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कर अदायगी प्रत्‍येक नागरिक का कर्तव्‍य-नायडू

हैदराबाद में केशव मेमोरियल कॉलेज में हुई राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी

'कर संग्रहण जरूरी, किंतु करदाताओं का शोषण न होने पाए'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 January 2018 12:58:01 AM

national seminar held at keshav memorial college in hyderabad

हैदराबाद। उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 'वित्‍त, विपणन और कराधान के क्षेत्र में मौजूदा चुनौतियां' विषय पर हैदराबाद में केशव मेमोरियल कॉलेज में एक राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी को संबोधित करते हुए कहा है कि प्रत्‍येक नागरिक को कर अदायगी अपना पावन कर्तव्‍य समझना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अगर सरकार को पर्याप्‍त राजस्‍व प्राप्‍त नहीं होगा तो विकास और कल्‍याणकारी योजनाओं को नुकसान पहुंचेगा। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि कर चोरी के मामलों में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी कर्मचारी करदाताओं का अनावश्‍यक शोषण न करें। उन्‍होंने कहा कि अगर शासन में सभी पर पारदर्शिता से जिम्‍मेदारी तय होगी तो सरकार के राजस्‍व में अवश्य वृद्धि होगी।
उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि वस्‍तु एवं सेवाकर का लागू होना भारत में स्‍वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है और अब भारत 'एक देश एक बाज़ार' है। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी ने देश में अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली के स्‍वरूप को बदला है और अब राज्‍य सरकारों तथा केंद्र सरकार के कई करों की जगह एकल कर ने ले ली है, इससे व्‍यापार सुगमता को बढ़ावा मिला है, जो देश में आपसी साझेदारी की विजय है। उन्होंने कहा कि भारत में सकल घरेलू उत्‍पाद और कर का अनुपात वित्‍तवर्ष 2017 में 16.6 प्रतिशत था, जबकि इसी अवधि में अमरीका में 26 प्रतिशत, चीन में 20.1 प्रतिशत और ओईसीडी देशों में 34.3 प्रतिशत था। वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत को सकल घरेलू उत्‍पाद की तुलना में कर संग्रहण को बढ़ावा देने की आवश्‍यकता है, ताकि 21वीं शताब्‍दी की सरकार को पर्याप्‍त निधि उपलब्‍ध हो सके और वह नागरिकों को बुनियादी सार्वजनिक सेवाएं तथा सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर सके।
वेंकैया नायडू ने कहा कि वित्‍तवर्ष 2018 में प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण बढ़कर 18.2 प्रतिशत हो गया है, यह बढ़ोतरी प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष करदाताओं की संख्‍या बढ़ने के कारण हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि 5.9 मिलियन करदाताओं ने वस्‍तु एवं सेवाकर के तहत पंजीकरण करवाया है और वित्‍तवर्ष 2017 में 28.2 मिलियन लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया था। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि विमुद्रीकरण, कालेधन पर विशेष जांच दल का गठन और बेनामी लेनदेन अधिनियम 1988 की अधिसूचना जैसे कई कदमों के कारण बड़ी संख्‍या में आर्थिक गतिविधियां कर के दायरे में आई हैं। उन्‍होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्‍य में मौजूदा बढ़ता हुआ मध्‍यवर्ग भारत के आर्थिक विकास के लिए महत्‍वपूर्ण साबित होगा।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि अ‍ब समय आ गया है कि हमें जनसांख्यिकीय लाभ लेने के लिए युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोज़गार सृजन करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि लाखों की संख्‍या में छात्रों का सिर्फ डिग्री हासिल करना पर्याप्‍त नहीं है, हमें उनको सिर्फ जीविकोपार्जन के लिए ही कौशल नहीं देना, बल्कि उन्‍हें इस योग्‍य बनाना है कि वे दैनिक जीवन में आने वाली चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपट सकें। उन्‍होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली में युवाओं को नैतिकता और मूल्‍यों के प्रति प्रतिबद्ध बनाने की क्षमता होनी चाहिए, छात्रों की शिक्षा का विषय कुछ भी हो, लेकिन उन्‍हें देश की प्राचीन संस्‍कृति और मूल्‍यों के प्रति सजग रहना चाहिए तथा वसुधैव कुटुम्बकम में विश्‍वास रखना चाहिए। इस अवसर पर तेलंगाना के उपमुख्‍यमंत्री मोहम्‍मद महमूद और गणमान्‍य नागरिक भी उपस्थित थे।

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