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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि हमारा लोकतंत्र, हमारी विविधता और हमारी जनसंख्या सभी ऐसी चीजें हैं, जो हमें देश में नवपरिवर्तन के लिए प्रोत्साहित करती हैं, हमारा लोकतंत्र जो पंचायतों और सिविल सोसायटी के कार्यों के जरिये गहरा और व्यापक हो रहा है, वह हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए विविध विचारों को आगे बढ़ाएं। हमारी विविधता एक सुअवसर है, क्योंकि इस बात के सबूत हैं कि नवपरिवर्तन तभी होता है, जब विविधि प्रतिभाओं वाले लोग एक साझा प्रयास करते हैं। जनसंख्या की दृष्टि से भारत युवाओं का देश है, युवा अधीर हैं, परिवर्तन के लिए बेचैन हैं, वे नये-नये परिर्वतन चाहते हैं।
राष्ट्रीय नवपरिवर्तन परिषद के समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि नवपरिवर्तन की हमारी विरासत काफी पुरानी है, हमने सबसे पहले नालंदा और तक्षशिला में ‘यूनिवर्सिटी’ का सपना देखा, हमारा आजादी का संघर्ष, जिसे हमने बिना हथियारों के हासिल किया, वह शांतिपूर्ण विरोध के साथ एक सामाजिक नवपरिवर्तन था, हाल के समय में हमने अनेक क्षेत्रों में नये-नये परिवर्तन किये,जिनमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और ऑटोमोबाइल शामिल हैं, लेकिन हमारे देश में नये परिवर्तन कमोवेश अधिक आमदनी वाले समूहों की जरूरतों को केंद्रित करके ही किये जाते हैं और गरीबों और कमजोर लोगों की समस्याओं का पर्याप्त समाधान नहीं करते। हम नवपरिवर्तन के लिए एक ऐसा प्रतिमान तय करके मार्ग प्रशस्त करना चाहते हैं, जो गरीबी उन्मूलन, जन-स्वास्थ्य, ग्रामीण संचार, कृषि के विकास, पशु पालन के विकास, हरित ऊर्जा और इसी तरह की अन्य चुनौतियों के क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान करे। हमने काम करने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और सूचना का अधिकार प्रदान करके नवपरिवर्तन का अनुभव किया, जबकि खाद्य सुरक्षा का अधिकार अभी मिलने वाला है।
उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि राष्ट्रीय नवपरिवर्तन परिषद ने पहले वर्ष में शिक्षा के जरिये परितर्वन की संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया है, इसे राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क तैयार करने की दिशा में राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के पूर्ववर्ती कार्य पर बनाया गया, जो अंतत: हमारे देश के सभी कॉलेजों को जोड़ देगा। इसमें एक ऐसी यूनिवर्सिटी शुरू करने का प्रस्ताव है जो एक छात्र को किसी अन्य कॉलेज में किसी अन्य विषय का अध्ययन करने का अवसर प्रदान करेगा, जो नेटवर्क का हिस्सा है, इससे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर, में एस्ट्रोफिजिक्स की पढ़ाई करने वाला छात्र जाधवपुर यूनिवर्सिटी में तुलनात्मक साहित्य की पढ़ाई कर सकेगा। इस तरह के सृजनात्मक विन्यासों से नये-नये परिवर्तनों के विकास के लिए ‘नये दिमाग’ पैदा होंगे, अनेक अन्य उपाय भी किये गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कपिल सिब्बल के नेतृत्व में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूल के स्तर पर प्रतिभा को पुरस्कृत करने के लिए इनोवेशन फेलोशिप शुरू की है, इसमें यह भी प्रस्ताव रखा गया है कि हाई स्कूल के छात्रों को स्थानीय इतिहास, पारिस्थितिकी और स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का पता लगाने के काम में लगाय जाए, ताकि वे अपने आस-पास के माहौल के बारे में सजग रहे सकें। इसी तरह स्थानीय लघु उद्यम की प्रतिस्पर्धाओं को बढ़ाने के लिए, राष्ट्रीय नवपरिवर्तन परिषद ने अति सूक्ष्म और मध्यम उद्योग मंत्रालय और सीएसआईआर की सहायता से उद्योग नवपरिवर्तन समूह स्थापित कर रहा है। दो विश्वविद्यालयों ने नवपरिवर्तन के पाठ्यक्रम बनाने के लिए हस्ताक्षर किए हैं, इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय और बड़ौदा का एमएस विश्वविद्यालय शामिल है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि नवपरिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए 13वें वित्त आयोग ने प्रत्येक जिले को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी है, जिसे जिला नवपरिवर्तन सहायता नाम दिया गया है। राष्ट्रीय परिषद की गतिविधियों के पूरक के रूप में राज्य स्तर की नवपरिवर्तन परिषदें स्थापित की गई हैं। प्रसार भारती ने फैसला किया है कि स्थानीय स्तर पर नये परिवर्तनों और स्थानीय स्तर पर नये परिवर्तन करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए। सरकार ने अगले दशक को नवपरिवर्तन का दशक बनाने का इरादा घोषित किया था। भारतीय अर्थव्यवस्था, सामाजिक वृद्धि और विकास की प्रक्रिया में नवपरिवर्तन की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश को आज न केवल विविध चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि कुछ मायनों में इनमें से कुछ विचित्र हैं। उन्होंने सैम और राष्ट्रीय नवपरिवर्तन परिषद में उनकी टीम को बधाई दी, खासतौर से प्रणब मुखर्जी को इस पहल के लिए धन्यवाद दिया।