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जंगलों और वन्यजीवों को बचाएं-मुख्यमंत्री

कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान की प्लेटिनम जुबली

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प्लेटिनम जुबली/platinum jubilee

रामनगर (नैनीताल) 15 नवंबर। मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने मंगलवार को रामनगर में कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान की प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम में कहा कि प्रकृति और जीव-जंतुओं के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ न की जाए, हम सभी को प्रकृति के साथ संतुलन बनाकर जीव-जंतुओं की रक्षा करते हुए पर्यावरण को बचाना होगा। मुख्यमंत्री ने कार्बेट प्लेटिनम जुबली समारोह की याद में बनाये जा रहे धनगढ़ी एवं कालागढ़ प्रवेश द्वारों का भी लोकार्पण करते हुए वन्य जीवों पर आधारित फोटोग्राफी एवं कार्बेट पार्क की आनलाईन आरक्षण प्रणाली का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने वन्य जीव संघर्ष में हताहत हुए स्थानीय लोगों को श्रृद्धांजलि दी और प्लेटिनम जुबली पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया। उन्होंने अधिकारियों व कार्बेट पार्क से जुड़े लोगों को प्लेटिनम जुबली की बधाई देते हुए कहा कि मनुष्य प्रकृति के साथ नहीं चलेगा तो प्रकृति मनुष्य को नहीं रहने देगी। उन्होंने कहा कि आज वन्य जीवों, पर्यावरण, नदियों, जंगलों की सुरक्षा, सभी के लिए गंभीर चुनौती है, सभी को इसकी सुरक्षा एवं संवर्द्धन के लिए योजनाबद्ध तरीके से सजग होकर काम करना होगा, हमें विभिन्न विकास योजनाओं के माध्यम से हर व्यक्ति की आवश्यकता पूरी करनी है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में उत्तराखंड ऐसा प्रदेश है, जहां से वृक्ष लगाओ अभियान चालू हुआ, साथ ही वनों को बचाने के लिए एक अभिनव पहल के रूप में प्रदेश के सीमांत जनपद से ‘चिपको आंदोलन’ चलाया गया, जिसकी शुरूआत गौरा देवी ने की, जो अनपढ़ होते हुए भी प्रकृति से अगाध प्रेम करती थी। उन्होंने वन्य जीवों पर आधारित फोटो प्रदर्शनी एवं जागरूकतापरक बागेश्वरी नृत्य नाटिका की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से जन जागरूकता बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि जिम कार्बेट ने उस वक्त बाघों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा का बीड़ा उठाया था, जब लोग बाघों के आतंक से परेशान थे, उनके इस कार्य का परिणाम आज हम सबके सामने है, उनकी ही दूर-दृष्टि का नतीजा है कि आज कार्बेट पार्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाये हुए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जंगलों का घनत्व कम होने के कारण ही मनुष्य एवं वन्य जीवों के बीच टकराव बढ़ रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बाघों एवं वन्य जीवों के असुरक्षित जीवन की चिंता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ करने वाले असामाजिक तत्वों, तस्करों और शिकारियों पर सभी को लगाम लगानी होगी। खंडूडी ने पार्क एवं वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जनभावनाओं के साथ मिलकर बेहतर सामंजस्य स्थापित करने को भी कहा।
प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक डॉ आरबीएस रावत ने मुख्यमंत्री और अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्बेट पार्क पूरे एशिया में एक मात्र पार्क है, जो अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े चार वर्ष में राज्य में स्पेशल टास्क फोर्स, कार्बेट फाउंडेशन की स्थापना हुई एवं आनलाईन आरक्षण प्रणाली भी पार्क में चालू हो गयी है। मुख्य वन संरक्षक जानकारी दी कि राष्ट्रीय स्तर पर कार्बेट पार्क में 38 प्रतिशत बाघों की वृद्धि हुई है। वन विभाग से लोगों को जहां अपेक्षाएं एवं आकांक्षाएं हैं, वहीं वन विभाग के सामने चुनौतियां भी है।
क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और कहा कि वन्य जीवों एवं मानव के बीच टकराव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाये जाने चाहिएं। रामनगर के अधिकांश लोगों का रोजगार पर्यटन से ही जुड़ा हुआ है, इसलिए कार्बेट में वन्य जीवों का जीवन सुरक्षित करने में सभी को सहयोग करना होगा। डीएफओ विवेक पांडेय ने समारोह का संचालन किया। समारोह में प्रसिद्ध छायाकार अनूप शाह ने मुख्य अतिथि को और कार्बेट पार्क निदेशक रंजन कुमार मिश्रा ने कार्यक्रम के अध्यक्ष और विधायक को स्मृति चिन्ह भेंट किये। प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक एसएस शर्मा ने प्लेटिनम जुबली की सफलता पर सभी का आभार व्यक्त करते हुए वन और वन्यजीवन बचाने का आह्वान किया।
जुबली समारोह में परिवहन एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्री बंशीधर भगत, श्रम मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट, आपदा प्रबंधन सलाकार समिति के अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत, मुख्यमंत्री के पर्यटन सलाहकार प्रकाश सुमन ध्यानी, सलाहकार वन्य जीव सलाहकार समिति अनिल बलूनी, भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक मेहरा, भुवन हर्बोला, पालिकाध्यक्ष हाजी मोहम्मद अकरम, पूर्व विधायक भारत सिंह रावत, दर्जा मंत्री भाष्कर नैथानी, कैलाश पंत, डॉ देवीदत्त दानी, विभाग संयोजक राकेश नैनवाल, भाजपा नगर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, आयुक्त कुमायूँ कुणाल शर्मा, आईजी राम सिंह मीणा, जिलाधिकारी निधिमणि त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी धीराज गर्बयाल, मुख्य वन्य संरक्षक ईको टूरिज्म राजीव भरतरी, मुख्य वन्य संरक्षक गढ़वाल डीवीएस खाती, एमडी वन निगम श्रीकांत चंदोला, जीएम वन विकास निगम विनोद सिंघल, पार्क उपनिदेशक सीके कविदयाल, वार्डन यूसी तिवारी आदि मौजूद थे।

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