स्वतंत्र आवाज़
word map

किसान कल्याण व कृषि विकास की 6 सूत्री नीति

कृषि मंत्री की राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक

'कृषि व किसान कल्याण कार्यों को हम तेजगति से आगे बढ़ाएंगे'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 4 January 2025 04:24:50 PM

virtual review meeting of agriculture minister with state agriculture ministers

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में राज्यों के कृषि मंत्रियों केसाथ वर्चुअल बैठक में कृषि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा है, किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है, यही मानकर कृषि मंत्रालय राज्यों के सहयोग से किसान कल्याण एवं कृषि विकास के कार्यों को और बेहतर तरीके से कर रहा है। उन्होंने कहाकि नए वर्ष में नए संकल्पों केसाथ कृषि विकास एवं किसान कल्याण के कार्यों को हम तेजगति से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहाकि किसान कल्याण और कृषि क्षेत्रमें विकास की हमारी 6 सूत्रीय रणनीति है, सबसे पहले उत्पादन बढ़ाना-प्रति हेक्टेयर या प्रति एकड़ उत्पादन कैसे बढ़ सकता है, इसके लिए आईसीएआर लगातार रिसर्च करके उन्नत बीजों की किस्म को जारी करता है। सूक्ष्म सिंचाई योजना, मैकेनाइजेशन, तकनीक का प्रयोग, नई कृषि पद्धतियां आदि अनेकों काम कर रहे हैं। उत्पादन बढ़ाने केसाथ उत्पादन की लागत कैसे घटे? आय को तेजीसे बढ़ाने केलिए उत्पादन की लागत कम करने होगी आदि पर काम कर रहे हैं।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत अबतक 11 करोड़ किसानों को 18 किश्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये (3 लाख 46 हजार करोड़ रुपये) की राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बतायाकि हमारे यहां उत्पादन की लागत घटाने केलिए फर्टिलाइजर पर सब्सिडी की व्यवस्था है, फर्टिलाइजर सब्सिडी जैसे डीएपी अब 1350 रुपए कीमत पर प्रति 50 किलोग्राम की बोरी मिलेगी, इसके लिए 3800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बतायाकि किसान क्रेडिट पर कम ब्याज पर कर्ज की व्यवस्था से लेकर अनेकों उपाय किए गए हैं, किसानों को अपने उत्पादन का ठीक दाम मिले इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की व्यवस्था है। उन्होंने बतायाकि गेहूं और चावल जितना भी आता है, उसे एमएसपी पर खरीदा जाता है। उन्होंने बतायाकि एग्री इंफ्रा फंड केतहत ऋण देनेवाले संस्थान 1 लाख करोड़ रुपये का ऋण देंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि फसल के विधिकरण केलिए भी ध्यान देना आवश्यक है, राज्य भी इस दिशामें अपनी तरफ से बेहतर प्रयास कर रहे हैं, अनाज हो या हॉर्टिकल्चर इनमें लगातार उत्पादन बढ़ा है। बैठक का फोकस राज्यों में कृषि के विषयों पर चर्चा केलिए था।
शिवराज सिंह चौहान ने कहाकि देश के कृषि क्षेत्रमें लगातार प्रगति हो रही है, हमसब इसके लिए लगातार प्रयत्नशील हैं। उन्होंने बतायाकि एक और अभियान जिसके तहत अनियंत्रित केमिकल फ़र्टिलाइज़र के प्रयोग से जो धरती को नुकसान हो रहा है, उसके लिए प्राकृतिक खेती मिशन को बढ़ावा देने केलिए हालही में कैबिनेट ने स्वीकृति दी है, उसे हम सबको मिलकर प्रारंभ करना है। कृषि मंत्री ने कहाकि बजट और योजनाओं के अंतर्गत कोई सुझाव एवं संशोधन की आवश्यकता हो तो उसके संबंध में आवश्यक सुझाव दें। उन्होंने फसल बीमा योजना के संबंध में बतायाकि पहले क्रॉप कटिंग मैन्युअल से नुकसान का आकलन होता था, सरकार ने फैसला लिया हैकि इसे अब सैटेलाइट बेसड यानी रिमोट सेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा, इससे फसल के नुकसान का सही व सटीक आकलन होगा और डीबीटी के माध्यम से उचित समय पर धनराशि हस्तांतरित की जाएगी, अगर कोई बीमा कंपनी क्लेम देने में विलंब करेगी तो उसे धनराशि पर 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा। उन्होंने बतायाकि केंद्र अपने हिस्से की धनराशि तत्काल देगा।
शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों से भी अपील कीकि वह भी ऐसी स्थिति में तत्काल पैसा देने का प्रबंध करें। उन्होंने कहाकि किसानों के हित में मौसम आधारित फसल केलिए भी कई इंतजाम किए जा रहे हैं और किसानों के हित में बीते वर्ष में कई फैसले किए गए हैं। उन्होंने बतायाकि टॉप (टमाटर, प्याज और आलू) फसलों के मामले में कटाई के चरम समय के दौरान उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों केबीच मूल्य का अंतर पाटने केलिए सरकार ने केंद्रीय नोडल एजेंसियों के कार्यों केलिए परिवहन और भंडारण का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहाकि बजट के बारेमें, योजनाओं में सुधार आदि के संबंध में राज्यों से मिलकर सुझावों को साझा करने और उस दिशा में मिलकर कदम आगे बढ़ाएंगे। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]