स्वतंत्र आवाज़
word map

ख़तरनाक खंडहर में बदला यह स्कूल!

विजय महाले

यह स्कूल है-this is school

सांची। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सांची का ऐतिहासिक कन्या हाई स्कूल इन दिनों जर्जर अवस्था में है भवन की हालत देख-रेख के अभाव में दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है, जिस कारण स्कूल में कभी भी छात्राओं और वहां से गुजरने वाले राहगीरों के साथ गंभीर हादसा हो सकता है। अभिभावकों का कहना है कि इस जर्जर इमारत में छात्राओं को बैठाकर पढ़ाना शिक्षक एवं छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ से कम नहीं है।

सांची का यह कन्या हाई स्कूल भवन देश की आजादी की लड़ाई के समय का है। इसकी इमारत में छोटे-मोटे मरम्मत कार्य कराये गए परंतु वह समय के साथ नाकाफी रहे हैं। आज इस इमारत की हालत यह है कि इसमें से रोजाना पत्थर खिसक-खिसक कर गिर रहे हैं, जिससे यह स्कूली इमारत कभी भी धराशायी होकर किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है।

इस स्कूल का उन्नयन भी हो चुका है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थानीय छात्र-छात्राओं की मांग पर हाई स्कूल का दर्जा तो दिला दिया है परंतु स्कूल के भवन की दशा सुधारने के लिये उन्होंने कुछ नहीं किया है। जिले के अधिकारी और जन प्रतिनिधि इस मामले में क्या कर रहे हैं और उन्होंने क्या किया है इसका कुछ पता नहीं है। अक्सर सुनने को मिलता है कि फलां स्कूल के भवन में दीवार गिर गई है, छत गिर गई है और बच्चे दब गए हैं, चोटिल हो गए हैं या दुर्भाग्य से मर गए हैं।

इस भवन की दीवार जिस प्रकार दरक रही है उसे देखते हुए कुछ भी कहा जा सकता है। यदि समय रहते इस स्कूली भवन की दशा पर ध्यान नही दिया गया तो स्कूल स्टाफ या बच्चों और यहां से गुजरने वाले राहगीरों के साथ भी कोई भी गंभीर हादसा हो सकता है। स्थानीय निवासी इस स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ा तो रहे हैं लेकिन उन्हें हर वक्त पुराने एवं जर्जर भवन को लेकर संशय रहता है। स्कूल प्रशासन का केवल यह कहना है कि नये भवन या इसकी मरम्मत के लिये वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]