स्वतंत्र आवाज़
word map

आसियन में भाग लेने गए प्रधानमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह/prime minister manmohan singh

नई दिल्ली। इंडोनेशिया और सिंगापुर की यात्रा पर जाने से पहले  प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि आसियन की भागीदारी हमारी 'लुक ईस्‍ट' नीति का आवश्‍यक हिस्‍सा हैं। प्रधानमंत्री, बाली, इंडोनेशिया में आयोजित नौंवे 'आसियन' शिखर सम्‍मेलन एवं छठे पूर्वी एशिया शिखर सम्‍मेलन में भाग लेने सिंगापुर गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आसियन के साथ एक समूह के रूप में और आसियन सदस्‍य राज्‍यों के रूप में हमारी भागीदारी के स्‍तर में गुणात्मक वृद्धि हुई है, जो व्‍यापार, निवेश, क्षमता, निर्माण, संयोजन, व्‍यक्ति से व्‍यक्ति एवं संस्‍थागत संबंधों से परिलक्षित होती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम 2010-15 की महत्‍वाकांक्षी भारत-आसियन कार्य योजना से सहमत हैं और मैं आसियन नेताओं के साथ इस कार्य योजना के कार्यांवयन की समीक्षा करूंगा। अगले वर्ष हम आसियन में भागीदारी के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में भारत-आसियन शिखर सम्‍मेलन का आयोजन करेंगे। इस बारे में मुझे बाली में आसियन नेताओं से विचार विनिमय का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूर्वी एशिया शिखर सम्‍मेलन, एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग के निर्माण के लिए मुख्‍य मंच है। इस वर्ष के शिखर सम्‍मेलन में संयुक्‍त राष्‍ट्र एवं रूस का पूर्वी एशिया शिखर सम्‍मेलन प्रक्रिया में औपचारिक प्रवेश होगा। पूर्वी एशिया में विस्‍तृत आर्थिक भागीदारी (सीईपीईए) जैसे आर्थिक समुदाय के सृजन में भारत ने अनेक पहल की हैं।
पूर्वी एशिया शिखर सम्‍मेलन की कार्यसूची में राजनीतिक एवं सुरक्षा जैसे मुद्दे बढ़ रहे हैं। क्षेत्र के देशों में आपदा-प्रबंधन, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद एवं गैर परंपरागत ख़तरों से संबंधित मुद्दों पर चिंता व्‍याप्‍त है। इस सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री को शिखर सम्‍मेलन के मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सहित विश्‍व के अनेक नेताओं से मिलने का अवसर मिलेगा, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति, कंबोडिया के प्रधानमंत्री एवं चीनी राष्‍ट्र परिषद प्रीमियर शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी सिंगापुर की यात्रा महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि सिंगापुर, आसियन में हमारा सबसे बड़ा व्‍यापारिक भागीदार है, सिंगापुर भारत एवं दक्षिण पूर्व एशिया के भारी सहयोग का समर्थक है, सिंगापुर भारत में दूसरा सबसे बड़ा विनियोजक देश है। वर्ष 2005 में हमने सबसे पहले उसी के साथ विस्‍तृत आर्थिक सहयोग समझौता किया था।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]