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नई दिल्ली। भारत ने यूरोपीय यूनियन के साथ व्यापार और निवेश वार्ता पर संतोष प्रकट किया है। दोनों पक्षों के बीच 13वें दौर की यह वार्ता नई दिल्ली में हुई थी। दोनों पक्षों ने वचनबद्धता जाहिर की है कि अगले वर्ष तक एक व्यापक समझौता हो जाएगा। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और वस्त्र मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि समझौते के बाद दोनों पक्षों के बीच माल एवं सेवाओं की बिक्री के अवसर बढ़ेंगे। भारत आए यूरोपीय यूनियन के फ्लेमिश सरकार के मिनिस्टर-प्रेसीडेंट तथा कृषि और अर्थव्यवस्था, विदेश नीति, कृषि और ग्रामीण नीति मंत्री से भेंट के बाद उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा, कि बेल्जियम भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है और यूरोपीय यूनियन में व्यापार के हिसाब से वह दूसरा सबसे बड़ा हिस्सेदार है। दोनों पक्षों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में 14.90 अरब अमरीकी डॉलर का व्यापार हुआ था, जो इसके पहले वाले साल के मुकाबले 52.44 प्रतिशत अधिक था। बेल्जियम को पिछले साल लगभग साढ़े 67 प्रतिशत निर्यात बढ़ा और इसी अवधि में आयात में भी 43 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि हुई। व्यापार संतुलन बेल्जियम के पक्ष में बना हुआ है।
आनंद शर्मा ने बताया कि जिन महत्वपूर्ण क्षेत्रों से पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई वे हैं- आभूषण और हीरे जवाहरात, लोहा और इस्पात, पेट्रोलियम, सिले सिलाए वस्त्र, परिवहन उपकरण आदि। बेल्जियम से आयात की जा रही प्रमुख वस्तुएं हैं- मोती और कीमती रत्न, मशीनरी, जैविक उर्वरक, कृत्रिम रेजिन, प्लास्टिक से बनी चीजें आदि। आपसी व्यापार में फिलहाल आभूषण और हीरे जवाहरात का बोलबाला है। व्यापार में इन जिंसों की हिस्सेदारी लगभग 61 प्रतिशत है।
आनंद शर्मा ने व्यापार में विविधता लाने और नई-नई वस्तुओं को शामिल करने की जरूरत बतायी। संभावित क्षेत्रों में शामिल हैं-संचार, बायोटेक्नोलॉजी, रसायन और मोटर गाडि़यों के कलपुर्जे, ड्रेर्जिंग और निर्माण तथा बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र। भारत में निवेश के अवसरों के संदर्भ में कहा गया कि मूल सुविधा क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। इनमें राजमार्ग, बिजलीघर, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जलमार्ग और औद्योगिक सुविधाएं शामिल हैं। भारत भी बेल्जियम में महत्वपूर्ण निवेशक है, भारत की 50 से ज्यादा कंपनियों ने वहां 1.2 अरब यूरो का निवेश किया है।