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'हमें सुरक्षा बलों पर गर्व, वे उच्च प्रशंसा के पात्र'

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का भावी रक्षा अधिकारियों को प्रेरक संबोधन

रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में भारत और मित्र देशों के पेशेवर तैयार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 29 November 2024 12:56:24 PM

president at the defence services staff college

वेलिंगटन (तमिलनाडु)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इन दिनों देश के दक्षिण राज्य तमिलनाडु के दौरे पर हैं। उन्होंने देश के प्रमुख त्रिसेवा संयुक्त प्रशिक्षण संस्थान रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन में एक कार्यक्रम में सशस्त्र बलों के भावी रक्षा अधिकारियों और प्रशिक्षकों को उनके उज्ज्वल भविष्य एवं शानदार करियर की शुभकामनाएं दीं और एक प्रेरणादायक भाषण दिया। राष्ट्रपति ने कहाकि रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज शानदार नीलगिरी की पहाड़ियों केबीच हरे-भरे चाय बागानों, वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता से घिरा हुआ है, इसका भारत और मित्र देशों के सशस्त्र बलों के संभावित अग्रणी और चयनित नागरिक अधिकारियों को प्रशिक्षित एवं शिक्षित करने में अनुकरणीय योगदान है। उन्होंने कहाकि बीते सात दशक में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज ने मध्यमस्तर के अधिकारियों को पेशेवर रूपसे तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है, इसे रक्षा छात्र अधिकारियों के एक संयुक्त बहुसेवा व बहुराष्ट्रीय समूह और पेशेवर रूपसे समृद्ध संकाय होने का अनूठा गौरव प्राप्त है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारतीय सशस्त्र बल देश की सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में सबसे आगे हैं, हमसभी उनका बहुत सम्मान करते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि राष्ट्रीय हितों की निरंतर रक्षा करने में समर्पित सुरक्षा बलों पर हमें गर्व है और हमारे सशस्त्र बल, जो हमेशा राष्ट्र प्रथम की भावना केसाथ सेवा कर रहे हैं, उच्च प्रशंसा के पात्र हैं। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुईकि महिला अधिकारी भी बढ़चढ़कर अब तीनों सेनाओं में विभिन्न इकाइयों की कमान संभाल रही हैं। उन्होंने कहाकि सभी क्षेत्रोंमें महिलाओं की बढ़ती ताकत और भूमिका, विशेषकर युवा लड़कियों केलिए उत्साहजनक और प्रेरणादायक है। उन्होंने सशस्त्र बलों में अधिक से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद जताई, जहां वे असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकती हैं और नए क्षेत्रोंमें अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती हैं। डीएसएससी में प्रतिष्ठित स्टाफ पाठ्यक्रम केलिए चुने जानेवाले सशस्त्र बलों के भावी रक्षा अधिकारियों 26 मित्र देशों के 38 छात्र भी हैं। राष्ट्रपति ने आपसी सहयोग और संबंधों को मजबूत बनाने में अंतर्राष्ट्रीय छात्र अधिकारियों की भूमिका और उनके देशों केसाथ भारत के मित्रतापूर्ण गहरे संबंधों का उल्लेख किया।
राष्ट्रपति ने रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में युद्ध स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की और पूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों से भी मिलीं। राष्ट्रपति ने राष्ट्रसेवा में वीर नारियों के प्रियजनों के सर्वोच्च बलिदान को स्वीकार करते हुए उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर उनके साथ तमिलनाडु सरकार के पिछड़ा वर्ग मंत्री (प्रतीक्षित मंत्री) शिव वी मेय्यानाथन और डीएसएससी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स भी उपस्थित थे। उन्होंने कहाकि भारत तेजीसे आगे बढ़ रहा है और दुनिया रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत में विकास को स्वीकार कर रही है। उन्होंने कहाकि भारत भविष्य की चुनौतियों का सामना करने केलिए सशस्त्र बलों को तैयार रखने के क्रममें स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, देश एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूपमें विकसित हो रहा है और एक विश्वसनीय रक्षा भागीदार एवं बड़ा रक्षा निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है। राष्ट्रपति ने कहाकि तेजीसे बदलते भू-राजनीतिक माहौल में हमें किसीभी स्थिति से निपटने केलिए अच्छी तरह तैयार रहने की जरूरत है, हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखना है, बल्कि साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी नई राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों केलिए भी तैयार रहना है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि ये पाठ्यक्रम छात्र अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारियों केलिए और रणनीतिकारों के रूपमें तैयार करेंगे, जो जटिल परिस्थितियों से प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम होंगे। ज्ञातव्य हैकि वर्ष 1948 में स्थापित डीएसएससी एक प्रमुख त्रिसेवा संस्थान है, जिसका उद्देश्य भारत और मित्र देशों के सशस्त्र बलों के चयनित मध्यमस्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित करना और उनके कौशल को निखारना है। अपनी स्थापना केबाद से कॉलेज ने 2000 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है और 24000 भारतीय अधिकारियों ने इसके पोर्टल पर जानकारी प्राप्त की। कॉलेज के पूर्व छात्र बीते कुछवर्ष में विश्वभर में राष्ट्रों और सेनाओं के प्रमुख बने हैं। राष्ट्रपति ने भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों केबीच संयुक्त कौशल बढ़ाने केलिए की गई पहलों पर विशेष जोर देने केसाथ कॉलेज में आयोजित की जा रही प्रशिक्षण गतिविधियों की सराहना की।

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