स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली।भारतीय बैडमिंटन ने इस साल नई ऊंचाइयां छुईं। विश्व बैडमिंटन में कई उतार चढ़ाव का सामना करते हुए भारत की साइना नेहवाल ने विश्व के शीर्ष 10 खिलाड़ियों में पहुंचकर अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन में अपनी पैठ जमाई है। साइना ने साल के शुरू में ही सिंगापुर में सुपर सीरीज के सेमीफाइनल में पहुंचकर बेहतरीन प्रदर्शन का दावा जाहिर कर दिया था। हां, उन्हें हांगकांग की मि झू से हार का जरूर सामना करना पड़ा। मगर इसके बाद वह थाइलैंड ओपन के अंतिम आठ में पहुंचने में सफल रही। इस 18 वर्षीय बाला ने बीजिंग ओलंपिक में विश्व की पांचवें नंबर और चौथी वरीयता प्राप्तर खिलाड़ी हांगकांग की वांग चेन को तीन सेट के रोमांचक मुकाबले में परास्त किया, जिससे वह ओलंपिक क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। फिर इसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और सितंबर में योनेक्स चाइनीज ताइपेई ओपन में मलेशिया की लि या लिडिया को हराकर शानदार जीत दर्ज की।
हैदराबाद की इस साइना नेहवाल ने राष्ट्रीय चैंपियन ने युवा राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व जूनियर चैंपियनशिप के खिताब भी अपने नाम किए हैं। साइना इन सब सफलताओं के बाद विश्व रैंकिंग में शीर्ष 10 में पहुंचने में सफल रही,जिसके बाद बैडमिंटन विश्व महासंघ ने उसे 'मोस्ट प्रोमिसिंग प्लेयर ऑफ द इयर' चुना। वर्ष के अंत में दो चीनी खिलाड़ियों के नाम बाहर लेने से वह प्रतिष्ठित विश्व सुपर सीरीज मास्टर्स फाइनल मंक क्वालीफाई करने में कामयाब रही। उसने राउंड रोबिन लीग में विश्व की सातवें नंबर की होंगयान पि और विश्व की 11वें नंबर की मियू चू वांग को शिकस्त दी लेकिन अंतिम चार के फाइनल में उसे विश्व की छठें नंबर की चेन वांग से हार का सामना करना पड़ा।
पुरुषों में चेतन आनंद ने पहले लगातार तीसरी राष्ट्रीय चैंपियनशिप अपने नाम करते हुए कीनिया इंटरनेशनल ओपन स्पेनिशप ओपन और नेपाल ओपन में जीत दर्ज की। इसके बाद वह अपनी शीर्ष फार्म में पहुंच गए। फिर बिटबर्गर और चेक इंटरनेशनल खिताब हासिल कर वह विश्व में 15वें नंबर पर पहुंच गए। इस अर्जुन पुरस्कृत खिलाड़ी ने इंडियन ओपन बेल्जियम ओपन और दुबई ओपन के फाइनल्स में जगह बनाई। चेतन ने जहां एकल में अपने प्रतिद्वंद्वियों को चित्त किया वहीं उनकी पत्नी और और राष्ट्रीय चैंपियन ज्वाला गुट्टा ने युगल में परचम लहराया। ज्वाला ने श्रुति कुरियन के साथ भारत को दो खिताब दिलाए। इन दोनों ने नेपाल इंटरनेशनल सीरीज और केएलआरसी बुल्गारिया ओपन ग्रां प्री खिताब अपने नाम किए। इसके बाद ये दोनों अक्टूबर में योनेक्स डब ओपन ग्रां प्री के सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रही।
यह साल सात बार की राष्ट्रीय युगल चैंपियन के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाला रहा क्योंकि पिछले वर्ष उनकी और उनके पति आनंद को नौकरशाही का शिकार होना पड़ा था, जिससे आलोचकों ने उनके करियर के अंत की ही घोषणा कर दी थी। लेकिन ज्वाला ने सभी आलोचनाओं को पीछे छोड़ते हुएमिश्रित युगल में अपने जोड़ीदार डी वीजू के साथ तीन और खिताब देश को दिलाए।
विश्व की 38वीं नंबर की इस जोड़ी ने नेपाल इंटरनेशनल सीरीज बिटबर्गर ओपन ग्रां प्री और केएलआरसी बुल्गारिया ओपन ग्रां प्री में खिताब जीतकर हैट्रिक की। लेकिन जब पूरा देश इन खिलाड़ियों की सफलता की खुशियां मना रहा था तब शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी अनुप श्रीधर कुछ धमाल नहीं कर पाए। इस 25 वर्षीय बंगलुरु के खिलाड़ी को पिछले साल के प्रदर्शन के बूते पर बीजिंग ओलंपिक का टिकट मिला था और इसके बाद वह विश्व रैंकिंग में 14वें नंबर पर पहुंचकर सर्वश्रेष्ठ भारतीय बैडमिंटन पुरुष खिलाड़ी बन गया, लेकिन साल की पहली तिमाही में पैर में लगी चोट ने उसकी सभी उम्मीदों को तोड़ दिया, जिसके कारण वह लगभग पूरे सत्र तक कोर्ट से बाहर रहा। श्रीधर ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय रैंकिंग टूर्नामेंट में जीत दर्ज करने के बाद प्रोटोन मलेशिया सुपर सीरीज के प्री क्वार्टरफाइनल में जगह तो बनाई लेकिन उप विजेता हून ली से हार का सामना करना पड़ा। इंडोनेशिया ओपन सिंगापुर ओपन और थाईलैंड ओपन में भी हिस्सा लिया लेकिन यहां भी शुरूआती राउंड में ही बाहर होना पड़ा। बीजिंग में उन्होंने कोर्टिसोन का इंजेक्शन लेकर पहले राउंड में पुर्तगाल के मार्को वास्कोनसेलोस को हराया था, लेकिन जापान के शिजो सातो से हार कर बाहर हो गए।