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Tuesday 2 January 2018 01:03:33 AM
विजयवाड़ा। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारतीय संस्कृति ने वेदों में वर्णमाला को दिव्य स्थान दिया है और यह इस बात का द्योतक है कि हम पुस्तकों और साहित्य को अत्यधिक महत्व देते हैं। उपराष्ट्रपति आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 29वे विजयवाड़ा पुस्तक उत्सव के उद्घाटन के पश्चात एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं और अच्छी किताबें हमारे जीवनस्तर को बेहतर बनाती हैं, जब हम संकट में होते हैं तो पुस्तकें हमें रास्ता दिखाती हैं। उन्होंने कहा कि एक पुस्तक खोलने का मतलब है कि एक नए संसार से रू-ब-रू होना। वेंकैया नायडू ने कहा कि वैदिक साहित्य में महिलाएं भी समान रूपसे पुस्तकों की रचना करती थीं, गार्गी, मैत्रेयी और ऐसी कई महिलाओं ने अनेक प्रेरक पुस्तकों की रचना की है। उन्होंने कहा कि बुद्धकाल से लेकर तमिल संगमकाल तक कई महिला लेखिकाएं हुई हैं, जिनका साहित्य और विभिन्न रचनात्मक क्रियाकलापों में उल्लेखनीय योगदान है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि वैष्णव परंपरा में अलवरों में दलित महिलाओं ने भी कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं। वेंकैया नायडू ने कहा कि सिनेमा हम लोगों को अत्यधिक प्रभावित करता है, जीवन में सिनेमा संगीत और कला के अन्य रूप शांति और सुकून को भी देता है। उन्होंने कहा कि हमारे महान राष्ट्र के विकास के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एकताबद्ध रहना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने तेलुगु भाषा को बढ़ावा देने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार को बधाई देते हुए कहा कि वे यह जानकर अत्यधिक प्रसन्न हैं कि सरकार ने वर्ष 2018 को तेलुगु भाषा सुरक्षा के लिए समर्पित किया है। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।