स्वतंत्र आवाज़
word map

देश-दुनियाभर में होगी महाकुंभ की चर्चा

योगी आदित्यनाथ सरकार ने की भव्य और व्यापक तैयारियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात में महाकुंभ का उल्लेख

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 29 December 2024 03:53:40 PM

maha kumbh will be discussed across the country and the world

महाकुंभ नगर (प्रयागराज)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार यह सुनिश्चित करने केलिए व्यापक तैयारी कर रही हैकि प्रयागराज में महाकुंभ-2025 एक भव्य, सुरक्षित और आध्यात्मिक रूपसे समृद्ध कार्यक्रम हो एवं जिसकी चर्चा देश-दुनियाभर में हो। दुनियाभर से 40 करोड़ से अधिक भक्तों की मेजबानी करने की उम्मीद है, प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक यह 45-दिवसीय उत्सव भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं को प्रदर्शित करेगा। यहां एकसाथ भारत आने के कई कारण हैं, जो भारतीय प्रवासियों को इस दौरान भारत आने केलिए प्रेरित कर रहे हैं। पहले एनआरआई दिवस, फिर महाकुंभ और उसके बाद गणतंत्र दिवस, महाकुंभ एक प्रकार की त्रिवेणी है, भारत के विकास और विरासत से जुड़ने का बहुत बड़ा अवसर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात की 117वीं कड़ी में महाकुंभ का उल्लेख किया और कहाकि इस समय वहां संगम तट पर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं और उन्हें याद हैकि अभी कुछ दिन पहले जब वे प्रयागराज गए थे तो हेलिकॉप्टर से पूरा कुम्भ क्षेत्र देखकर उनका दिल प्रसन्न हो गया था। इतना विशाल! इतना सुंदर! इतनी भव्यता! उन्होंने कहाकि महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में ही नहीं है, कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है। उन्होंने कहाकि इसमें करोड़ों लोग एकसाथ एकत्रित होते हैं, लाखों संत, हजारों परम्पराएं, सैकड़ों संप्रदाय, अनेकों अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है, कहीं कोई भेदभाव नहीं दिखता है, कोई बड़ा नहीं होता है, कोई छोटा नहीं होता है। अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा, इसलिए यह एकता का महाकुंभ भी है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इसबार का महाकुंभ भी एकता के मंत्र को सशक्त करेगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहाकि जब हम महाकुंभ में शामिल हों तो एकता के संकल्प को अपने साथ लेकर वापस आएं, समाज में विभाजन और विद्वेष के भाव को नष्ट करने का संकल्प भी लें।
संस्‍कृति मंत्रालय की विज्ञप्ति में बताया गया हैकि महाकुंभ नगर को हजारों टेंट और आश्रयों केसाथ एक अस्थायी शहर में बदला जा रहा है, जिसमें आईआरसीटीसी के महाकुंभ ग्राम लक्जरी टेंट सिटी जैसे सुपर डीलक्स आवास शामिल हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। सड़कों का नवीनीकरण और प्रमुख सड़कों का सौंदर्यीकरण पूरा होने के करीब है। पोंटूनों का उपयोग करके पुलों का निर्माण किया गया है। आगंतुकों का मार्गदर्शन करने केलिए बहुभाषा संकेत (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाएं) लगाए गए हैं। चेकर्ड प्लेटों को मार्गों केलिए बिछाया गया है, प्रमुख स्थानों पर एआई की मदद से भीड़ की निगरानी की जाएगी, हजारों सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन, चेहरे की पहचान करने की तकनीक, आग से निपटने में सक्षम आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर्स की तैनाती की गई है, जो आग की घटनाओं को रोकने और सुरक्षा बढ़ाने केलिए वीडियो और थर्मल इमेजिंग सिस्टम सहित उन्नत तकनीकों से लैस हैं। पहलीबार 100 मीटर तक गोता लगाने में सक्षम अंडरवॉटर ड्रोन संगम क्षेत्रमें चौबीस घंटे निगरानी प्रदान करेंगे। साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट टीम ऑनलाइन खतरों की निगरानी करेगी। सभी पुलिस स्टेशनों में साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। सुरक्षा और आपदा तत्परता बढ़ाने केलिए अत्याधुनिक बहुआपदा प्रतिक्रिया वाहन तैनात किए गए हैं, जो प्राकृतिक आपदाओं से लेकर सड़क दुर्घटनाओं तककी स्थिति से निपटने में सक्षम हैं।
महाकुंभ में शल्य चिकित्सा और नैदानिक सुविधाओं से लैस अस्थायी अस्पताल, भीष्म क्यूब की तैनाती, जो एकसाथ 200 लोगों का इलाज करने में सक्षम है। नेत्र कुंभ शिविर का उद्देश्य गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की दिशा में 5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों की आंखों की जांच करना और 3 लाख से अधिक चश्मे वितरित करना है। भीड़ की सूचना देने केलिए एक समर्पित ऐप आपातकालीन अलर्ट, दिशा-निर्देश और आवास विवरण पर वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। ऑनलाइन पंजीकरण और टिकटिंग आगंतुक प्रबंधन को सुव्यवस्थित करते हैं। अस्थायी वाई-फाई जोन आगंतुकों केलिए कनेक्टिविटी सुनिश्चित करते हुए महाकुंभ नगर के भीतर नेविगेशन केलिए गूगल मैप्स केसाथ एकीकरण नागवासुकी मंदिर के पास 5 एकड़ में फैला यह मंडप यूपी के पर्यटन सर्किट जैसे-रामायण सर्किट, कृष्ण राज सर्किट, बौद्ध सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट को प्रदर्शित करता है और सांस्कृतिक कार्यक्रमों केसाथ एक हस्तशिल्प बाजार की सुविधा देता है।
गंगा और यमुना नदियों में स्वच्छ पानी सुनिश्चित करने केलिए 3 अस्थायी सीवेज उपचार संयंत्र स्थापित किए गए हैं। प्रकाश व्यवस्था केलिए सौर ऊर्जा का उपयोग, पुन: प्रयोज्य सामग्रियों को बढ़ावा देना और एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर, पातालपुरी कॉरिडोर, नागवासुकी मंदिर और हनुमान मंदिर कॉरिडोर का नवीनीकरण किया जा रहा है। महाकुंभ डायरी, कैलेंडर, जूट बैग और स्टेशनरी जैसे महाकुंभ थीम वाले उत्पादों की मांग में वृद्धि केसाथ स्थानीय व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत की विविधता को प्रदर्शित करने वाले बहुभाषी संकेतों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों केसाथ अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों केलिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। इन व्यापक प्रयासों के माध्यम से महाकुंभ 2025 का उद्देश्य न केवल एक धार्मिक सभा है, बल्कि आध्यात्मिकता, संस्कृति, सुरक्षा, स्थिरता और आधुनिकता का एक वैश्विक उत्सव है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]