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Friday 27 April 2018 02:28:52 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सड़क सुरक्षा एक राष्ट्रीय और गंभीर चिंता का विषय है और इससे जुड़े लोगों के सक्रिय सहयोग से ही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या और संबंधित मृत्यु को कम किया जा सकता है। नई दिल्ली में उद्योगों के साथ सड़क सुरक्षा पर एक कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि सड़क दुर्घटना की वजह से विश्व में सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं। उन्होंने उद्योग जगत से जुड़े लोगों और अन्य साझेदारों का सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या 50 प्रतिशत तक कम करने के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया। नितिन गडकरी ने कहा कि इन कुछ वर्षों से कॉरपोरेट, ऑटोमोबाइल विनिर्माता, एनजीओ और सरकारों सहित सभी साझेदारों के इस दिशा में सामूहिक प्रयासों से सड़क दुर्घटना की वजह से होने वाली मौतों की संख्या में केवल मामूली कमी आई है, लेकिन इस संबंध में बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन सुरक्षा और समग्र सड़क सुरक्षा में सुधार के कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना की समस्या से निपटने के लिए उनके मंत्रालय ने 4ई-एजुकेशन, इन्फोर्समेंट, इंजीनियरिंग तथा इमरजेंसी केयर के सिद्धातों को अपनाया है। उन्होंने कहा कि वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बसों के मानकों को बढ़ाया गया है, सभी कारों के लिए एयर बैग और गति सीमा सतर्कता उपकरण अनिवार्य बनाया गया है और फिसलन से बचने के लिए सभी दो पहिया वाहनों में एबीएस की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में पारित किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2017 व्यापक रूपसे सड़क सुरक्षा को प्रोत्साहित करता है, यह विधेयक एक सक्षम, बाधा रहित और एकीकृत मल्टीमोड सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के विकास को प्रोत्साहन देगा। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गं पर 789 संभावित दुर्घटना स्थलों को चिन्हित किया है और प्राथमिकता के आधार पर इन्हें ठीक कराया जा रहा है।
नितिन गडकरी ने कॉरपोरेट जगत से ऐसे और संभावित दुर्घटना स्थलों की पहचान करने के लिए आगे आने का आह्वान किया, ताकि इन्हें दुरस्त किया जा सके। उन्होंने ऐसी तकनीक के साथ कॉरपोरेट जगत को आगे आने को कहा कि जिससे लोगों को बेहतर और सुरक्षित सड़क दी जा सके। उन्होंने कॉरपोरेट घरानों से चालकों के स्वास्थ्य जांच कराने में सहयोग करने का आग्रह किया। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और कहा कि उनके मंत्रालय ने कानून, जागरुकता और क्रियांवयन के तीन सिद्धांतों पर जोर दिया है। उन्होंने दुर्घटनाएं टालने के लिए व्यावहारिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय बदलाव पर जोर दिया है। जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रथम उत्तरदायी प्रशिक्षण, अंगदान जैसी पहलों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना की वजह से होने वाली मौतों और स्वास्थ्य को पहुंचने वाली हानि को कम करने के लिए उनके मंत्रालय ने ‘नेशनल प्रोग्राम फोर ट्रॉमा केयर’ शुरू किया है, ताकि दुर्घटना पीड़ितों के लिए अस्पताल से पहले, अस्पताल में भर्ती और पुर्नवास के दौरान सेवाओं में और सुधार किया जा सके।
सड़क सुरक्षा पर यह कार्यशाला सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सड़क सुरक्षा सप्ताह के एक हिस्से के रूपमें हुई, जिसमें एसोचैम, फिक्की, सीआईआई, सियाम, उबेर, ओला इत्यादि व्यावसायिक संस्थाओं सहित प्रमुख उद्योगों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया। फिक्की स्कूलों में सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान चला रहा है, इस संदर्भ में उसने सड़क सुरक्षा पुरस्कारों की घोषणा करते हुए इसके लिए जल्द ही आवेदन मंगाए जाने को कहा। सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान के तहत दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच के वॉकोथॉन आयोजित किया जाएगा। सीआईआई के 8000 सदस्यों ने अपने परिसर में हेलमेट अनुशासन लागू करने का संकल्प लिया है। उन्होंने व्यावसायिक वाहनों के चालकों के लिए स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम करने का प्रस्ताव रखा है। एसोचैम के प्रतिनिधि ने पहाड़ी इलाकों में सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि वह इसके लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है।
सियाम ने कहा कि वह दुर्घटनाओं की वजहों का बेहतरीन विश्लेषण कर एक डाटाबेस तैयार कर रहा है, ताकि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिल सके। सियाम ने चालक प्रशिक्षण की संख्या 3 गुना बढ़ाने का वादा किया है। उबेर इंडिया ने अगले 6 महीने में 4.5 लाख चालकों को स्वास्थ्य जांच और आंखों की देखभाल कराने का संकल्प लिया, जबकि ओला ने तीन वर्ष के दौरान 10 लाख चालकों को यही सुविधा उपलब्ध कराने का वादा किया। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय लोगों में जागरुकता फैलाने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाता है। इस साल 23 अप्रैल से 29 अप्रैल तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है और इसके केंद्र में स्कूल और व्यावसायिक चालक हैं।