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Friday 15 February 2019 01:28:00 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रियल एस्टेट क्षेत्र में उद्योग संस्थाओं का आह्वान किया है कि वे अनैतिक प्रक्रियाओं की रोकथाम के लिए आचार संहिता और स्वनियमन तंत्र की संस्थापना करें। दिल्ली में क्रेडाई के तीसरे यूथकोन के अवसर पर युवा उद्यमियों और पेशेवरों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र कुछ विशेष लोगों की अनैतिक प्रक्रियाओं के कारण शीर्ष न्यायालय और सांविधिक उपभोक्ता अधिकार निकायों की गहन जांच के तहत आ गया था।उपराष्ट्रपति ने कहा कि रियल एस्टेट में बढ़ते हुए एनपीए ने न केवल बैंकों को प्रभावित किया है, बल्कि इस क्षेत्र के लिए बैंक ऋण जो 2013 में 63 प्रतिशत थे, वे 2016 में घटकर 17 प्रतिशत रह गए, इस कारण तनाव बढ़ता गया। उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र में उद्योग संस्थाओं से कहा है कि आप अपने ग्राहकों और कर्मचारियों के लिए उतने ही एहसान मंद हैं, जितना आप ऋणदाताओं और सप्लायरों के लिए हैं तथा वित्तीय व्यवहार्यता से अलग यह एक सामाजिक दायित्व है, जिसमें आपका विश्वास भी दांव पर लगा है।
रियल एस्टेट के बारे में सीएजी की नवीनतम रिपोर्ट का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि 95 प्रतिशत रियल एस्टेट डेवलपरों, बिल्डरों और एजेंटों के पास आवश्यक पैन नंबर तक नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि क्रेडाई और रेरा जैसे स्रोतों के सर्वेक्षण से पता चला है कि जिन 3000 संस्थाओं ने सर्वेक्षण किया है, उनमें से 500 ने तो आयकर रिटर्न ही दाखिल नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सीएजी रिपोर्ट संदर्भ का बिंदु होना चाहिए। उन्होंने उद्योग से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और पारदर्शिता तथा क्षेत्र के नैतिक पहलुओं को बढ़ाने के लिए कहा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद में 7.9 प्रतिशत का योगदान है और यह 50 लाख मिलियन से अधिक लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराता है, इसलिएउपभोक्ताओं में अधिक विश्वास पैदा करके पारदर्शी और पूर्व अनुमानित नियामक शासन को मजबूत बनाना आवश्यक था। वेंकैया नायडू ने कहा कि यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था के स्वस्थ, समावेशी और समान विकास के लिए आवश्यक था।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अमृत, हृदय जैसे कार्यक्रम और 100 स्मार्ट सिटीज, 2022 तक सभी के लिए आवास और पीएमएवाई जैसी पहल इस क्षेत्र के लिए अधिक अवसर पेश करती हैं। उन्होंने कहा कि क्रेडाई जैसे संगठनों को नए रोज़गार अवसरों के लिए आवश्यक कौशल सेट प्रदान करने में पहल करनी चाहिए। वेंकैया नायडू ने कहा कि रेरा और जीएसटी जैसे प्रयासों के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र पुनरुद्धार के संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आवास के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूपमें स्वीकार किया है और उन्होंने कहा कि हमारे हाथ में बहुत बड़ा काम है, देश में 19 मिलियन घरों की कमी है और इस कमी से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले 95 प्रतिशत लोग आर्थिक रूपसे कमजोर वर्गों और मध्य आय समूहों से संबंधित हैं। उन्होंने बेहतर अवसरों की खोज में गांवों से बाहर आनेवाले लोगों की बढ़ती हुई संख्या के लिए शहरी क्षेत्रों में सस्ते और पर्याप्त संख्या में आश्रय बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया।