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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने धर्म के आधार पर आरक्षण का पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान निर्माता भी धर्म आधारित आरक्षण के खिलाफ थे। संविधान सभा में जवाहर लाल नेहरू, मौलाना आजाद, बी आर अम्बेडकर, सरदार बल्लभ भाई पटेल सभी ने इस मजहबी आरक्षण की खिलाफत की थी, अतः धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान के खिलाफ और अनुचित है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से व्यवस्था दी है कि 50 फीसदी आरक्षण के ऊपर आरक्षण नहीं हो सकता है।
नितिन गडकरी ने कहा कि वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए कांग्रेस एक और बटवारे की ओर ले जा रही है। कांग्रेस अल्पसंख्यकों को आरक्षण 9 फीसदी तक बढ़ाने की बात कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव इस आरक्षण को 18 फीसदी तक बढ़ाने की घोषणा कर रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अल्पसंख्यकों को साढ़े चार फीसदी आरक्षण ओबीसी के कोटे से निकाला गया है, उन्होंने पूछा कि कांग्रेस 9 फीसदी तथा सपा 18 फीसदी अल्पसंख्यकों को आरक्षण कैसे देगी? जबकि 50 फीसदी से अधिक आरक्षण संविधान विरोधी होगा जो विधि सम्मत ही नहीं है। इस लोकसभा में संविधान संशोधन के लिए कांग्रेस नीति सरकार के पास आवश्यक दो तिहाई बहुमत भी नहीं है। इस प्रकार से अल्पसंख्यकों के लिए 18 फीसदी आरक्षण मांगकर मुलायम सिंह यादव ओबीसी वर्ग के हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं, मुलायम और कांग्रेस को बताना चाहिए कि वे ओबीसी के हितों पर किस सीमा तक चोट पहुंचाने के लिए तत्पर हैं। पिछड़ों के आरक्षण से ही निकाल कर अल्पसंख्यकों को देने की बात की जा रही है, उन्होंने मुख्यमंत्री मायावती से भी इस पूरे मसले पर अपनी भूमिका एवं मत साफ करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मौन रहकर मायावती कहीं न कहीं सपा और कांग्रेस को समर्थन दे रही हैं।
भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी ने कहा कि गरीबी पूरे भारत की समस्या है, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहते हैं कि देश की सम्पत्ति पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है, जबकि बीजेपी कहती है कि इस पर पहला अधिकार देश के गरीबों का है, चाहे वह किसी संप्रदाय धर्म व जाति के क्यों न हों। बीजेपी उत्तर प्रदेश को बीमार प्रदेश से उत्तम प्रदेश बनाना चाहती है। गडकरी ने उत्तर प्रदेश की जनता से अपील की है कि वह यूपी के विकास के लिए भाजपा का समर्थन करे, कांग्रेस, सपा और बसपा तीनों पार्टियां मिलकर उत्तर प्रदेश को बर्बाद कर रहीं हैं। ये सभी दल केंद्र में एक साथ हैं और यूपी में एक-दूसरे के विरोधी बनने का नाटक करते हैं। जनता को इनके छल को समझना होगा और उप्र विकास, सुशासन व सामाजिक समरसता का देश में उदाहरण बन सके, इसके लिए भाजपा को समर्थन देने के लिए प्रदेश की जनता से उन्होंने अपील की है।
मीडिया का संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने भारतीय जनवादी पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जनवादी पार्टी चार विधान सभा क्षेत्रों में भाजपा के साथ मिलकर अपने प्रत्याशी उतारेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा मजहबी आरक्षण के खिलाफ 23 जनवरी को ’मजहबी आरक्षण हटाओ पिछड़ा आरक्षण बचाओ’ आंदोलन प्रत्येक जिला स्तर पर करेगी। शाही ने घोषणा की कि भाजपा 20 जनवरी से 30 जनवरी तक प्रत्येक विधानसभा स्तर पर ’सत्ता परिवर्तन पदयात्रा’ निकालेगी।