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ बनने में भारत की भूमिका का उल्लेख किया।
उपसभापति हरिवंश ने व्याख्यान की शुरुआत डॉ राजेंद्र प्रसाद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला, उनके जीवन के ज्ञात और अज्ञात प्रसंगों का जिक्र किया। उन्होंने वर्ष 1969 से इस तरह की श्रृंखला चलाने और प्रख्यात वक्ताओं के 50 से अधिक व्याख्यान आयोजित करने केलिए आकाशवाणी की भूमिका की सराहना की एवं इस श्रृंखला का हिस्सा बनने पर गौरव महसूस किया। प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी और आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ प्रज्ञा पालीवाल गौर ने भी डॉ राजेंद्र प्रसाद को पुष्पांजलि अर्पित की। गौरव द्विवेदी ने उद्घाटन भाषण में डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मारक व्याख्यान से परिचित कराया और स्वतंत्र भारत में डॉ राजेंद्र प्रसाद के योगदान पर प्रकाश डाला। गौरव द्विवेदी ने श्रोताओं से प्रमुख वक्ताओं का परिचय कराया। उन्होंने प्रसार भारती के कार्यक्रमों को दर्शकों केलिए उपलब्ध कराए जाने वाले विभिन्न मंचों की जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ प्रज्ञा पालीवाल गौर के धन्यवाद ज्ञापन केसाथ हुआ।

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