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Monday 11 February 2019 05:05:01 PM
ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो मार्ट में भारत के प्रमुख हाइड्रोकार्बन सम्मेलन और प्रदर्शनी पेट्रोटेक-2019 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री और सीईओ एडीएनओसी डॉ सुल्तान अल अहमद जाबेर को लाइफटाइम अचीवमेंट इंटरनेशनल अवार्ड प्रदान किया। सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा, विदेश से पधारे मंत्री और प्रतिष्ठित प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। धर्मेंद्र प्रधान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न में भारत के लिए ऊर्जा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और इन वर्षों में देश में ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार हुए हैं।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि इन सुधारों ने ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा निरंतरता और ऊर्जा सुरक्षा को मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूपमें निर्धन से निर्धनतम लोगों तक ऊर्जा सुविधा पहुंचाने के हमारे कार्य को गति दी है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विश्व ऊर्जा आपूर्ति और खपत के स्रोतों में महत्वपूर्ण बदलाव का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा कि ओईसीडी देशों से लेकर विकासशील एशिया तक ऊर्जा की खपत में बड़ा बदलाव आया है, इलेक्ट्रिक वाहनों से भी खपत की परिपाटी बदलेगी। उन्होंने कहा कि शेल क्रांति के बाद से अमरीका दुनिया का सबसे बड़ा तेल और गैस उत्पादक देश बन गया है और वह पारंपरिक तेल गतिशीलता को चुनौती दे रहा है तथा किफायती सौर पीवी आपूर्ति मिश्रण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हुए कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने में मदद कर रहा है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विशाल, विश्वसनीय ऊर्जा खपत वाले देश के रूपमें भारत की आवाज़ को सम्मान के साथ सुना जाता है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम तेल आपूर्तिकर्ताओं को भारत और खपत करने वाले समस्त देशों के बारे में जिम्मेदार और उचित मूल्य निर्धारण किए जाने के लिए समझाने में समर्थ रहे हैं, हम नए निवेशकों को आकर्षित करने और नई तकनीकों की शुरूआत करने के लिए अपनी तेल और गैस क्षेत्र की नीतियों तथा दिशानिर्देशों को सरल बनाने और उनमें सुधार लाने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने कहा कि उज्जवला और सीजीडी के विस्तार जैसी योजनाएं खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन तक लाखों साधारण लोगों की पहुंच उपलब्ध कराते हुए बड़े पैमाने पर परिवर्तनकारी साबित हुई हैं, ऐसे कदमों से न केवल परिकल्पित ऊर्जा न्याय का मार्ग प्रशस्त हो रहा है, बल्कि व्यापार के अवसरों और जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ स्थानीय प्रदूषण चिंताओं का भी समाधान हो रहा है।